तुला आपलेसे करावे किती ?... |
मयुरेश साने |
4 |
मरण्यात अर्थ नाही |
गंगाधर मुटे |
10 |
आता काही देणे घेणे उरले नाही |
गंगाधर मुटे |
5 |
मौनाचं वादळ |
जयवी |
18 |
गंधवार्ता |
गंगाधर मुटे |
14 |
तरीही तिने मुस्कुरावे कशाला ?... |
मयुरेश साने |
11 |
शब्द मागती ते - लिहिण्या अजून शाई... |
मयुरेश साने |
15 |
अजून श्वास पाळती ! तुझ्या खुणा पुन्हा पुन्हा........ |
मयुरेश साने |
13 |
(पोट मागते ते - चरण्या अजून काही...) |
नगरीनिरंजन |
7 |
किनारा |
शैलेन्द्र |
8 |
नवा दे घाव वेदनांना........... |
मयुरेश साने |
0 |
आई...मिटलेला श्वास - ११ |
गणेशा |
1 |
बाबा !! |
प्रकाश१११ |
2 |
३. माहेर .. एक आठवण.. |
गणेशा |
2 |
२. कारण लग्न करुन तु सासरी गेली आहेस |
गणेशा |
5 |
नसतेस घरी तू तेव्हा... "फणसाची फुले" ( विडंबन ) (Nasates Ghari Tu Tevha...) |
बोलघेवडा |
10 |
कशी बदलून जाते ही सुंदर सकाळ !! |
प्रकाश१११ |
3 |
का शब्द मी निघालो खोडून वाचलेला?.... |
मयुरेश साने |
2 |
आताशा मी ग्लास रिकामे मदिरेचे करतो |
केशवसुमार |
10 |
मन पखरु |
अनिल आपटे |
2 |
म्हातारपणीची प्रार्थना |
अरुंधती |
20 |
आई... मिटलेला श्वास.. १० |
गणेशा |
3 |
खाजकविता २ - दाढी , झुरळ आणि कविता... |
कानडाऊ योगेशु |
10 |
मंद सुगंधी रात करीतसे घात- समस्यापुर्ती (३) |
अरुण मनोहर |
41 |
आई..मिटलेला श्वास - २ |
गणेशा |
3 |
प्रतिभावंत !! |
प्रकाश१११ |
2 |
आई..मिटलेला श्वास - ३ |
गणेशा |
2 |
आई.. मिटलेला श्वास ... ४ |
गणेशा |
9 |
अधुरी प्रेम कहाणी |
अविनाशकुलकर्णी |
2 |
जीव गुंतला ( चाल : खेळ मांडला ) |
गणेशा |
4 |
सगळे बहाणे माफ आहेत प्रेमात !! [नवीन ] |
प्रकाश१११ |
2 |
सगळे बहाणे माफ आहेत प्रेमात !! |
प्रकाश१११ |
0 |
रक्षण |
नगरीनिरंजन |
3 |
आई ... मिटलेला श्वास.. ९ |
गणेशा |
2 |
बघ कशा संवेदना गातात माझ्या |
मयुरेश साने |
6 |
चांदणं... तुझं |
जयवी |
7 |
माझिया केसानो!! |
रमणरमा |
4 |
परदेशी गेलेल्या मुलास ......./ |
प्रकाश१११ |
6 |
प्रतिबिम्ब |
मूकवाचक |
4 |
परदेशी गेलेल्या मुलास ......./ |
प्रकाश१११ |
0 |
म्हातारा |
प्रकाश घाटपांडे |
5 |
चुंबिण्या येऊ नको तू............ |
मयुरेश साने |
7 |
आई ... मिटलेला श्वास.. ८ (मनपक्षी माखले सारे) |
गणेशा |
3 |
अनंत शुभेच्छा !! |
प्रकाश१११ |
2 |
फार पडझड झालीय ह्या शरीराची !! |
प्रकाश१११ |
2 |
तुला ना कळे लोचनांची कहाणी.. |
राघव |
1 |
बनवा झटपट कविता (समस्यापुर्ती) |
अरुण मनोहर |
7 |
आरती भ्रष्टाचाराची - |
विदेश |
0 |
काढला संग्रह कवितांचा - |
विदेश |
4 |
..दाढी आणि खाज.. |
कानडाऊ योगेशु |
2 |
..मी गरुडभरारी घेता... |
कानडाऊ योगेशु |
9 |
(((निशाण))) |
अवलिया |
12 |
मी पुरुष बिच्चारा |
गणेशा |
7 |
भस्म्या |
अरुण मनोहर |
3 |
हलक्या फुलक्या पिसासारखे फुलपाखरू !! |
प्रकाश१११ |
1 |
नाग !! |
प्रकाश१११ |
1 |
आई !!! |
प्रकाश१११ |
4 |
आई.. मिटलेला श्वास - ६ |
गणेशा |
5 |
विसर- भुकेचा |
अरुण मनोहर |
2 |
आई.. मिटलेला श्वास - ७ |
गणेशा |
2 |
(भांडणं..तिचं) |
बेसनलाडू |
3 |
पाउस असा बघावा .....!!! |
प्रकाश१११ |
1 |
((निशाण)) |
नगरीनिरंजन |
7 |
मठ्ठपणाचा भाव असणारी दुपार !! |
प्रकाश१११ |
4 |
शब्द्-छल |
अरुण मनोहर |
2 |
न-निशाण |
तिमा |
2 |
(पडुन आहे गात्र कुजुनि) |
मेघवेडा |
20 |
घोषणा झाली... |
अजय जोशी |
9 |
(निशाण) |
अवलिया |
11 |
'आलेख' |
स्पंदना |
15 |