नवे लेखन
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मिसळपाव.कॉमवर प्रकाशित झालेले सर्व प्रकारचे नवीन साहित्य येथे बघता येईल.
प्रकार | लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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राजकारण | आप की बदमाशियोंके.... | विकास | 514 |
जे न देखे रवी... | (चार दिवस मिळाले असता ) | कर्नलतपस्वी | 8 |
जनातलं, मनातलं | मौन! | Bhakti | 60 |
जनातलं, मनातलं | पाकिस्तानने भारतावर परमाणू अस्त्र वापरलं आणि भारताने आपलं— | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जनातलं, मनातलं | माझी नर्मदा परिक्रमा | Narmade Har | 53 |
जनातलं, मनातलं | प्रश्न एवढाच आहे की, तुम्हाला कोणत्या प्रकारची व्यक्ती व्हायचं आहे? | श्रीकृष्ण सामंत | 2 |
जनातलं, मनातलं | ( लपविलास तू तगडा खंबा – डोम्बलडन ) | चौथा कोनाडा | 18 |
काथ्याकूट | शहजाद पुनावाला मुलाखत | चौकस२१२ | 9 |
जनातलं, मनातलं | मक्केतील उठाव १ | हुप्प्या | 46 |
काथ्याकूट | मध्यम वर्ग: मतदान प्रति अनास्था | विवेकपटाईत | 175 |
जनातलं, मनातलं | माझ्या वहितला एक उतारा,-मनोदशा (mood ). | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
भटकंती | भारताबाहेरचा भारत -अंदमान १ | राजेंद्र मेहेंदळे | 32 |
राजकारण | २०२४ लोकसभा निवडणूक. | अमरेंद्र बाहुबली | 267 |
जे न देखे रवी... | त्या तरूतळी | अनन्त्_यात्री | 4 |
जे न देखे रवी... | ओशाळलेल्या नजरेत माझा ध्यास होता | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जे न देखे रवी... | ओशाळलेल्या नजरेत माझा ध्यास होता | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जे न देखे रवी... | काय करावे | श्रीकृष्ण सामंत | 3 |
जनातलं, मनातलं | ढग हे माझे अनोळखे खरे मित्र. | श्रीकृष्ण सामंत | 3 |
जनातलं, मनातलं | नॉर्वेच्या दरीखोर्यातून.... भाग अंतिम | मितान | 40 |
जनातलं, मनातलं | नॉर्वेच्या दरीखोर्यातून.... भाग ४ | मितान | 22 |
जे न देखे रवी... | अनमोल आहे जीवन अपुले मित्रांनो | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जनातलं, मनातलं | शिकार... | जयंत कुलकर्णी | 7 |
राजकारण | संदेशखालीतील शहाजहानची मोगलाई! | मुक्त विहारि | 253 |
जनातलं, मनातलं | वरवर लहान वाटणारे अनुभव. | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जनातलं, मनातलं | एक अचानक मिपाकट्टा : चिंचवड | चौथा कोनाडा | 33 |
मिपा कलादालन | मडिकेरी ( कूर्ग ) - एक धावती सहल | कंजूस | 27 |
काथ्याकूट | मनात आले ते... तसे... | असा मी असामी | 40 |
जनातलं, मनातलं | प्रत्येक नगरात एक भारतीय युद्ध नायकांचा स्मरणपथ आणि मैदान | निनाद | 26 |
जे न देखे रवी... | मिसळाख्यान | शैलेश | 8 |
जनातलं, मनातलं | संस्कृती.. | मिसळपाव पंचायत समिती | 19 |
काथ्याकूट | फायनान्शियल गोल्स सेटिंग | kvponkshe | 22 |
जनातलं, मनातलं | अर्धा कप दुध... | कर्नलतपस्वी | 17 |
जनातलं, मनातलं | "जीवन पूर्णतः जगा" म्हणजे काय रे भाऊ? | श्रीकृष्ण सामंत | 1 |
काथ्याकूट | सिनेमे | कॉमी | 109 |
जनातलं, मनातलं | त्याच्या सारखा नशिबवान तोच. | श्रीकृष्ण सामंत | 1 |
जनातलं, मनातलं | अत्तर | बिपीन सुरेश सांगळे | 0 |
जे न देखे रवी... | सुंदर गीते ही स्मरणात येती | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जनातलं, मनातलं | जागतिक तापमानवाढ - सर्वेक्षण | मिसळपाव | 46 |
जनातलं, मनातलं | आतुरतेने वाट पाहत आहे तो चित्रपट | चौकस२१२ | 7 |
जनातलं, मनातलं | आ. ई. तु झी. आ. ठ. व. ण. ये. ते | श्रीकृष्ण सामंत | 20 |
जनातलं, मनातलं | लेखक | भागो | 0 |
जनातलं, मनातलं | लागट बोलणं | श्रीकृष्ण सामंत | 24 |
जनातलं, मनातलं | आझमचाचा! (२) | श्रावण मोडक | 22 |
जनातलं, मनातलं | चाय की चर्चा.. | आजी | 21 |
जे न देखे रवी... | चार दिवस मिळाले असतां हसू खेळून निभवावे | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जनातलं, मनातलं | गाढ झोपेतलं माझं स्वप्नं. | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
काथ्याकूट | २१ लाखाचे स्वयंवर | शशिकांत ओक | 38 |
जनातलं, मनातलं | निसर्ग सृष्टीचं सादरीकरण | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जनातलं, मनातलं | नॉर्वेच्या दरीखोर्यातून.... भाग ३ | मितान | 28 |
जे न देखे रवी... | कसं जमतं तुला (डुआयडी काढणं) | टवाळ कार्टा | 39 |
काथ्याकूट | मोदी तो गयो? तो फिर ,अबकी बार किसकी सरकार ? | वडगावकर | 60 |
जनातलं, मनातलं | “आनंदी असणं म्हणजे काय हो भाऊसाहेब?” | श्रीकृष्ण सामंत | 3 |
जनातलं, मनातलं | संगीत | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जे न देखे रवी... | अक्षय्य तृतीया | बाजीगर | 10 |
जनातलं, मनातलं | धटिंगण रॉ आणी वॉशिंग्टन पोस्ट ची कावकाव | वडगावकर | 105 |
जनातलं, मनातलं | न्यूत की द्यूत? | माहितगार | 19 |
जनातलं, मनातलं | नॉर्वेच्या दरीखोर्यातून.... भाग २ | मितान | 39 |
जनातलं, मनातलं | नॉर्वेच्या दरीखोर्यातून.... भाग १ | मितान | 27 |
जे न देखे रवी... | 'उरा'तली सर! | मेघवेडा | 38 |
राजकारण | गूगल ट्रेन्ड्स २०२४ | माहितगार | 51 |
जनातलं, मनातलं | मिपा वाचकापैकी काही टीकाकारानो, माझ्यावर तुम्ही--- | श्रीकृष्ण सामंत | 27 |
जनातलं, मनातलं | सोनचाफ्याची फुलं आणि तो स्पर्श(भाग २) | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जे न देखे रवी... | रोबोटमय जगाने लावला माणसाचा पुर्नशोध | माहितगार | 5 |
जे न देखे रवी... | एआय रोबोट प्रोफेसर | माहितगार | 4 |
जनातलं, मनातलं | समुद्राच्या लाटांवर माझ्या विचारांची खलबल. | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
विशेष | गोष्ट एका बॉम्बस्फोटाची | सविता००१ | 33 |
जनातलं, मनातलं | माझी नर्मदा परिक्रमा : इंद्रावती नदीत गोमातेकरवी वाचवले प्राण | Narmade Har | 9 |
जनातलं, मनातलं | पटलं तर व्हय म्हणा ! ! | सस्नेह | 78 |
जनातलं, मनातलं | वाट पहाणं | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
जनातलं, मनातलं | सोनचाफ्याची फूलं आणि तो स्पर्श | श्रीकृष्ण सामंत | 6 |