घुबडाच्या मागे लागले कावळे हजार ...!! |
प्रकाश१११ |
3 |
अमेरीकन भ्रमनिरास |
गणेशा |
19 |
किती दिवस झाले माहेराला गेले नाही |
पाषाणभेद |
6 |
<परततीचाच प्रवास> |
विजुभाऊ |
4 |
एक घर विकत घ्यायचे आहे ..!! |
प्रकाश१११ |
5 |
' सुखाचा ठेवा -' |
विदेश |
5 |
मुक्तता |
अभिषेक९ |
1 |
(पारावरचं आत्मचरित्र) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
26 |
याहो याहो पाव्हणं तुम्ही |
पाषाणभेद |
1 |
एकच प्याला आज रिता झाला-भाग ४ |
मनराव |
2 |
(पाठीखालच्या भागावर ) |
अडगळ |
9 |
आकाशातील मी घन काळा |
गणेशा |
4 |
दारासमोरचा रस्ता |
अवलिया |
25 |
मैत्रीचे गणित - |
विदेश |
3 |
'च' |
नाहिद नालबंद |
11 |
तोतयांची, फक्त... |
अजय जोशी |
6 |
<< प्रेमदिनाच्या खस्ता >> |
सुहास.. |
23 |
मी माझ्यात बंद ....!! |
प्रकाश१११ |
3 |
एकच प्याला आज रिता झाला-भाग ३ |
मनराव |
1 |
हे कवितेचे झाड....!! |
प्रकाश१११ |
5 |
मुलीची आई |
शुचि |
15 |
स्वप्न बघायला हरकत काय ..!! |
प्रकाश१११ |
6 |
न लगे कोठे, शोधे तुज माझे मन |
एकमाणुस |
0 |
प्रतिक्रीया.. की अवांतर?? |
परिकथेतील राजकुमार |
25 |
दैव आज हरवले! |
स्वैर परी |
8 |
एकच प्याला आज रिता झाला- भाग २ |
मनराव |
4 |
अन्तर्यात्रा |
मूकवाचक |
9 |
अंतर्नाद |
दत्ता काळे |
4 |
आठवण...( की विसर??) |
हरिप्रिया_ |
3 |
एकच प्याला आज रिता झाला-भाग १ |
मनराव |
5 |
फक्त मिसळपावमुळे |
अनिल आपटे |
8 |
माता ही घाबरी --- |
विदेश |
9 |
वाटंतं.... |
झंम्प्या |
7 |
गच्च मिठी शहारलेली |
गणेशा |
7 |
तेव्हाही तो पाऊस वेगळाच होता |
माझीही शॅम्पेन |
4 |
एक खिडकी , एक मुलगी |
माझीही शॅम्पेन |
14 |
जुने वाडे जमीनदोस्त ..!! |
प्रकाश१११ |
3 |
कट्टी अलमट्टीशी |
शरदिनी |
14 |
महाराष्ट्र्गीत |
पिनुपवार |
5 |
लफंगा भूंगा |
श्रीकृष्ण सामंत |
3 |
यांच असं का होतं ते कळतं नाही ... विचारवंताना समर्पित ! |
छोटा डॉन |
35 |
आजकाल कावळ्याचे खिडकीवर बसून ...!! |
प्रकाश१११ |
5 |
कर्तव्यनिष्ठ दधीचीचा कर्मदरिद्री अस्थिभंग |
शरदिनी |
37 |
गझल |
प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे |
19 |
राख होऊन मेला : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
10 |
वॅलेंटाईन भेट प्रवास |
गणेशा |
8 |
कविता का सुचली ... |
अभिषेक९ |
2 |
कसे दिवस मस्त होते ...!! |
प्रकाश१११ |
4 |
नभी उठतो बुलंद आवाज मराठीचा |
गणेशा |
5 |
चला दोस्तहो सैपाकावर खर्डू काही ! |
केशवसुमार |
23 |
पण...बंड करणार नाही... |
अमोल देशमुख |
4 |
पुढार्या,तू मंञी होणार ! |
विदेश |
2 |
कसा घट्ट आपलेपणा ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
माझा देश ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
दु:ख आता फार झाले |
गंगाधर मुटे |
5 |
बायका |
नाहिद नालबंद |
12 |
कारण लग्न करुन तु सासरी गेली आहेस ... |
गणेशा |
5 |
शाळेतले झुरळ |
अमित करकरे |
6 |
डासाचे गाणे |
अमित करकरे |
3 |
कसे उदास नि बेचव वाटते हे आयुष्य ..!! |
प्रकाश१११ |
6 |
चंद्रावरती बांधलाय बंगला ..!! |
प्रकाश१११ |
5 |
ते गांव माझे.. |
प्राजु |
29 |
(सख्या चला बागामधी) |
अडगळ |
8 |
नेते नरमले |
गंगाधर मुटे |
4 |
शिळा घास होता |
मयुरेश साने |
5 |
आई..मिटलेला श्वास - १ |
गणेशा |
11 |
रावणाला कोणी मारला ? |
नाहिद नालबंद |
14 |
स्वप्न |
नाहिद नालबंद |
7 |
आई मिटलेला श्वास १३: स्वप्नथेंबांची पालखी |
गणेशा |
4 |
एका झाडाचा मृत्यू ..[?] |
प्रकाश१११ |
5 |