अशीच एक राधा .... |
गणेशा |
8 |
धोतर फ़ाटेपाव्तर : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
6 |
स्वताच्या पोटाला चिमटा घेत ...!! |
प्रकाश१११ |
8 |
ते गाणे ...!! |
प्रकाश१११ |
6 |
नार देखणी..(लावणी) |
प्राजु |
21 |
आपले शब्द छान मित्र झाले आहेत ..!! |
प्रकाश१११ |
8 |
तारुण्य ..!! |
प्रकाश१११ |
5 |
नवे साल गाणे जुने गात आहे... |
मयुरेश साने |
2 |
रजनीकांत |
महेश काळे |
2 |
आवर्तन..... |
स्पंदना |
8 |
वैशाख छाया |
अरुण मनोहर |
6 |
माझ्या शेतावरचे काळे ढग...!! |
प्रकाश१११ |
4 |
उंदीरमामा आणि मनीमावशी - |
विदेश |
16 |
तुमचे शोकेसमध्ये ठेवल्यासारखे आयुष्य ...!! |
प्रकाश१११ |
8 |
आम्ही कविता करतो |
असुर |
9 |
मकरसंक्रांतीच्या दिवशी सुचलेली एक कविता..... |
मृगनयनी |
25 |
काव्यक्षण (कविता संग्रह) |
निमिष सोनार |
3 |
' नववर्षी-संकल्प ' जाणता ... |
विदेश |
0 |
नाती |
अभिसरिका |
0 |
मन! |
राघव |
13 |
मिसळपाव- एक कुरण.. |
प्राजु |
50 |
काय असते कविता ? |
गणेशा |
2 |
एका डॉक्टरच्या कविता-४: व्यथा |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
5 |
मस्त थंडी घट्ट बर्फाळलेली ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
मी पण एक कविता करणार आहे ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
'पाकनिष्ठ' कांदा, लुडबूडतो कशाला? |
गंगाधर मुटे |
15 |
शब्दांचे भरघोस पिक ..!! |
प्रकाश१११ |
3 |
... |
अभिषेक९ |
6 |
चल बाळा आपण पतंग घेवू |
पाषाणभेद |
1 |
नाही ... (गझल) |
स्वानंद मारुलकर |
5 |
वाटले होते...! |
यशोधरा |
19 |
बायको : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
19 |
प्रच्छन्न प्रोमेथियसचे प्रमाथी प्राक्तन |
शरदिनी |
42 |
एकास तीन |
अवलिया |
13 |
इतिहास |
स्पंदना |
18 |
नव्या वर्षाची हीच जिंगळ..... |
विजुभाऊ |
5 |
(कांदे पोहे) ... नीगेटीव्ह शेड |
गणेशा |
3 |
निष्पर्ण वृक्षावर पक्षी घरटी नाही बांधत !! |
प्रकाश१११ |
4 |
(घट डोईवर घट कमरेवर) |
मेघवेडा |
22 |
भारी पडली जात |
गंगाधर मुटे |
5 |
एक अबोल प्रेम फुललेच नाही !! |
पावसाची परी |
13 |
किती वर्षाने असे निवांतपण ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
मी एन आर आय कसा? |
बहुगुणी |
14 |
आरती गुरूदत्ताची |
पाषाणभेद |
2 |
घट पोटावर घट कमरेवर... |
केशवसुमार |
17 |
कांदे पोहे... |
गणेशा |
7 |
कसे वर्ष गेले हरवून ...!!! |
प्रकाश१११ |
2 |
पाउलखुणा |
गणेशा |
2 |
सांजवेळी सोबतीला.. |
मयुरेश साने |
2 |
लतादेवीची आरती |
JAGOMOHANPYARE |
2 |
किती सांगू मी आनंद झाला- |
विदेश |
2 |
अर्धवट |
विश्वेश |
2 |
कधीही काहीही होऊ शकते ..!! |
प्रकाश१११ |
3 |
नूतन वर्षाच्या शुभेच्छांसाठी |
भाववेडा |
2 |
नुतनवर्षास.... |
गंगाधर मुटे |
1 |
चारोळी : नव्या वर्षाचा नवा थाट!! |
निमिष सोनार |
2 |
लाखाचा असो वा कोटीचा, तुमचे आमचे सेम असते.......... |
अमोल देशमुख |
7 |
नुसतेच ! |
विश्वेश |
3 |
कडेलोट ! |
विश्वेश |
1 |
किशन बिहारी नुर....३ ( रोमेंटीक ) |
अश्फाक |
4 |
किशन बिहारी नुर....२ |
अश्फाक |
11 |
शेतकरी गीतः आम्ही शेतात कसणारे शेतकरी |
पाषाणभेद |
2 |
मतिमंद |
तिमा |
1 |
खरे काय नी खोटे काय ? |
दत्ता काळे |
4 |
युगलगीतः आपला संसार सुखाचा करूया |
पाषाणभेद |
1 |
सगळेच अवघड होऊन बसले आहे ...!! |
प्रकाश१११ |
1 |
Now we are only two :: टू वन्स आर टू :: बे एके बे |
पाषाणभेद |
3 |
किशन बिहारी नुर...१ |
अश्फाक |
17 |
माझे खोलपण असेच उथळ उथळ |
फ्रॅक्चर बंड्या |
4 |
कंटाळून गेलेय ...!!! |
प्रकाश१११ |
4 |