प्रार्थना ...!! |
प्रकाश१११ |
3 |
जगावेगळे विश्व कवीचे - |
विदेश |
2 |
नूतन मराठीचा गौरव |
युयुत्सु |
1 |
<>आपलं कसं जमणार<> |
परिकथेतील राजकुमार |
33 |
सावध व्हावे हे जनताजन |
गंगाधर मुटे |
2 |
अंतर्धान अस्तित्व माझे ... |
गणेशा |
1 |
तुझी माझी प्रित होती |
पाषाणभेद |
4 |
अग्नि.. |
ज्ञानराम |
3 |
ती येणार आहे ...!! |
प्रकाश१११ |
8 |
एका डॉक्टरच्या कविता-३: रिटायरमेंट |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
7 |
किम्म्त .. विचारांची .. |
गणेशा |
5 |
जा जग !! .. (अध्यात्मिक कदाचीत) |
गणेशा |
1 |
घराच्या खाणाखुणा लक्षात ठेवाव्यात अशी घरे ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
व्यथा वार्धक्याची |
अनिल आपटे |
3 |
सूर तेच छेडिता |
यकु |
15 |
मध्यरात्र..!! |
प्रकाश१११ |
5 |
नमस्ते, सचिन... |
सुभाष् अक्कावार |
1 |
नवरत्नहार |
मूकवाचक |
5 |
लेवू दे निळाई.. |
स्वानंद मारुलकर |
3 |
(गाडी सुटली , रुमाल हलले) |
अडगळ |
12 |
एका डॉक्टरच्या कविता: दोन: एक संवाद |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
14 |
एका डॉक्टरच्या कविता-१: ड्यूटी |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
10 |
आक्रोष |
चन्द्रशेखर गोखले |
4 |
(एक बाई ठेवावी म्हणतोय!) |
पिवळा डांबिस |
25 |
जख्ख अशी म्हातारी !! |
प्रकाश१११ |
6 |
एक बायको करावी म्हणतोय |
गणेशा |
16 |
बंडूच्या स्वप्नातच येते - |
विदेश |
1 |
संजयदॄष्टी |
चन्द्रशेखर गोखले |
0 |
युगलगीतः मला वाजतीया थंडी |
पाषाणभेद |
3 |
पुन्हा तुझीच वाट पहात आहे |
गणेशा |
1 |
जख्ख अशी म्हातारी !! |
प्रकाश१११ |
0 |
जे प्रेम करून लग्न करतात ...!! |
प्रकाश१११ |
6 |
आदाब अर्ज है ! |
अश्फाक |
8 |
प्रवास मी एकटीच करते... (गीत) |
गणेशा |
1 |
कवितेचे झाड !! |
प्रकाश१११ |
3 |
काय करू मी बाई सांगा तरी काही |
पाषाणभेद |
1 |
हळूच द्या मज झोका कान्हा |
पाषाणभेद |
4 |
एक आठवण |
संजयशिवाजीरावगडगे |
4 |
भिजल्या डोळ्यासही ना काही वाटले |
गणेशा |
5 |
प्रेम |
संजयशिवाजीरावगडगे |
3 |
तार मनाचे दे झंकारून |
गंगाधर मुटे |
1 |
आम्ही काय म्हणूं धार्मीक |
पाषाणभेद |
1 |
पानगळ सुरु झाली आहे !! |
प्रकाश१११ |
3 |
युगलगीत : आलीया थंडी, साधूया संधी, चल पेटवू शेकोटी |
पाषाणभेद |
5 |
काही नाती ....... |
संजयशिवाजीरावगडगे |
1 |
आसवे तो हुंदका टाळुन गेली.............. |
मयुरेश साने |
3 |
अंगाई |
धनंजय |
9 |
आंब्याची चव चाखून बघा |
पाषाणभेद |
4 |
आई .. मिटलेला श्वास.. १२ |
गणेशा |
1 |
माणुसकीचा झरा ..!! |
प्रकाश१११ |
0 |
जा रे कान्हा नटखट : गौळण (नाट्यगीत) |
गंगाधर मुटे |
3 |
गझल |
यशोधरा |
41 |
६: पाउलखुणा |
गणेशा |
1 |
कुणा कुणाचा आदर्श डोळ्यासमोर ठेवायचा ?? |
प्रकाश१११ |
1 |
तो कवी..ती कवियित्री.. |
कानडाऊ योगेशु |
8 |
चोरटा मुरारी - गौळण |
गंगाधर मुटे |
11 |
५ : मी ..एक स्त्री |
गणेशा |
4 |
जागरण गोंधळ : आई देवी अंबेचा जागर मी करीतो |
पाषाणभेद |
5 |
वृद्धाश्रमातील ते खिन्न डोळे !! |
प्रकाश१११ |
10 |
माझ्या देशात राहणाऱ्या बाबास ..!! |
प्रकाश१११ |
6 |
चेंडू मारियेला |
गंगाधर मुटे |
5 |
४ : वर्तुळ.. गती..परीघ.. |
गणेशा |
2 |
वेणी सोडुनिया : गौळण |
गंगाधर मुटे |
6 |
कत्तलखाना !! |
प्रकाश१११ |
9 |
मास्तरांच्या छडीसारखे कठोर दिवस !!... |
प्रकाश१११ |
7 |
धान्यापासून बनवा दारू ...!! |
प्रकाश१११ |
2 |
शिखर त्यांनी गाठलेले - |
विदेश |
2 |
आपण सारे शिर्डीला जावूया |
पाषाणभेद |
9 |
नदीवर धुणे धुणार्या बायका !! |
प्रकाश१११ |
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किती चाटणार भारतपुत्रा? : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
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