अर्धसत्य.. |
विसोबा खेचर |
8 |
निओ-अद्वैती पसायदान |
मूकवाचक |
6 |
वसंत काव्य मालेत पुष्प गुंफायला निमंत्रण.... |
शशिकांत ओक |
22 |
आभाळाच्या मांडवाला भुई ची रे हाक |
गणेशा |
17 |
मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा? |
पाषाणभेद |
7 |
तुझे भास होते |
क्रान्ति |
10 |
अताशा मला हे असे काय होते |
अरुण मनोहर |
3 |
दोन छोटे |
अरुण मनोहर |
6 |
लई दिसांची मी खाल्ली नाही शिरापुरी |
पाषाणभेद |
3 |
नसबंदी |
राजेश घासकडवी |
16 |
रंग कवितेचे - |
विदेश |
1 |
संपत्या सुटीचे पूर्वरंग |
बहुगुणी |
2 |
"आदर्श " सुंदर हाच आमचा बंगला |
विदेश |
2 |
भेळ |
अत्रुप्त आत्मा |
5 |
दृष्टीआड |
अज्ञातकुल |
3 |
नि:संशय |
अज्ञातकुल |
3 |
डाल ग कोंबडी डाल |
पाषाणभेद |
3 |
आयुष्य पार सरलेले |
स्वानंद मारुलकर |
8 |
हे 'असं' कसं? |
वेणू |
2 |
वेडेपणा... (गझल) |
स्वानंद मारुलकर |
3 |
मंत्रमुग्ध तळे |
अरुण मनोहर |
3 |
गातेस घरी तू जेव्हां |
विदेश |
4 |
नंदीकाळा-मुळ काव्य>(जग हे बंन्दीशाळा) |
अत्रुप्त आत्मा |
3 |
थेंबे-थेंबे |
अरुण मनोहर |
3 |
नेमेंचि त्यानंतर पावसाळा |
धनंजय |
7 |
क्रोमियम प्लेटेड ढग |
अरुण मनोहर |
6 |
मैफील आज जमली - |
विदेश |
2 |
क्षितीजावर ढळला आणि एक सुर्य |
पाषाणभेद |
2 |
पु.ल. आणि अत्रे-एक दर्पण |
अत्रुप्त आत्मा |
16 |
दूर नाही घरदार , आम्हाला नाही कुणाची भीती ! |
विदेश |
1 |
नाट्यगीत: अशी कशी ही पिढी नेटावली |
पाषाणभेद |
1 |
संदर्भ |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
3 |
Two Friends |
पाषाणभेद |
6 |
लोकल शोध- |
अरुण मनोहर |
4 |
नव्या साडीसाठी - दोघांची भ्रमंती |
विदेश |
4 |
ब्रॉयलर कोंबडी सारखे हे शहर ....!! |
प्रकाश१११ |
3 |
प्रेम आणि मरण |
ajay wankhede |
1 |
(बिल्ली हरवली) |
पिवळा डांबिस |
23 |
क्षण |
निनाव |
6 |
मिठीतली रात्र |
निनाव |
9 |
सूर्यास्त |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
2 |
किल्ली हरविली |
अरुण मनोहर |
4 |
सुख |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
4 |
खेळ काळाचा.... |
हर्षद प्रभुदेसाई |
1 |
तुझी आठवण येते.... |
हर्षद प्रभुदेसाई |
0 |
एक संध्याकाळ अशी.... |
हर्षद प्रभुदेसाई |
0 |
मणीपुर - दहशतीच्या छायेत. |
विश्वास कल्याणकर |
1 |
चोरून चोरून, हो ना? |
उदय के'सागर |
8 |
वाडा |
पाषाणभेद |
5 |
हे कधी बदलणार? |
उदय के'सागर |
11 |
सुखाचा शोध |
ajay wankhede |
7 |
आला पहा कवी तो - |
विदेश |
7 |
आले आले आमचे स्वामी बाबा आले |
पाषाणभेद |
7 |
तुम्ही गोळी बघितलीय गोळी? |
पाषाणभेद |
12 |
गीत |
क्रान्ति |
8 |
माझा देश वेगळा... |
हैयो हैयैयो |
4 |
प्रीतीचा वर्षाव ... |
ajay wankhede |
4 |
माझ्यामधील एक भाग चालत गेला दुसरा रस्ता |
धनंजय |
34 |
काल रात्री |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
20 |
शब्दांच्या मालगाड्या |
निनाद |
12 |
आयुश्याचं गणित... |
झंम्प्या |
4 |
[काल रात्री ] |
निनाद |
3 |
प्रेम करायचे राहून गेले... |
बन्या बापु |
9 |
बोल ना रे बाबा काही ..४ ( समाप्त ) |
गणेशा |
7 |
अशोक वर्णेकर - एक झपाटलेले व्यक्तित्व |
विश्वास कल्याणकर |
8 |
बस स्टँड |
पाषाणभेद |
6 |
चष्मा असुनी दिसले नाही - |
विदेश |
0 |
झाड आठवणींचे |
निनाव |
5 |
गवसला एक पाहुणा : लावणी |
गंगाधर मुटे |
3 |
असेलही कुठे कुठे |
bhaktipargaonkar |
4 |