मी असा जुगारी... |
बन्या बापु |
2 |
'तो' शनिवार |
अत्रुप्त आत्मा |
5 |
कोंबडा आरवतो - |
विदेश |
4 |
पिंगु आणी शाळा(बालकाव्य) |
अत्रुप्त आत्मा |
3 |
हेज्यायची कटकट... |
भारी समर्थ |
11 |
हायकू - |
विदेश |
6 |
गाढवदादा गाढवदादा - |
विदेश |
6 |
पाऊस |
सामान्य वाचक |
10 |
झाडे |
सामान्य वाचक |
7 |
टिपुर आशेचं दाणं ... रानातली वाट...... |
गणेशा |
4 |
अन... हात तुझा हातात. |
झंम्प्या |
6 |
भास.. |
राघव |
15 |
अंतीम क्षण (गझल) |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
10 |
सांग सखे ... |
विश्वेश |
10 |
संथ पाडते गझला बाई .... |
विदेश |
1 |
तो पूर पावसाचा - |
विदेश |
2 |
वेगळी माझी खोली |
काव्-काव् |
5 |
कित्ती लागली मला भूक |
काव्-काव् |
2 |
वेडे मन |
प्रिया ब |
17 |
यम बोलला वडाला |
JAGOMOHANPYARE |
4 |
मोहोर |
नगरीनिरंजन |
4 |
जगरीती |
शैलेन्द्र |
10 |
(वडा म्हणे मढ्याला) |
प्रभो |
8 |
लेखक बोलला.. |
५० फक्त |
14 |
पाऊस |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
6 |
काळ्याशार भुईवर हिरवी क्रांती |
गणेशा |
14 |
बदल्ला आहे काळ.. |
प्रिया ब |
22 |
गालिब |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
10 |
आठवणींच्या चारोळ्या |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
4 |
तुमच्यात्-आमच्यात |
विनायक प्रभू |
15 |
(पाव्हनं चला, झाडावरती बसू !) |
केसुरंगा |
3 |
देशभक्ती रचना: तिरंगी आमचा भारतीय झेंडा |
पाषाणभेद |
3 |
साहित्याशी जवळिक साधत - |
विदेश |
1 |
पाऊस |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
4 |
संधिकाल |
धनंजय |
7 |
सण पाऊस साजरा --- |
विदेश |
0 |
हायकू १ |
पाषाणभेद |
4 |
चबुतरा |
अरुण मनोहर |
8 |
घेऊ कसा उखाणा (तिकडम) |
अरुण मनोहर |
0 |
(येस , वी आर...) |
धन्या |
36 |
पर्सनल अकाऊंट |
अत्रुप्त आत्मा |
6 |
जय जय लंबोदरा |
पाषाणभेद |
1 |
मन |
सामान्य वाचक |
3 |
स्पंदन |
अज्ञातकुल |
2 |
भंगलेल्या मनाचा अभंग ..२ |
चन्द्रशेखर गोखले |
3 |
घाव |
प्यारे१ |
9 |
आज पहाटे |
विश्वेश |
4 |
आल्या पावसाच्या सरी - |
विदेश |
1 |
साडे माडे.... |
केशवसुमार |
12 |
भंगलेल्या मनाचा अभंग |
चन्द्रशेखर गोखले |
4 |
एक राधा, एक मीरा |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
8 |
.टिंब. |
विजुभाऊ |
4 |
इतकेच मला भरताना... |
केशवसुमार |
7 |
आता नाही ... |
विश्वेश |
1 |
प्रवाही |
अज्ञातकुल |
1 |
विदेही |
अज्ञातकुल |
1 |
वळवळ केवळ |
विसुनाना |
9 |
राजाच्याजवळी अधिकार कसले... |
ऋषिकेश |
4 |
तसा प्रत्येक दिवशी मून येतो |
केशवसुमार |
3 |
टू जी |
मूखदूर्बळ |
1 |
दिसभर उन्हातान्हात |
पाषाणभेद |
0 |
कावळे ... |
विश्वेश |
2 |
जो तो येतो मारून जातो |
पाषाणभेद |
0 |
मी बत्तासा गोल गोल |
पाषाणभेद |
0 |
ताळेबंद |
सुचेता |
1 |
अरेरे तुझे काय झाले हे जोश्या |
आदिजोशी |
4 |
आशीर्वाद..? |
चन्द्रशेखर गोखले |
0 |
प्रयत्न |
निशान्त |
4 |
नियतीचा क्रूर खेळ |
स्वर भायदे |
4 |
कल्लोळ |
अज्ञातकुल |
4 |