देवळातला शंकर |
अत्रुप्त आत्मा |
20 |
कल्पनेतली ती |
पुष्कर |
3 |
माझं गाव |
पाषाणभेद |
3 |
प्रवास |
पाषाणभेद |
4 |
(रमी) |
पिवळा डांबिस |
23 |
रमा |
शुचि |
27 |
निरोप ..!! |
प्रकाश१११ |
7 |
माझी फुलबाग |
पाषाणभेद |
0 |
झेन काव्य - २ |
मूकवाचक |
8 |
माझी म्हैस |
पाषाणभेद |
15 |
बंदुक |
अभिजीत राजवाडे |
4 |
जनलोकपाल च्या निमिताने. |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
6 |
बाप्पा मोरया ... |
विश्वेश |
3 |
सचेतन |
अत्रुप्त आत्मा |
5 |
प्रथम क्रमांक स्पर्धा विजेता कविता |
गंगाधर मुटे |
21 |
युगलगीत: रंग हिरवा ओला ओला |
पाषाणभेद |
3 |
(माझे लेख दान केले) |
निनाद |
7 |
माहेरी जायची मला झाली आता घाई |
पाषाणभेद |
4 |
त्याच्यातला नास्तिक माणूस ..!! |
प्रकाश१११ |
11 |
पुन्हा... |
अभिषेक९ |
0 |
मेरी चार कवितायें |
पाषाणभेद |
2 |
नखरा नाही इतका बरा |
पाषाणभेद |
9 |
किती वेळ |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
14 |
ADD AS FRIEND ...!! |
प्रकाश१११ |
2 |
काहिली |
पुष्कर |
1 |
गोड गुन्हा |
पाषाणभेद |
7 |
वाळू |
पाषाणभेद |
7 |
पुणेरी हायकू - |
विदेश |
23 |
निशाणी |
शैलेन्द्र |
4 |
जर तू असता तर |
नगरीनिरंजन |
13 |
मी बिनधास्त बोलू लागलो त्यांची भाषा..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
(राया मला अनफ्रेंड करू नका) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
41 |
काय गुण सांगू माझ्या सालीचे |
पाषाणभेद |
3 |
पाटापाटानं ग वाहतंय झुळझुळ पाणी |
पाषाणभेद |
1 |
बाहुली |
पेशवा |
3 |
पावसाचा दरोडा |
पाषाणभेद |
11 |
ती आणि ते |
नगरीनिरंजन |
11 |
मी पुरुष बिच्चारा |
गणेशा |
15 |
पुन्हा एकदा पाऊस ... |
विश्वेश |
1 |
"संभवामि युगे युगे" असे वचन देऊन गेलेले भगवान श्रीकृष्ण अण्णांच्या रूपात आले आहेत! |
सुधीर काळे |
65 |
पुणेरी वाहतूक |
प्रिया ब |
11 |
आसवांची कोरीव लेणी (१३) |
गणेशा |
15 |
सही - |
अभिजीत राजवाडे |
4 |
स्वप्नांचा मागोवा |
दत्ता काळे |
5 |
एक महाभयंकर जात |
रोमना |
0 |
नजर |
निनाव |
4 |
कृष्णानुराग संकीर्तन |
सागरलहरी |
1 |
संसाराची सप्तपदी मी - |
विदेश |
2 |
अहो आण्णा ... |
विश्वेश |
12 |
तू लिहिलेस नि मला सुचून गेले. ..!! |
प्रकाश१११ |
10 |
उधाण |
अज्ञातकुल |
4 |
स्वभाव (Updated Version) |
अभिजीत राजवाडे |
0 |
भ्रष्टाचार्यास हाण पाठी : पोवाडा |
गंगाधर मुटे |
4 |
विदुषक |
अभिजीत राजवाडे |
7 |
राधाराणी जरा सावर |
क्रान्ति |
4 |
देवा मला परत एकदा लहान व्हायचं आहे... |
प्रिया ब |
9 |
रानफुल |
आनंदयात्री |
26 |
रगडा पॅटिस पाणीपुरीवर फरसाणही दिसले - |
विदेश |
4 |
||ओम नमः शिवाय || |
मृगनयनी |
39 |
देहदशा |
अज्ञातकुल |
0 |
राखेमधे लोळतो मी (हजल) |
गंगाधर मुटे |
7 |
२. स्वप्नमेघातील चांदणं |
गणेशा |
5 |
पुरुष! |
अभिजीत राजवाडे |
24 |
नरकयात्रा |
गणेशा |
6 |
पंख मोकळे नभात.. |
प्राजु |
13 |
शब्दांचे पारतंत्र्य |
निनाव |
4 |
आमचा फाटक्यात अडकला पाय , या अण्णांचं करायचं काय? |
सुधीर काळे |
15 |
ह्या परदेशात.....!! |
प्रकाश१११ |
9 |
विचारवंत! |
राजेश घासकडवी |
22 |
हे गणराज्य की धनराज्य? |
गंगाधर मुटे |
1 |