उहापोह |
निनाव |
8 |
(थंड झाले खाकरे गं) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
32 |
सखा श्रावण |
चंद्रप्रभा |
19 |
धिक्कार हो! |
दैत्य |
1 |
माझी ललाटरेषा |
गंगाधर मुटे |
8 |
आरसा |
निनाव |
3 |
बहरणारा ऋतू संपत आलाय ...!! |
प्रकाश१११ |
4 |
अण्णा हजारे |
अभिजीत राजवाडे |
3 |
मिसळपाव |
अभिजीत राजवाडे |
4 |
तळतेस भजी तू जेव्हां - |
विदेश |
17 |
दोर |
निनाव |
0 |
आजी |
अभिजीत राजवाडे |
9 |
(महावीर पांडू) |
पॅपिलॉन |
9 |
आयुष्य-पुष्प |
अभिजीत राजवाडे |
3 |
अंतर -२ |
निनाव |
1 |
हाण त्याच्या टाळक्यात : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
21 |
महावीर बंडू - |
विदेश |
5 |
अंधार |
अभिजीत राजवाडे |
3 |
मुंबैच्या दर्यामंदी जहाज बुडू जातं - |
अमोल केळकर |
3 |
ड्रीमकॅचर |
चित्रा |
31 |
अंतर |
निनाव |
0 |
चांदणपक्षी |
विजुभाऊ |
1 |
संततधार |
अज्ञातकुल |
3 |
षंढ सारी लेकरे गं मायभूमी माफ कर.. |
प्राजु |
91 |
<कायकू> |
विजुभाऊ |
19 |
हायकू - |
विदेश |
8 |
कान्हा माझ्या भुकेची वेळ आता झाली |
पाषाणभेद |
3 |
थेट चित्रगुप्ताच्या मूळ नोंद वहीतून: द्रौपदीची पाचजणात वाटणी का आणि कशी झाली याची हकीगत आणि श्रीकृष्णाचा धावा |
चित्रगुप्त |
29 |
( मावळे बुडाले कामी ) |
अर्धवट |
9 |
आयुष्य कडेवर घेतो |
गंगाधर मुटे |
5 |
आई बाबा |
प्रिया ब |
7 |
अर्धवट राहिलेलं प्रेम |
प्रिया ब |
4 |
लोकशाहि |
अजातशत्रु |
2 |
घर पहावं बांधून |
प्रिया ब |
2 |
हातामधी घे तू जरा |
पाषाणभेद |
2 |
मैत्री |
प्रिया ब |
2 |
गात येथे तू उगा का थांबलेला |
विदेश |
3 |
लाचखोर लोकांनी - |
विदेश |
7 |
आसूड |
चन्द्रशेखर गोखले |
5 |
गुरूमंत्र |
मूकवाचक |
8 |
१. पहिल्या भेटीचा सुगंध |
गणेशा |
6 |
उणीव... |
अभिषेक९ |
0 |
दोन कविता |
अरूण म्हात्रे |
4 |
(गाववाले आणि मुंबैकर) |
धन्या |
2 |
(आली माझ्या घरी ही गटारी ) |
अमोल केळकर |
0 |
शिल्लकेला जीव जर का आणखी |
धनंजय |
13 |
सुख |
प्रिया ब |
3 |
किती सजवू मी माझं मला |
पाषाणभेद |
9 |
दोन चारोळ्या - |
विदेश |
5 |
पिंकी, परी आणि मोर - |
विदेश |
3 |
स्थलांतर |
अरुण मनोहर |
2 |
प्रेमाचा आयकर |
स्पा |
12 |
आभासी जग |
प्रिया ब |
29 |
प्यासाबारचा रस्ता |
इंटरनेटस्नेही |
5 |
रिटायर्ड माणसाला कोंबडी परवडत नाही'.....! |
प्रकाश१११ |
7 |
शिवार पिकल उद्या ... (समाप्त... रानातील वाट..) |
गणेशा |
5 |
१३ जुलै २०११ आणि नंतर... |
सुशान्त |
1 |
धग |
अज्ञातकुल |
1 |
प्रेम |
amirohi |
2 |
कुणाला कुणाचे कशाला हवे |
धनंजय |
22 |
ध्यास विठ्ठलाचा - |
विदेश |
3 |
माफ |
निखिलचं शाईपेन |
3 |
धग |
अज्ञातकुल |
3 |
भंगलेल्या मनाचा अभंग ३ |
चन्द्रशेखर गोखले |
2 |
नातीगोती |
अरुण मनोहर |
3 |
कतरीनाचा सलमान बाई कधी अॅशचा हा सलमान |
स्वप्ना_तुषार |
9 |
गर्द काळोख |
स्वप्ना_तुषार |
0 |
मीही स्पर्शून जातो ईश्वराला माझ्या गाण्यातून (रवींद्रनाथ टागोरांच्या कवितेचा स्वैर अनुवाद) |
स्वप्ना_तुषार |
4 |
जा मुला जा, तिच्या घरी तू सुखी रहा... |
विदेश |
5 |
बुल्ला की जाणा मै कौण.... |
कवितानागेश |
37 |