जायचे होते कुठे पण... |
शंकर पु. देव |
1 |
१६ ऑगस्ट. |
रामदास |
14 |
उधळीत जा ग फुले मोग-याची |
अनिल भारतियन |
0 |
पण............ |
नम्रता वर्तक |
2 |
विडंबन ("कर्ज" च्या निमित्ताने) |
उपटसुंभ |
1 |
आठवण........ |
प्रशा॑त |
0 |
वेदना |
पंचम |
1 |
प्रतिबिंब |
पद्मश्री चित्रे |
13 |
वादळ आता माणसाळतंय...... |
मनीषा |
5 |
(पहा वेळ झाली!) |
चतुरंग |
2 |
वस्ति वसविली मी अगदी जगावेगळी |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
आहे आणि नाही असा! |
स्वाती फडणीस |
5 |
(काळाची गरज) |
केशवटुकार |
20 |
तिन्ही त्रिकाळ |
अरुण मनोहर |
5 |
दिवस असे की ढोणी खेळत नाही, अन अनिल चालत नाही..! |
उपटसुंभ |
10 |
चमचम करती ऐने |
स्वांतसुखाय |
0 |
आज १५ ऑगस्ट ना..! |
उपटसुंभ |
2 |
('माथा' फिरे कुणाचा __ ) |
अमोल केळकर |
0 |
अंतर थोडेसे |
अरुण मनोहर |
0 |
स्वातंत्र्यदिनाची ही कविता लवकरात लवकर शिळी होवो... |
अविनाश ओगले |
13 |
तांडव.. |
प्राजु |
12 |
(१६ ऑगस्ट.) |
केशवटुकार |
7 |
तुटू न जावो तुझी कंगणी |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
(कहर) |
चतुरंग |
11 |
पावसाची परी |
अरुण मनोहर |
1 |
स्वातंत्र्य तर मिळाले, पण...?? |
निमिष सोनार |
1 |
मनातला पाऊस |
prasannakumar |
1 |
नाव शोधून शोधून जोडू नको! |
केसुरंगा |
8 |
काळाची गरज |
हर्षद आनंदी |
9 |
)) नेहमीच ... तुझ्यामुळे (( |
बिनडोक बनी |
11 |
(एका मिसळीचे बिल भरलेच नाही !) |
संदीप चित्रे |
2 |
दृष्टी |
अरुण मनोहर |
3 |
(पेताडांच्या मेळ्यामध्ये !) |
संदीप चित्रे |
5 |
झुरणी - लेखणी |
हर्षद आनंदी |
3 |
पाऊल नाद की विनाश वाटेवरील मृत्युगीत? |
अरुण मनोहर |
8 |
दुःखामधे सुख लपलेले असते साजणा रे! |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
बॅचलरांच्या मेळ्यामध्ये |
बिनडोक बनी |
7 |
(वय साठावं लागलं की) |
चतुरंग |
12 |
वय सोळावं सरलं की..... |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
19 |
पावसाळ्यातील एक दिवस |
अजिंक्य |
4 |
रात्र जागूनी झोपीजाण्याचे दिन आले |
श्रीकृष्ण सामंत |
15 |
रुद्ध प्रतिभा चतुरस्र वाहू दे |
धनंजय |
18 |
आणि एक स्केच..... |
उदय सप्रे |
5 |
आंबट-गोड नाती |
स्वाती फडणीस |
11 |
चाहूल |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
23 |
मी डेटिंग केले नाही..! |
उपटसुंभ |
30 |
पावनखिंड |
घाटावरचे भट |
0 |
जत्रा..! |
उपटसुंभ |
7 |
जत्रा |
अविनाश ओगले |
11 |
डोळ्यांसमोर तीच आता दिसणार उठता बसता..! |
उपटसुंभ |
3 |
उघड दार देवा आता... |
अंकुश चव्हाण |
2 |
इथले प्रत्येक क्षण.! |
अंकुश चव्हाण |
0 |
भुमीपुत्र... |
अंकुश चव्हाण |
0 |
श्वास |
पेशवे बाजीराव तिसरे |
0 |
माझा विनोद वाचणार का? |
विपुल वर्तक |
5 |
स्केच.. |
भाग्यश्री |
17 |
एका तळ्यात होती बदके पिले अनेक... |
मृगनयनी |
6 |
(सांगा ढेकुण कुणी हा पाहिला ) |
अमोल केळकर |
8 |
खेळी. |
स्वाती फडणीस |
16 |
"किती धटिंगण किती भयंकर"... ई डंबन... |
बेचवसुमार |
1 |
मोजणी |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
37 |
अगागागागाऽऽगाऽऽऽगा!!!!! |
पिवळा डांबिस |
28 |
मालवुन टाक दीप... ई -डंबन |
बेचवसुमार |
4 |
भेळपुरीच्या गाड्या |
केशवसुमार |
15 |
कविकिरडुंची साठमारी ... (विडंबनाची भेळपुरी) |
केशवटुकार |
10 |
(जिज्ञासू) |
चतुरंग |
12 |
पाउस..! |
उपटसुंभ |
14 |
नव्हतो ग! मी सजणे असा |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
श्रावणातील सण |
अथांग सागर |
5 |
(चाहूल) |
चतुरंग |
6 |