एक कविता |
रामदास |
13 |
आम्ही कोण........ ? |
चन्द्रशेखर गोखले |
1 |
हे थेंब नसूनी असती तारे |
श्रीकृष्ण सामंत |
2 |
(आनंदाने) |
चतुरंग |
9 |
निरवानिरव |
रामदास |
23 |
बुद्धायन |
चन्द्रशेखर गोखले |
1 |
जाणीव |
मनीषा |
11 |
फाऊंटन पेन! |
स्वाती फडणीस |
7 |
धनाढ्य एकवीशी |
अरुण मनोहर |
7 |
मला भावलेली कविता |
mina |
1 |
(जाणिव) |
राघव |
3 |
उमेद |
फटू |
10 |
माझी कविता |
चन्द्रशेखर गोखले |
8 |
स्मरण! |
पिवळा डांबिस |
25 |
मध्यान |
श्रीकृष्ण सामंत |
4 |
पाऊस |
अनिरुध्द |
3 |
आत्मसमर्पण |
चन्द्रशेखर गोखले |
10 |
गलबत किना-याकडे... |
फटू |
8 |
..बाकी खरंच काही नाही |
पद्मश्री चित्रे |
22 |
श्राद्ध |
चन्द्रशेखर गोखले |
7 |
* महामानव गांधी* |
अनिरुद्धशेटे |
12 |
अन परतवून टाक त्या आठवणी |
श्रीकृष्ण सामंत |
13 |
(कविता म्हणजे रे काय?........ भाऊ ) |
फटू |
2 |
बुद्धिबळाच्या युद्धपटावर! |
सचिन जाधव |
4 |
गांधी जयंति निमित्ताने (आम्हि कपाळ करंटे महात्माजींची क्षमा मागतो) |
चन्द्रशेखर गोखले |
3 |
म्रुगजल |
सचिन जाधव |
0 |
ओढ परतीची |
अनिरुध्द |
7 |
श्रावणझड |
आनंदयात्री |
18 |
कोण खरी |
निखिलचं शाईपेन |
17 |
बंदिनी |
जयवी |
6 |
प्रिय मित्रा! |
नीधप |
16 |
चल ग सजणे |
विनायक प्रभू |
24 |
स्वप्नसुंदरी |
अनिरुद्धशेटे |
2 |
भरती-अहोटीच येणं |
स्वाती फडणीस |
0 |
साधा माणुस |
चन्द्रशेखर गोखले |
8 |
(अफवा) |
चतुरंग |
1 |
सर्किटची मेख (अर्थात लघुकथास्पर्धा) |
आंबोळी |
5 |
नागीण आणि काही कविता. |
रामदास |
15 |
संयमाची रेघ.. |
प्राजु |
30 |
(आज मी बसून आहे _) |
अमोल केळकर |
1 |
छोटीची आई |
स्वाती फडणीस |
6 |
आय.सी.यू.----एक आत्मचिंतन |
वैशाली हसमनीस |
5 |
लेकरू |
स्वाती फडणीस |
17 |
हे वेड माझे सांग रे! साजणा |
श्रीकृष्ण सामंत |
2 |
बारा-तेरा वर्षांची ती.. |
स्वाती फडणीस |
13 |
आत्मक्लेश३ |
नंदकिशोर साळ्वे |
12 |
आत्मक्लेश४ |
नंदकिशोर साळ्वे |
11 |
* कातरवेळची एक आठवण * |
अनिरुद्धशेटे |
6 |
अंजली अंजली तूच माझी रागिणी |
श्रीकृष्ण सामंत |
10 |
गाणे मनातले ! |
ऊपट्सुम्भ |
0 |
नको लावूस पारिजात दारी |
स्वाती फडणीस |
13 |
मी बोलतेय बहिणाई... |
पारोळेकर |
0 |
..नातंच काही और असतं! |
राघव |
5 |
समस्यापूर्ती |
रामदास |
5 |
मिपावर लिहीणं धोक्याचं! |
पिवळा डांबिस |
36 |
मैत्री... |
कावळा |
6 |
हृदयांत सागराच्या.. |
प्राजु |
17 |
.. |
प्रियाली |
48 |
लावणी |
अभिजीत मोटे |
3 |
मौनाला फुटली वाणी!.. |
स्वाती फडणीस |
3 |
नाच नाच मोरा.. |
स्वाती फडणीस |
5 |
मैत्रीचं नातं |
सन्दिपरे |
0 |
सरफरोशी की तमन्ना |
अनिरुद्धशेटे |
3 |
नाचत गाजत येईल तिचा भाऊराया |
श्रीकृष्ण सामंत |
3 |
(खायचे आहे कुठे?) |
चतुरंग |
7 |
प्राजुच्या कल्पनेचा विस्तार ! |
संदीप चित्रे |
10 |
मी नाही अभ्यास केला |
देवदत्त |
12 |
(सदैव माणसा, पुढेच जायचे ) |
अमोल केळकर |
0 |
(टाळतो) |
चतुरंग |
8 |
पुरस्कार (लघुकथा ) |
अमोल केळकर |
27 |