मी शतजन्म घेतले |
अविनाशकुलकर्णी |
0 |
अंड्याची टरफले आणि बुटाची लेस |
लिखाळ |
24 |
-*******हॅप्पी न्यु इयर*******------- |
अविनाशकुलकर्णी |
8 |
प्रॉव्हिडन्ड फंड |
पॅपिलॉन |
2 |
वामा.. |
प्राजु |
29 |
गोल्डफ्लेक्स |
घाटावरचे भट |
23 |
विव्हळतं तळ... |
स्वाती फडणीस |
3 |
विनोद |
मॅन्ड्रेक |
6 |
धूसर राखाडी.. |
स्वाती फडणीस |
2 |
(संपेल ना कधीही , हा खेळ दहशतीचा!! ) |
अमोल केळकर |
3 |
थेंब एक असा बरसून गेला.. |
स्वाती फडणीस |
13 |
हमी |
उपटसुंभ |
11 |
निरव पावले (अनुवाद-गीतांजली) |
लिखाळ |
13 |
माझ्याच त-हा |
स्वाती फडणीस |
5 |
(मी माझाच) |
फटू |
5 |
एक "सवाई मैफिल " |
दत्ता काळे |
4 |
माझ्या छोट्या मैत्रिणीस ... |
फटू |
7 |
मैत्रीण नसलेल्या मित्रांसाठी ! |
अनिरुद्धशेटे |
9 |
विहंग तो विहरता झाला... |
स्वाती फडणीस |
5 |
(विचारणा) |
चेतन |
13 |
सासरेबुवा |
अंकुश चव्हाण |
3 |
ही तान कधीची..! |
स्वाती फडणीस |
9 |
(भासमान) |
चतुरंग |
12 |
झोका... |
प्राजु |
26 |
संवेदना!! |
स्वाती फडणीस |
12 |
अपवाद |
पॅपिलॉन |
10 |
वाटसरूच्या पाऊलखुणा (अनुवादित) |
धनंजय |
22 |
माझा गाव |
लवंगी |
7 |
भासमान |
पॅपिलॉन |
6 |
चारवांतर |
परिकथेतील राजकुमार |
6 |
सहज भेट्ली---- |
पुष्कराज |
2 |
बुद्धी (उद्धव मात्रावृत्त प्रयत्न) |
ऋषिकेश |
10 |
एक रुबाई किंवा चारोळी |
दत्ता काळे |
13 |
घायाळ हरिणी |
राजा |
0 |
पुढार्यांचे देशभक्ती गीत |
चन्द्रशेखर गोखले |
5 |
...मला आठवण आहे ! |
केशवसुमार |
8 |
जागतिक मंदी |
राजा |
1 |
असचं वाटलं म्हणुन| |
केदार केसकर |
10 |
एक रात्र.. |
प्राजु |
21 |
सांगून जा ... |
मनीषा |
11 |
हिची चाल |
भिडू |
7 |
`अण्णा'न्न दशा! |
आपला अभिजित |
5 |
सोनियाच्या तालावर महाराष्ट्र वारयावर |
कपिल काळे |
4 |
लव लेटर |
कशिद |
6 |
बापू.. |
उपटसुंभ |
10 |
आसाराम बापु |
rahulkransubhe |
8 |
पतंग |
अरुण मनोहर |
7 |
पुन्हा पहिल्या सारखं |
rahulkransubhe |
0 |
आई कसे म्हणु मी... |
rahulkransubhe |
0 |
(भणंग २) |
चतुरंग |
2 |
खेळ खुर्चिचा |
मनोज |
3 |
झुंज त्याची व्यर्थ गेली |
पुष्कराज |
4 |
एक जुनी कविता: सहज आठवली म्हणून |
अविनाश ओगले |
4 |
अरे पुन्हा आयुष्याच्या.. |
बहुगुणी |
1 |
पुरे झाले चंद्र सूर्य! |
केदार केसकर |
1 |
आठवण |
पद्मश्री चित्रे |
14 |
पुन्हा जिवंत परत आले तर |
सुवर्णमयी |
5 |
अजुन मी... |
राघव |
4 |
काही कविता. |
रामदास |
31 |
असेच काहीतरी |
चेतन |
2 |
सुट्टी..! |
संदीप चित्रे |
11 |
पाहिजे एकांत थोडा |
पुष्कराज |
1 |
तू दिलेल्या वेदना |
जयवी |
7 |
बोलायाचे कितीक आहे पण.... |
पुष्कर |
13 |
"तो"- जागतिक एड्स दिना निमित |
sanjubaba |
2 |
कसं काय पाटील बरं हाय का |
उपटसुंभ |
1 |
गोंधळ |
ऋषिकेश |
9 |
(काही कविता) |
चतुरंग |
9 |
सलाम त्या शुराना .....शहिद झालेल्या विराना |
ग्रीष्म |
3 |
(काही कविता का प्रश्न ?) |
चेतन |
0 |