हवी..... |
उदय सप्रे |
3 |
(कविते, हे तर तुझेच देणे..!) |
चतुरंग |
15 |
(धोका) |
चतुरंग |
9 |
धोका |
क्रान्ति |
13 |
म्हणून..... |
उदय सप्रे |
4 |
उमेद |
विजुभाऊ |
0 |
राणी वै-याची रात्र आहे |
शरद जयकर |
0 |
कधी कधी |
फ्रॅक्चर बंड्या |
6 |
<परा> |
विजुभाऊ |
5 |
दुरावा |
जयवी |
13 |
माझेच होते..... |
उदय सप्रे |
10 |
व्हर्च्युअल रिअॅलिटी |
श्रावण मोडक |
14 |
मनात माझ्या... |
अजिंक्य |
7 |
अंगाई |
क्रान्ति |
6 |
रुतावे कुठे |
जयवी |
13 |
आज अचानक... |
नीलांबरी |
6 |
ती |
क्रान्ति |
18 |
आठवण...(२) |
प्रभो |
5 |
कारे प्रिया दूर जाशी, |
सागरलहरी |
0 |
या गूढ सावल्यांनी.. |
प्राजु |
17 |
मंडली, म्या एक दादांसारकी कविता ल्यिहल्येली हाय. वाचा तर मंग आता. |
पाषाणभेद |
5 |
(लिहावे कुठे) |
चेतन |
0 |
प्रेम काव्य संग्रह |
निमिष सोनार |
7 |
माझी अगतीकता |
पाषाणभेद |
4 |
हे चित्र पहा आणि ते चित्र पहा" |
अविनाशकुलकर्णी |
2 |
काकमित्रा |
सागरलहरी |
2 |
प्रित माझी कळेना.. |
अविनाशकुलकर्णी |
1 |
प्रहरांचे दु:ख..... |
उदय सप्रे |
2 |
अगतिक..... |
उदय सप्रे |
7 |
असे सखे तू रुसू नको ना..... |
सागरलहरी |
7 |
कोडगं सूख..... |
उदय सप्रे |
11 |
(कोडगं सुख.....) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
0 |
(कुठे भास होतो मला 'कोंकणाचा') |
चतुरंग |
22 |
तत्वज्ञान..... |
उदय सप्रे |
1 |
सोनपावले ही तुझी... |
अंकुश चव्हाण |
3 |
फर्निचर |
अरुण मनोहर |
16 |
छंद दे.. |
प्राजु |
22 |
((त्यांच्या लग्नाची पत्रिका आज घरी आली)) |
Nile |
6 |
वाट चुकवेल वाट |
क्रान्ति |
3 |
(छंद दे) |
चतुरंग |
17 |
[उन घे] |
अमृतांजन |
3 |
हवे कुणाला...! |
विशाल कुलकर्णी |
2 |
आक्रोश...! |
विशाल कुलकर्णी |
6 |
थरथरत्या ज्योतीला अंधाराचा भार |
सागरलहरी |
0 |
क- कवितेचा |
उग्रसेन |
3 |
चालू करा तुमचे इंजन |
पाषाणभेद |
5 |
विडंबक |
चतुरंग |
13 |
<strong>खेळ मांडला.....</strong> |
उदय सप्रे |
0 |
गवगवा..... |
उदय सप्रे |
0 |
इज्जत! |
दिनेश५७ |
5 |
भूताच्या भूतकाळाचे गूढ प्रेम...!!! |
निमिष सोनार |
1 |
वेल |
सागरलहरी |
0 |
तू तेव्हा तशी ... |
विश्वेश |
0 |
बेत |
विश्वेश |
0 |
प्रेमाचा "निसर्ग" |
निमिष सोनार |
0 |
ओझी |
क्रान्ति |
9 |
लीला केली विश्वंभरे .... |
सागरलहरी |
2 |
खरेसाहेब…माफ़ करा : ३ : दिवस असे की … |
विशाल कुलकर्णी |
6 |
उत्सव ...! |
विशाल कुलकर्णी |
0 |
'खरेसाहेब माफ करा : २ : एवढंच ना? |
विशाल कुलकर्णी |
12 |
ती -२ |
केशवसुमार |
14 |
आठवण |
प्रभो |
1 |
(ती) |
चतुरंग |
9 |
परी |
सागरलहरी |
1 |
काही कविता. |
रामदास |
11 |
रान वाट |
सागरलहरी |
0 |
करतो अजून आशा.... |
सागरलहरी |
0 |
पूर्वीगत पण आता काही लिहिवत नाही |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
10 |
पूर्वीगत पण आता काही करवत नाही |
केशवसुमार |
7 |
अश्वत्थ |
सागरलहरी |
1 |