पैंजण...! |
विशाल कुलकर्णी |
13 |
येडा टिंब |
फ्रॅक्चर बंड्या |
2 |
फक्त तुझ्यासाठी ...(यावेळी कविता) |
प्रभो |
20 |
एक सत्य |
jaypal |
3 |
नाते चंद्राचे |
अनुप्रिया |
4 |
माकडा माकडा हुप |
पाषाणभेद |
3 |
(टुर्र) |
लंबूटांग |
9 |
जीवन गेले सरून सरून जाईल ही रात्र |
श्रीकृष्ण सामंत |
14 |
काहीतरी राहिले आहे इथे |
धनंजय |
34 |
परागंदा |
मिसळभोक्ता |
33 |
हास आयुष्या |
क्रान्ति |
8 |
अंगुठे |
नरेंद्र गोळे |
6 |
आसमंत भिजले कसे पेटले हे रान |
श्रीकृष्ण सामंत |
9 |
माहित नाही |
मिसळभोक्ता |
14 |
माझा प्रियतम |
मिसळभोक्ता |
28 |
मुजरा |
फ्रॅक्चर बंड्या |
3 |
एक आकाश माझही |
अनुप्रिया |
5 |
श्राद्ध |
चन्द्रशेखर गोखले |
13 |
!! ~~ प्रतिमा ~~ !! |
अनुप्रिया |
10 |
रान |
क्रान्ति |
10 |
ती ... |
मनीषा |
15 |
कवी |
फ्रॅक्चर बंड्या |
6 |
फक्त तूझ्यासाठी |
प्रभो |
19 |
व्यथा |
कानडाऊ योगेशु |
8 |
गणित |
विशाल कुलकर्णी |
4 |
"मिलर ऑफ द डी" |
युयुत्सु |
14 |
(आता नाही ...! ) |
मराठमोळा |
8 |
CPU ची गोष्ट |
फ्रॅक्चर बंड्या |
2 |
भोंडला |
क्रान्ति |
12 |
साडेसाती |
अविनाश ओगले |
4 |
म्हणजे... |
शितल |
27 |
आता नाही ...! |
विशाल कुलकर्णी |
7 |
इतकेच मला जाताना |
मिल्या |
6 |
शोध ....! |
विशाल कुलकर्णी |
9 |
..पट्टराणी.. |
कानडाऊ योगेशु |
1 |
(बरे का, बरे का) |
चित्रा |
16 |
भुभु गीत |
प्रकाश घाटपांडे |
20 |
(पुरे का पुरे का) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
24 |
(बोध....!) |
मराठमोळा |
5 |
अजून |
अजिंक्य |
1 |
..युरेका युरेका.. |
कानडाऊ योगेशु |
9 |
अत्तर |
शैलेन्द्र |
5 |
बायको बरोबर भाजीला गेलो... |
अविनाश ओगले |
31 |
पूर्वाध - ऊत्तरार्ध |
प्रभो |
10 |
पुन्हा केव्हातरी |
क्रान्ति |
12 |
अलिप्त |
अजिंक्य |
9 |
अजब कहाणी आहे ही |
नरेंद्र गोळे |
4 |
मिशीचा पिळ |
फ्रॅक्चर बंड्या |
5 |
मी |
अजिंक्य |
11 |
रोंरावत आला वारा |
पुष्कराज |
11 |
प्रासंगिक |
नरेंद्र गोळे |
4 |
ते माझे घर |
नरेंद्र गोळे |
9 |
भय तिचे संपलेच नाही |
अरुण मनोहर |
6 |
आणि त्यावर म्हणा.. |
शाहरुख |
23 |
शब्दसंभ्रम... |
हृषीकेश पतकी |
10 |
माझेच ग्रह तारे |
फ्रॅक्चर बंड्या |
17 |
चारोळ्या... |
अशोक गोडबोले |
10 |
थोडीशी फुल,थोडेसे मोती |
पुष्कराज |
14 |
'नव'कविता |
ऋषिकेश |
21 |
निवारा... |
प्राजु |
9 |
मर्यादा |
अरुण मनोहर |
8 |
नाही तर नाही.... जा! |
प्राजु |
30 |
आणि पाय माझा घसरतो ! |
विशाल कुलकर्णी |
12 |
करायचं ते करून टाक |
गोगट्यांचा समीर |
4 |
पुन्हा पावसाला.. |
अनिरुध्द |
0 |
(सर्व काही आत आहे) |
राघव |
14 |
समिधा |
क्रान्ति |
10 |
सर्व काही आत आहे |
अजिंक्य |
3 |
(घजळ ) |
चेतन |
5 |
आकाशवाणी |
सुबक ठेंगणी |
17 |