<गोवरी> |
यकु |
3 |
बालपण...? |
पक पक पक |
14 |
प्रेमात हे असेच असते |
गोंधळी |
15 |
रेशमी सलवार कुडता जाळीचा |
नरेंद्र गोळे |
8 |
"रागावली ती !" |
निमिष सोनार |
3 |
भिववया येते मज |
सांजसंध्या |
30 |
मजल |
यकु |
19 |
" चार चारोळ्या - " |
विदेश |
4 |
कोण येथे गुरुवर्य ? |
गणेशा |
7 |
बालपण |
संदीप२७ |
3 |
.....सखे....... |
कानडाऊ योगेशु |
9 |
टुकारघोडे! (हझल) |
गंगाधर मुटे |
14 |
मिठी... |
हर्षद आनंदी |
5 |
बाटली |
हर्षद आनंदी |
27 |
रस्ता |
सांजसंध्या |
20 |
एक कविता |
राजो |
5 |
स्वप्नांस बाप आहे .! |
५० फक्त |
30 |
लावणी: शिटी मारून |
पाषाणभेद |
11 |
स्वप्नांस शाप आहे............! |
सांजसंध्या |
70 |
मन-झोपाळा |
अज्ञातकुल |
4 |
संवाद करते मी विश्वेश्वराशी ..! |
सांजसंध्या |
12 |
का? का? का? |
पाषाणभेद |
4 |
आकाश उजळले होते,,, |
अन्नू |
3 |
(का? का? का?) |
पाषाणभेद |
8 |
आजची रात्र... |
चाणक्य |
8 |
अंबरात फिरुनिया उगवतो.... |
सांजसंध्या |
15 |
देखणी |
अज्ञातकुल |
5 |
माझा देश |
ajay wankhede |
5 |
निःशब्द |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
6 |
मुक्तिबंध |
रेशा |
8 |
(तू तेव्हा तशी) |
अरुण मनोहर |
3 |
राजकारणी अन आपण.......... बरोबर ना ?? |
अमितसांगली |
53 |
ऐल-पैल |
क्रान्ति |
24 |
सह्याद्रीच्या रांगामधूनी सूर्य उगवतो मराठीचा |
गणेशा |
11 |
आठवड्यातून भरनारया बाजारासारखे ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
वाघ्या मी मुरळी देवाची ग तू |
पाषाणभेद |
6 |
(हातसफाई - एक समृद्ध प्रयत्न) |
पाषाणभेद |
3 |
निर्णय |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
12 |
निवडणुक... |
अत्रुप्त आत्मा |
7 |
" आज मराठी भाषा- दीन ! " |
विदेश |
8 |
साफसफाई एक समृद्ध प्रयत्न |
लिखाळ |
16 |
रात्ररात्रभराची ही जागरणं |
Gajanan Mule |
4 |
निराश तरुणाईचे मनोगत...... |
अमितसांगली |
0 |
मूळ |
अज्ञातकुल |
0 |
व्हाय धिस भानामती भानामती भानामती दी |
राजघराणं |
10 |
घायाळ चिमणी |
मनमोकळि |
15 |
दुरवरल्या गावाकडची आठवण |
पाषाणभेद |
13 |
वेलेंटाईन डे ( लग्नानंतर चा) |
ajay wankhede |
12 |
दमलेल्या ( पृथ्वी ) बाबाची कहाणी |
अमोल केळकर |
15 |
दुनिया तुझ्यामुळे.... |
चाणक्य |
2 |
हे कविते , |
विदेश |
1 |
एकल घाट |
अज्ञातकुल |
7 |
प्रेरीत |
अज्ञातकुल |
3 |
वॅलेंटाईन डे |
रघु सावंत |
2 |
निसर्गकविता २ : प्रिय प्राजक्त |
गणेशा |
17 |
खुशाली कळवत राहा ....... (३) |
फिझा |
5 |
निरोप |
अरुण मनोहर |
9 |
मी एकटी |
प्रिया ब |
2 |
निसर्गकविता १ : झाडांच्या पानात (गीता सहित) |
गणेशा |
38 |
सोडत धूर-चाचणी इंजिन झुक झुक करते ... (हझल) |
अजय जोशी |
5 |
एक कविता.. |
कॉमन मॅन |
17 |
एकांग |
अज्ञातकुल |
5 |
इच्छा ! |
चैतन्य दीक्षित |
5 |
भेट |
प्रेरणा |
13 |
!!...'मानवी भूकंप'...!! |
सन्दीप१२३३० |
19 |
अवघे जग माझ्या विठ्ठलाचे झाले ! |
विदेश |
7 |
मी रडण्यासाठी नाही जन्माला आलो...!! |
प्रकाश१११ |
9 |
खुशाली कळवत राहा ...(2) |
फिझा |
10 |
!!! हाफ कटींग !!! ..... |
सन्दीप१२३३० |
17 |
शरपंजरी |
अज्ञातकुल |
4 |