कविता वाचण्याआधी एक क्षणभर मौन : एमनुएल ओर्तीज |
Kavita Mahajan |
28 |
गाव... |
बिपिन कार्यकर्ते |
47 |
लघु वल्गुदभारत-भाग १. |
बॅटमॅन |
24 |
व्हतास सारथी म्हणोनी |
ज्ञानराम |
6 |
ट्रफिकची भेळ |
अत्रुप्त आत्मा |
35 |
हिरवं झालं रानं |
पाषाणभेद |
7 |
शब्दांचा स्पर्श !! |
जेनी... |
10 |
आर्त |
अज्ञातकुल |
1 |
माझेच मी.... |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
13 |
फिनिक्स |
पेशवा |
3 |
<बद्ध लेखक> |
लंबूटांग |
16 |
कातरवेळ.. |
मस्त कलंदर |
10 |
(गर्विष्ठ निराकाराच्या शष्पतत्वज्ञानाचे कवित्व) |
मूकवाचक |
28 |
संदेहमुक्ती |
मूकवाचक |
20 |
काकध्वनी |
यकु |
20 |
दु:खाचे निखारे |
गणेशा |
10 |
बंद बनियन बरं-का...! |
अत्रुप्त आत्मा |
54 |
तेंव्हा आणि आता..... |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
6 |
" आई " |
कुलमयु |
3 |
एक टुमदार गाव - माझे माधवनगर - भाग - २. |
शशिकांत ओक |
7 |
सबूर |
धनंजय |
7 |
अवचित |
अज्ञातकुल |
0 |
धाव रे धाव देवा आता |
निश |
11 |
श्रावणाच्या चिंब धारा |
सांजसंध्या |
5 |
रेशमी |
अज्ञातकुल |
3 |
लबाड कान्हा .. खट्याळ कान्हा ... |
विदेश |
0 |
मग,काय केलस ग या वाढदिवसाला ? |
सुहास.. |
22 |
रद्दीवाला - |
विदेश |
6 |
" मैत्री - " |
विदेश |
0 |
चंद्र-कळा |
पेशवा |
12 |
(जिलब्या खायकू) |
sagarpdy |
12 |
तीन हायकू - |
विदेश |
10 |
लपाछपी |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
7 |
रक्षाबंधन.. रक्षाबंधन .. |
विदेश |
0 |
शब्दसावल्या |
अज्ञातकुल |
0 |
( ढोस देशीही तू, हर दिवशी तू) |
नाना चेंगट |
5 |
हट्ट! |
चैतन्य दीक्षित |
7 |
हर देशीही तू, हर वेशीही तू |
नरेंद्र गोळे |
1 |
(काऽऽय रेऽऽ देवाऽऽ) |
रमताराम |
50 |
प्रदेश |
पेशवा |
9 |
शब्द .. शब्द .. शब्द .. |
विदेश |
3 |
श्रावण. |
रामदास |
16 |
अंदाज तारखांचा, चुकला जरा असावा |
केशवसुमार |
36 |
प्रवाह.... |
वेणू |
1 |
पत्र |
मंदार दिलीप जोशी |
1 |
तुझ्या विना |
आनंद भातखंडे |
2 |
वारूळ |
पेशवा |
20 |
मी तसाच पुढे निघालो… |
झंम्प्या |
1 |
मुक्तके |
भरत कुलकर्णी |
2 |
मी आहे!! |
मंदार दिलीप जोशी |
1 |
सर्सर आल्या सरीत... |
चैतन्य दीक्षित |
12 |
दवबिंदू..! |
वेणू |
11 |
घरातल्या भिंतींना... |
झंम्प्या |
11 |
आशा |
sneharani |
7 |
संजीवक |
अज्ञातकुल |
2 |
गनीम |
निळकंठ दशरथ गोरे |
1 |
इशारा.. |
स्पंदना |
7 |
एक होती चाळ... |
निश |
17 |
निर्माल्य |
मंदार दिलीप जोशी |
9 |
का ग धरिला |
अरुण मनोहर |
1 |
पारिजातक |
मंदार दिलीप जोशी |
8 |
वारीसोबत चार पावलं.... |
मन |
7 |
खंड कपारी |
अज्ञातकुल |
7 |
टप टप टप... |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
13 |
कवितेचा एक प्रयोग |
रामदास |
21 |
(कळले ते फंडे) |
नाना चेंगट |
10 |
गुरु... |
अत्रुप्त आत्मा |
11 |
जुनी गोष्ट... |
विदेश |
2 |
कळले ते अंडे |
ऋषिकेश |
14 |
तडफड |
ज्ञानोबाचे पैजार |
5 |