गरीब बिचार्या, दम खा |
धनंजय |
14 |
चेतना |
अज्ञातकुल |
2 |
ती खरी का मी खरा ..? |
प्रकाश१११ |
1 |
मीही हलवाई होणार |
प्रचेतस |
9 |
एक कविता |
दत्ता काळे |
3 |
असा मी तसा मी भाग-३ |
अविनाश खेडकर |
0 |
मन |
navinavakhi |
1 |
मेंढीताई मेंढीताई |
विदेश |
3 |
<< बसकी >> |
सुहास.. |
15 |
जीवन असेच पुढे सरकत असते...!! |
प्रकाश१११ |
3 |
एकदा वाटलं कविता करावी... |
प्यारे१ |
16 |
तरीबी तिच्यायला आमी येक कविता करनार !! |
शाहरुख |
35 |
गुपित |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
1 |
आसुया |
अज्ञातकुल |
1 |
अखेर |
अज्ञातकुल |
9 |
सुटका |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
6 |
( चापट गालाले लागते ) |
जीएस |
32 |
(भाव(खावू)गीत):फेसबुकमुळे |
पाषाणभेद |
3 |
पुन्हा एकदा... सलाम सबको सलाम !! |
सुहास झेले |
11 |
का असे हे घडले ? |
navinavakhi |
2 |
थोडे मजला कळाया लागले. |
अविनाशकुलकर्णी |
3 |
कोण होती ती.... (७) |
फिझा |
0 |
कोण होती ती.... ( ६) |
फिझा |
0 |
सखा |
navinavakhi |
1 |
शब्द हे अबोल |
स्वर भायदे |
0 |
कोण होती ती.... ( ५) |
फिझा |
2 |
युगलगीत: गार गार वारा अंगाला झोंबला |
पाषाणभेद |
3 |
थापाच मारणारा - |
विदेश |
0 |
एका सागराची कथा |
अश्फाक |
4 |
कोण होती ती.... (४) |
फिझा |
0 |
कला बघा कलाकारांची |
पाषाणभेद |
11 |
मी कागदावर सांडत गेलो |
अविनाश खेडकर |
6 |
कोण होती ती.... (3) |
फिझा |
3 |
मैत्री |
navinavakhi |
5 |
जीव माझा गुंतला आहे |
navinavakhi |
4 |
आठव |
navinavakhi |
4 |
तो क्षण |
navinavakhi |
1 |
बालपणीचा गाव |
navinavakhi |
1 |
चाहूल |
navinavakhi |
1 |
बहरलेला वृक्ष होतो एकदा मी छानसा |
विदेश |
2 |
कोण होती ती.... (२) |
फिझा |
0 |
कोण होती ती.... (१) |
फिझा |
0 |
कसं जगायचं असतं ? |
महाबळ |
3 |
अंगणात ही स्कुटी अशीच राहु दे - |
विदेश |
9 |
(हल्ली मी घेतच नाही ...(؟)... ) |
गणपा |
21 |
माणूस |
विदेश |
1 |
झाडे वाट बघत बसतात ...!! |
प्रकाश१११ |
7 |
हल्ली मी लिहीतच नाही ...(२)... |
फिझा |
3 |
मी माझ्या छंदातच रमतो - |
विदेश |
5 |
जीवन |
दि ग्रेट मराठा |
2 |
चारोळी... ४ओळी |
दि ग्रेट मराठा |
5 |
प्रेमाचा झुला |
यश पालकर |
4 |
मिठीत कळी उमलली |
पाषाणभेद |
5 |
असा मी तसा मी भाग-२ |
अविनाश खेडकर |
7 |
असा मी तसा मी-१ |
अविनाश खेडकर |
9 |
तिचा नवरा -१ |
सन्जोप राव |
17 |
बिगारी |
पाषाणभेद |
1 |
शब्द |
पाषाणभेद |
2 |
मन |
गार्गी_नचिकेत |
1 |
आग्निपरीक्षा |
गार्गी_नचिकेत |
6 |
एक स्वप्न आहे |
यश पालकर |
4 |
४. कोवळे झुंबर |
गणेशा |
20 |
...खरच जमलंय !! |
फिझा |
6 |
चांदण्यात फिरतांना..... |
विनीता देशपांडे |
3 |
चुकीचे हिशेब |
यश पालकर |
10 |
अस्तित्व दान केले |
गंगाधर मुटे |
5 |
युगलगीतः आज पाहणार आहे |
पाषाणभेद |
0 |
साई - |
विदेश |
4 |
देवळातला देव भिकारी |
पाषाणभेद |
4 |
जखम |
जयवी |
10 |