माझ्या गावाचा पाऊस.. |
अत्रुप्त आत्मा |
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..तिथे ती भेटते |
अनन्त्_यात्री |
2 |
भेटी लागी जीवा . . |
माम्लेदारचा पन्खा |
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अन् फुलांचे देह ओले पेटवावे तू! |
सत्यजित... |
2 |
II मी प्रेमपुरीचा विठ्ठल II |
सिद्धेश्वर विला... |
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तुफान आलंया !! |
फिझा |
0 |
II बळीराज किंकर अख्नंडीत माझे II |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
ती उत्तर मागत नाही... |
सत्यजित... |
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उगवता सूर्य आणि तो |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
भूमिपुत्र आणि काळी आई |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
व्याकुळकथा |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
भरारी |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
अविनाशीत्व |
अनिकेत कवठेकर |
0 |
टाळण्या कवटाळण्या वा पाळण्यायोग्य... |
दमामि |
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घराला मनांचा उबारा करु! |
सत्यजित... |
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आनंदवन |
अनन्त्_यात्री |
5 |
II ना होतो नवा मी , ना होती ती जुनी II ( मिपा मित्रानो "जेनी" नाही बरं का ... जुनी ) |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
कविता :: II बॉस हा नेहमी बॉस असतो II |
सिद्धेश्वर विला... |
2 |
आयुष्याची गाडी |
माम्लेदारचा पन्खा |
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कविता II आपुल्या नात्याचा शिलालेख कल्पला II |
सिद्धेश्वर विला... |
0 |
कविता II अजून एक चान्स तू घ्यायला हवा होता II |
सिद्धेश्वर विला... |
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नजरोंको चुराकर वो... |
सत्यजित... |
2 |
...असे आजोबा! |
हृषीकेश पतकी |
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सिविपासींच्या कवितांचा तौलनिक व संक्षिप्त आढावा |
पिशी अबोली |
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निळा प्रवासी |
विशाल कुलकर्णी |
4 |
मेरे मरदको काम पे है जाना आणि काडीचा सरडा |
पाषाणभेद |
2 |
ती पहा पडली गझल... |
सत्यजित... |
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और भी आसार बाकी है |
drsunilahirrao |
2 |
वारी हो वारी |
माम्लेदारचा पन्खा |
2 |
साक्षात्कार |
अनन्त्_यात्री |
13 |
येथे पाहिजे जातीचे ..... |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
2 |
वाघोबा वाघोबा किती वाजले |
श्रीगुरुजी |
5 |
पहिले प्रेम आणि पहिला पाऊस सारखाच! |
bhavana kale |
5 |
मी कोणालाच काही सांगणार नाही... |
bhavana kale |
8 |
पावसावर कविता? नाय नो नेव्हर! |
रातराणी |
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ढग . . ! |
माम्लेदारचा पन्खा |
9 |
अदृष्य हात |
संदीप-लेले |
0 |
संध्याराणी |
शार्दुल_हातोळकर |
24 |
फ्लो डायग्राम---->माझ्या पावसाळी कविता॑चा |
अनन्त्_यात्री |
0 |
पाऊस..... काचेपलिकडचा.....! |
सनकी |
4 |
शिव तांडव स्तोत्र - मराठी अनुवाद |
नरेंद्र गोळे |
38 |
हिरकणी (कविता) |
शार्दुल_हातोळकर |
23 |
मीच का ? |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
0 |
अंबरनक्षी |
सांजसंध्या |
24 |
तूरडाळ टंचाई |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
2 |
क्रृष्णमेघ |
चष्मेबद्दूर |
4 |
पाखरे |
संदीप-लेले |
4 |
जय महाराष्ट्र बोला |
पाषाणभेद |
4 |
झिन झनन निनादत होते |
अनन्त्_यात्री |
7 |
ऊन |
शिव कन्या |
0 |
देवाचे मनोगत |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
0 |
मन माझं गोगलगाय ! |
मितान |
27 |
ताणे-बाणे स्थल-कालाचे.. |
अनन्त्_यात्री |
5 |
मुलगा |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
1 |
प्राजक्त |
पिशी अबोली |
5 |
लाल दिवा . . . . . . |
माम्लेदारचा पन्खा |
1 |
चारोळी: हिरवा"गार" पाऊस! |
निमिष सोनार |
6 |
माराल काय तुम्ही तयांना ...... |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
0 |
जपुन टाक पाउल |
Vinayak sable |
5 |
मग्न तळ्याकाठी |
अनन्त्_यात्री |
14 |
हळद |
माधुरी विनायक |
5 |
अध्यात्माची महती |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
12 |
सांज मुकी |
चांदणशेला |
3 |
अण्णारती- विरहखंड भाग १ |
माम्लेदारचा पन्खा |
8 |
जरतारी |
शिवोऽहम् |
6 |
" तू " |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
4 |
सांगा |
अरूण गंगाधर कोर्डे |
2 |
जगायास कारण ईतकेच आहे... |
सत्यजित... |
7 |
सर एक श्रावणाची बरसून काय गेली! |
सत्यजित... |
18 |
जिंदगी या बायकांची,राळ आहे का? |
सत्यजित... |
10 |