तंगड्यांवर तंगडे |
रणजित चितळे |
1 |
मातेचे ऋण |
शुचि |
8 |
माझ्या 'गोव्या'च्या पुडीत |
अडगळ |
22 |
“ घेतला वसा षंढतेचा ” |
निरन्जन वहालेकर |
4 |
चिंधी |
स्पंदना |
5 |
पाऊस... |
वैभव देशमुख |
2 |
कंट्रोल झेड |
अविनाश ओगले |
24 |
जीव तुझा कासावीस ... |
वैभव देशमुख |
9 |
ती स्वप्नसुंदरी |
गंगाधर मुटे |
3 |
पराक्रमी असा मी : हझल |
गंगाधर मुटे |
4 |
एकटीच होते बरी मी एकटीच होते खरी |
झुम्बर |
5 |
निस्सिम प्रेम |
चिंगुसविकॄतजोशी |
1 |
धागा धागा अखंड दळूया |
केसुरंगा |
11 |
अहंकार |
दिलीपकुमार |
1 |
मैत्री चिरायु होवो..a.k.a Long Live Friendship |
कानडाऊ योगेशु |
2 |
<घागरा> |
अवलिया |
10 |
जीवन म्हणजे मुशायरा |
अजय जोशी |
1 |
प्रश्न |
सौरभ परांजपे |
1 |
दयाळू |
सौरभ परांजपे |
3 |
कृष्णा तू आमच्या संगे खेळत का नाही? |
पाषाणभेद |
1 |
<एक पाहुणी पोरगी> |
अवलिया |
17 |
' ती ' |
दिलीपकुमार |
0 |
ताप |
मितभाषी |
3 |
अनुभवींनी मार्गदर्शन करावे. |
शानबा५१२ |
20 |
माझी जन्माची शिदोरी |
क्रान्ति |
15 |
मित्रार्थ |
निमिष सोनार |
0 |
ती...... |
सुभाष् अक्कावार |
3 |
(माझी जन्माची शिदोरी ) |
अडगळ |
16 |
रक्त आटते, मन सुक्ते |
रणजित चितळे |
2 |
विलास तो गेला, गेला, तिला भेटण्याला |
केसुरंगा |
5 |
संस्थळी प्रतिसाद देता |
शुचि |
15 |
अघटीत |
निमिष सोनार |
2 |
((बट डोईवरि बट झुलते तरी)) |
मराठमोळा |
3 |
(बट डोईवरि बट झुलते तरि) |
राजेश घासकडवी |
16 |
लावणी : आसं कसं वो तुमी मर्द गडी |
पाषाणभेद |
5 |
मंद जाहल्या तारका..... |
निरन्जन वहालेकर |
2 |
मी पहात होतो दूर... |
भारतीय |
1 |
माझ्या अंगामधी भिनलाय वादळी वारा |
पाषाणभेद |
0 |
हातचा |
स्वाती फडणीस |
9 |
फिनिक्स |
निरन्जन वहालेकर |
2 |
..... बाकी सगळं ठीक आहे ! |
मनीषा |
10 |
प्रार्थना |
यशोधरा |
22 |
माझे बाबा |
पाषाणभेद |
4 |
पाउस आला पाउस आला |
पाषाणभेद |
3 |
अरे देवा मी काही सुखी नाही |
पाषाणभेद |
6 |
पाध्यांचे मनोगत |
नितिन थत्ते |
24 |
आठवण आणि …… |
निरन्जन वहालेकर |
3 |
जुनी |
अरुण मनोहर |
5 |
नका जावू अशा पावसात |
पाषाणभेद |
4 |
<शीघ्र कवीची एक कविता> |
विजुभाऊ |
4 |
हा तोच किनारा फिरतो मी |
राजेश घासकडवी |
7 |
विहंगगीत. |
अशोक गोडबोले |
13 |
'केशवा' अजब तुझे अवतार! |
चतुरंग |
11 |
(केव्हा तरी पहाटे) |
llपुण्याचे पेशवेll |
22 |
नव्या वर्षाची गुढी उभारू चला |
पाषाणभेद |
2 |
अरूपाचे रूप |
क्रान्ति |
14 |
(अवलिया रुप) |
केसुरंगा |
16 |
<अवलियाचे रूप> |
परिकथेतील राजकुमार |
28 |
पाऊस आला |
पाषाणभेद |
0 |
पाऊस गाणी |
स्वाती फडणीस |
3 |
..पाउस |
जाई अस्सल कोल्हापुरी |
12 |
यशदा |
स्वाती फडणीस |
8 |
गीत : सूर आज माझे का अबोल झाले |
पाषाणभेद |
2 |
पाउस आनि निसर्ग |
अनिरुद्धशेटे |
1 |
कोणत्या शब्दात दम त्याला भरू ? |
केशवसुमार |
9 |
कोणत्या मापात मी पेला भरू? |
केशवसुमार |
11 |
वारी |
राजेश घासकडवी |
20 |
आज अचानक तुझी आठवण का यावी |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
6 |
विकांताची करमणूक . |
रामदास |
14 |
एका स्थळात लिहिली, वीडंबने हि दोन |
राजेश घासकडवी |
21 |