काथ्याकूट |
!! मिपा पुणे कट्टा साद्यंत व्रुतान्तःबखर क्र १!! चौक ४ |
विजुभाऊ |
काथ्याकूट |
!! मिपा पुणे कट्टा साद्यंत व्रुतान्तःबखर क्र १!! चौक ३ |
विजुभाऊ |
काथ्याकूट |
दररोज सकाळी सायंकाळी शुचिर्भुत होऊन म्हणणारा साधक सर्व चिंतामधुन मुक्त होतो / आनंदी होतो .... अगदी दुसर्या दिवसापासुनच |
विजुभाऊ |
जनातलं, मनातलं |
गणपत पाटील, विनम्र आदरांजली... |
विसोबा खेचर |
जनातलं, मनातलं |
विडंबन सम्राट |
सृष्टीलावण्या |
जनातलं, मनातलं |
मधुशाला - एक मुक्तचिंतन आणि भावानुवाद (भाग ५) |
चतुरंग |
पाककृती |
मेतकूट |
स्वाती राजेश |
जे न देखे रवी... |
मांजर (रेखाटन) |
वर्षा |
काथ्याकूट |
!! मिपा पुणे कट्टा साद्यंत व्रुतान्तःबखर क्र १!! चौक २ |
विजुभाऊ |
जनातलं, मनातलं |
मिपाकरांच्या कट्ट्याला शुभेच्छा! :) |
विसोबा खेचर |
जनातलं, मनातलं |
दररोज सकाळी शुचिर्भुत होऊन म्हणणारा साधक अव्यघ्या सहा महिन्यात कर्जातून काही प्रमाणात सावरतो / मुक्त होतो. |
संजीव नाईक |
जे न देखे रवी... |
डोळे हे जुल्मी गडे.....रेखाटन |
वर्षा |
जनातलं, मनातलं |
Education Experiments: A Call For Participation |
संजीव नाईक |
जनातलं, मनातलं |
निसर्गाची किमया |
धनाधीश |
काथ्याकूट |
नमस्कार हे अप्रकाशित आहे. |
नीलकांत |
जे न देखे रवी... |
दिवस जुने ते स्मरायचे |
केशवसुमार |
काथ्याकूट |
वॄत्तपत्र नव्हे मित्र? |
प्रशांतकवळे |
काथ्याकूट |
विदर्भातला शेतकरी.. |
सृष्टीलावण्या |
जे न देखे रवी... |
पुण्यातील एका स्कूटरचे आत्म(घातकी)व्रूत्त्.....(तमा पुणेकरांची "स्थूल्"मानाने क्षमा मागून) |
उदय सप्रे |
जनातलं, मनातलं |
काही "दारोळ्या" |
छोटा डॉन |
काथ्याकूट |
विजय दिन |
गुंडोपंत |
जनातलं, मनातलं |
गंमत |
सचिन |
जे न देखे रवी... |
भविश्यातिल रिलायन्स ग्रुप IPO |
शरुबाबा |
काथ्याकूट |
ही चाचणी आहे. |
सरपंच |
जनातलं, मनातलं |
लहानपणीचे मिसळप्रेमी |
कोलबेर |
जे न देखे रवी... |
(एका माळेचे मणी) |
केशवसुमार |
काथ्याकूट |
डॉलर, रुपया आणि मी |
कौटील्य |
काथ्याकूट |
सद्धगुरु च्या शोधात ............ भाग २ पुढे |
संजीव नाईक |
जनातलं, मनातलं |
होत॑ हे अस॑ कधी कधी... |
सोम |
काथ्याकूट |
सद्धगुरु च्या शोधात भाग ३ सन १९२० सालची दुर्लभ पदे. |
संजीव नाईक |
जनातलं, मनातलं |
आभाळमाया |
सर्वसाक्षी |
जे न देखे रवी... |
काटा रुते कुणाला, बोंबील खाती कोणी |
ॐकार |
जे न देखे रवी... |
'सेने'तिल काटे... |
चतुरंग |
काथ्याकूट |
सदगुरु च्या शोधात.. |
संजीव नाईक |
काथ्याकूट |
७-८-९ |
पुष्कर |
जनातलं, मनातलं |
कुक्कुटधर्माचा मिसळपावला सक्रीय पाठिंबा |
वात कुक्कुट |
जे न देखे रवी... |
कविता सुचे कुणाला ... |
केशवसुमार |
काथ्याकूट |
शिक्षण-प्रयोग-स्वप्ननगरीच्या धरतीवर, स्वप्न साकार होई पर्यंत |
संजीव नाईक |
काथ्याकूट |
बातमीतील अवतरण चिन्हांचे महत्व |
प्रकाश घाटपांडे |
जनातलं, मनातलं |
होळीच्या आणि धुळवडीच्या शुभेच्छा! |
विसोबा खेचर |
जे न देखे रवी... |
जेव्हा तिची नि माझी ... |
केशवसुमार |
पाककृती |
संडे स्पेशल (पुडाच्या वड्या / बाकर वड्या) |
स्वाती राजेश |
जे न देखे रवी... |
भाषा मराठी.. |
विवेकवि |
जे न देखे रवी... |
हिंदू.. |
विवेकवि |
जे न देखे रवी... |
मी.. |
विवेकवि |
जे न देखे रवी... |
((कुणि जाल का, सांगाल का..)) |
केशवसुमार |
जनातलं, मनातलं |
मधुशाला - एक मुक्तचिंतन आणि भावानुवाद (भाग ४) |
चतुरंग |
जनातलं, मनातलं |
सूर्यास्त - २ |
सर्वसाक्षी |
जे न देखे रवी... |
बोले हो बॉस कुणाला (विडंबन गीत), काटा रूते कुणाला (मूळ गीत) |
प्रा सुरेश खेडकर |
जे न देखे रवी... |
बायको नावाचे वेगळेच प्रकरण आपल्या पुढे येते.... |
विजुभाऊ |
जनातलं, मनातलं |
इंद्रधनुष्य |
देवदत्त |
काथ्याकूट |
'होळी'ची 'होली' |
भोचक |
जे न देखे रवी... |
सळसळणार्या फांद्यांवरती शेंगा फिक्क्ट सोनेरी |
ॐकार |
काथ्याकूट |
Is the US economy heading for a collapse? |
विजुभाऊ |
जनातलं, मनातलं |
बसंतचं लग्न - बारावा भाग! |
विसोबा खेचर |
काथ्याकूट |
मजेशीर वाक्ये |
सचिन |
जनातलं, मनातलं |
प्रार्थना.. |
विसोबा खेचर |
जनातलं, मनातलं |
मधुशाला - एक मुक्तचिंतन आणि भावानुवाद (भाग ३) |
चतुरंग |
जनातलं, मनातलं |
गावातली होळी |
भोचक |
जे न देखे रवी... |
(अधिकार) |
केशवसुमार |
काथ्याकूट |
उपक्रम |
हर्शल |
जे न देखे रवी... |
विडंबन - जे खावे पचण्याचे वय निघून गेले |
अविनाश ओगले |
काथ्याकूट |
विज्ञान लेखक सर आर्थर क्लार्क यांचे निधन |
सागर |
काथ्याकूट |
ह्या "मुद्रे"चा अर्थ काय? |
जगन्नाथ |
जनातलं, मनातलं |
चित्रकळा - ३ |
ॐकार |
जनातलं, मनातलं |
घटका, पळें...यक्षप्रश्न...झिरो पॅडिंग...असंबद्ध |
नंदन |
काथ्याकूट |
रामसेतु |
पुरणपोळी |
काथ्याकूट |
मिपा वरील चर्चेची सादर दखल |
प्रा सुरेश खेडकर |
जे न देखे रवी... |
सुरापुराण - प्रथम अध्याय.. |
अनिकेत |
काथ्याकूट |
"झेंडूची फुले" परंपरा |
प्रा सुरेश खेडकर |