नवे लेखन
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मिसळपाव.कॉमवर प्रकाशित झालेले सर्व प्रकारचे नवीन साहित्य येथे बघता येईल.
प्रकार | लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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मिपा कलादालन | व्यंगचित्र: ०३ | ए ए वाघमारे | 7 |
काथ्याकूट | श्रीराम आणि श्रीकृष्ण | Prajakta२१ | 11 |
जनातलं, मनातलं | कवी होण्याच्या चार सोप्या टिप्स | जव्हेरगंज | 11 |
जनातलं, मनातलं | मोगँबो - ८ ( अंतीम) | विजुभाऊ | 4 |
जनातलं, मनातलं | राक्षसमंदिर! | अज्ञातवासी | 9 |
स्पर्धा | [शशक' २०२०] - आजी | बिपीन सुरेश सांगळे | 17 |
जे न देखे रवी... | सनईचे.. सूर वाजले.. दारी | गणेशा | 4 |
जनातलं, मनातलं | पिंजऱ्यातली अंबा | ज्योति अळवणी | 7 |
काथ्याकूट | समूह प्रबोधन | प्रकाश घाटपांडे | 5 |
जनातलं, मनातलं | पोलिटिकल कॅरेक्टनेसची हद्द | विद्यार्थी | 6 |
जनातलं, मनातलं | श्री सो.डी.माहात्म्य - द्वितीय अध्याय | अभिदेश | 1 |
जनातलं, मनातलं | फडफडणारा पक्षी आणि वातावरण | Harshal Kulkarni | 2 |
जे न देखे रवी... | कवितेच्या विषाणूने | अनन्त्_यात्री | 1 |
पाककृती | पनीर उत्तपा | प्रशांत | 18 |
जनातलं, मनातलं | [शशक] प्रोजेक्ट डेमो | SaurabhD | 3 |
काथ्याकूट | रस्ते | होकाका | 0 |
जनातलं, मनातलं | सह्याद्रीचा सिंह गर्जतो... | आपला अनिकेत | 4 |
काथ्याकूट | लॉकडाऊन: पंचविसावा दिवस | इरसाल कार्टं | 45 |
स्पर्धा | [कविता' २०२०] - मनुष्यप्राणी | साहित्य संपादक | 4 |
स्पर्धा | [कविता' २०२०] - कविता | साहित्य संपादक | 3 |
जनातलं, मनातलं | मन्याचे लॉकडाऊन | चिनार | 3 |
जनातलं, मनातलं | श्री सो.डी.माहात्म्य | अभिदेश | 3 |
स्पर्धा | [कविता' २०२०] - क्वार्टर मिळवाया डोकं.. | साहित्य संपादक | 4 |
जनातलं, मनातलं | सुटकेस ५ | जव्हेरगंज | 11 |
स्पर्धा | [कविता' २०२०] - दुर्लक्षास्त्र | साहित्य संपादक | 5 |
स्पर्धा | [कविता' २०२०] - समर्थ | साहित्य संपादक | 2 |
जे न देखे रवी... | वाट.. | मन्या ऽ | 7 |
स्पर्धा | [कविता' २०२०] - मिपाकर | साहित्य संपादक | 4 |
जनातलं, मनातलं | श्वेत साडी (एक कथा) | vaibhav deshmukh | 7 |
काथ्याकूट | स्थलांतर migration कॅनडा ऑस्ट्रेलिया न्यूझीलंड | चौकस२१२ | 8 |
पाककृती | पनीर उत्तप्पा (फसलेला) | Prajakta२१ | 7 |
स्पर्धा | [शशक' २०२०] - मेजवानी | जव्हेरगंज | 11 |
जनातलं, मनातलं | सुटकेस २ | जव्हेरगंज | 15 |
जनातलं, मनातलं | सुटकेस ४ | जव्हेरगंज | 5 |
जे न देखे रवी... | आत्म दीपो भव | Kaustubh bhamare | 4 |
काथ्याकूट | वीषाणू म्हणती कितवा दिवस? | माहितगार | 20 |
पाककृती | मोदक आणि पातोळे. | सेफ्टीपिन | 7 |
पाककृती | "ट्रिपल एम"[मेथी मुर्ग मलई] + तंदुरी गार्लिक नान | केडी | 18 |
जनातलं, मनातलं | टेस्ट | शेखरमोघे | 4 |
जनातलं, मनातलं | अग्निपथ: देख ना फिर से मत, कर शपथ, कर शपथ! | ए ए वाघमारे | 7 |
जनातलं, मनातलं | सह्याद्रीचा सिंह गर्जतो... | आपला अनिकेत | 0 |
जनातलं, मनातलं | सह्याद्रीचा सिंह गर्जतो... | आपला अनिकेत | 0 |
जनातलं, मनातलं | दुपारची झोप | लेखनवाला | 1 |
जनातलं, मनातलं | भन्नाट ४ | परिकथेतील राजकुमार | 28 |
जनातलं, मनातलं | भन्नाट ३ | परिकथेतील राजकुमार | 56 |
जनातलं, मनातलं | भन्नाट | परिकथेतील राजकुमार | 49 |
जनातलं, मनातलं | माणूस लॉकडाऊन | डॉ. सुधीर राजार... | 9 |
काथ्याकूट | लॉकडाऊन : एकोणचाळीसावा दिवस | आजी | 29 |
जे न देखे रवी... | विडंबन ( चायनाच्या वूहानमध्ये...) | मायमराठी | 6 |
जनातलं, मनातलं | सांग सांग भोलानाथ | शेखरमोघे | 6 |
जनातलं, मनातलं | कै. व्यंकटेश माडगुळकारांना साहित्यिक आदरांजली. भाग २ | शशिकांत ओक | 7 |
काथ्याकूट | दुसऱ्या बाजीरावांची वणवण कशी संपली? | शशिकांत ओक | 7 |
जनातलं, मनातलं | उस्ताद विलायत खाँ - 'सनातनी बंडखोर' सतार नवाझ - १ | मूकवाचक | 32 |
काथ्याकूट | लॉकडाऊन : बत्तीसावा दिवस | टर्मीनेटर | 25 |
काथ्याकूट | लॉकडाऊन: चाळीसावा दिवस | नीलकांत | 21 |
जनातलं, मनातलं | मिसळपाव .कॉम (मिपा)चे काम कसं चालतं? | नीलकांत | 15 |
जनातलं, मनातलं | आज ऋषिकपूर गेला म्हणूनच नाही फक्त | रविकिरण फडके | 6 |
स्पर्धा | [शशक' २०२०] - पिंजरा | गुल्लू दादा | 16 |
जनातलं, मनातलं | फाssट्टकन !!! | बोलघेवडा | 8 |
जनातलं, मनातलं | शतशब्दकथा: अंगरखा | एस | 5 |
स्पर्धा | [शशक' २०२०] - छंद | स्मिताके | 39 |
स्पर्धा | [शशक' २०२०] - प्रसाद | मायमराठी | 62 |
स्पर्धा | [शशक' २०२०] - हेवा | ज्योति अळवणी | 50 |
काथ्याकूट | लॉकडाऊन: अठरावा दिवस | amol gawali | 32 |
काथ्याकूट | कॅनडा PR बाबत | Prajakta२१ | 17 |
जनातलं, मनातलं | लाॅकडाऊन: अडतिसवा दिवस | किसन शिंदे | 16 |
जनातलं, मनातलं | दोसतार - ४४ | विजुभाऊ | 5 |
जनातलं, मनातलं | कै. व्यंकटेश माडगुळकारांना साहित्यिक आदरांजली. भाग 1 | शशिकांत ओक | 10 |
जनातलं, मनातलं | पवित्रतास्वरूपिणी श्री शारदा माताजी - पुस्तक परिचय | Prajakta२१ | 4 |
दिवाळी अंक | हंगामा है क्यों बरपा... बार टेंडिंगचे रंजक जग - श्वेता चक्रदेव | साहित्य संपादक | 29 |