सोयीचं प्रेम की प्रेमाची सोय ?
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ती: अहो, आता हा वर्षाचा होईल, बघता बघता दिवस निघून गेले ..मी तरी किती दिवस घरी राहणार अजून ? आपण लगेच पाळणाघर बघायला हवं ! मी एक दोन ठिकाणी चौकशी करून ठेवली आहे. त्यातल्या त्यात शेजारच्या बिल्डिंगमधल्या काकू बऱ्या आहेत, आपल्यालाही बरे पडेल......
तो : बरं , उद्याच जाऊन चौकशी करू ....
दुसऱ्याच दिवशी काही रंगीत खेळणी, थोडा खाऊ , औषधं आणि छोटं गोड पार्सल काकूंकडे रवाना.....
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