मन |
जागु |
0 |
माझ्या <strong>डॅन्स</strong> बार चा |
sanjubaba |
4 |
दादा म्हनले ... ! |
विशाल कुलकर्णी |
14 |
पानगळीचे वैभव |
धनंजय |
22 |
निरोप |
विशाल कुलकर्णी |
8 |
प्रश्न |
शुभान्गी |
6 |
((देवानं विडंबकांना असं का बनवलं?)) |
आपला अभिजित |
5 |
<<----देवानं तोतया कवींना असं का बनवलं---->> |
मराठमोळा |
0 |
(खरच आता नको ) |
मराठमोळा |
5 |
दिवस जूने भुलायचे,काळजी वाचून जगायचे |
श्रीकृष्ण सामंत |
4 |
आता नको |
विशाल कुलकर्णी |
2 |
... कवितेचा आजार हवा |
अजय जोशी |
1 |
चारोळी |
सुशील |
11 |
देवाने माश्यांना अस का बनवल ? |
मूखदूर्बळ |
1 |
गुढी उभारावी अशी |
राजा |
5 |
पसारा |
केशवसुमार |
8 |
अशक्य केवळ -२ |
केशवसुमार |
15 |
तुझं घर |
क्रान्ति |
1 |
शाळा |
जागु |
5 |
बाळू (भाग २) |
जागु |
4 |
तू पुन्हा केव्हा जरी...! |
केशवसुमार |
9 |
सूर भैरवीचे |
क्रान्ति |
10 |
आता नाही |
विशाल कुलकर्णी |
2 |
आणखी काही मुक्तके |
चन्द्रशेखर गोखले |
10 |
(सगळ्यांसाठी..) |
मराठमोळा |
9 |
खंत |
विशाल कुलकर्णी |
4 |
जाईची कळी |
जागु |
7 |
तू..... ! |
चंद्रशेखर महामुनी |
17 |
प्रतिक्षा.... ! |
चंद्रशेखर महामुनी |
0 |
...उदयात शोध काही! |
राघव |
19 |
मधुराभक्ती |
क्रान्ति |
12 |
(...उदरात ढकल काही!) |
चतुरंग |
16 |
मन |
चंद्रशेखर महामुनी |
12 |
दुसरा कुणीच नाही.... |
जयवी |
25 |
सागराचे मनोगत |
जागु |
4 |
कृष्णमय-- |
पुष्कराज |
5 |
(अशक्य केवळ) |
श्रावण मोडक |
3 |
भूल |
विशाल कुलकर्णी |
2 |
<बाकी ते फुगणेच खरे> |
मराठमोळा |
1 |
बाकी ते रुसणेच खरे |
विशाल कुलकर्णी |
3 |
क्षण.... ! |
चंद्रशेखर महामुनी |
6 |
बदल |
जागु |
16 |
मुक्ती |
क्रान्ति |
8 |
चित्कला |
विशाल कुलकर्णी |
13 |
लिहून काय साधले |
केशवसुमार |
6 |
अज्ञेय-२ |
केशवसुमार |
0 |
सांज-राधा |
क्रान्ति |
16 |
कृष्णमयी.. |
प्राजु |
26 |
सय |
विशाल कुलकर्णी |
7 |
लहानपण |
जागु |
6 |
प्रणय सोहळा |
अविनाशकुलकर्णी |
0 |
मैत्रि |
चंद्रशेखर महामुनी |
2 |
काव्य झुरळे- एक मंथन |
मूखदूर्बळ |
16 |
वय |
क्रान्ति |
12 |
<अस्वस्थ मन!> |
मराठमोळा |
7 |
तु म्हणजे.... |
बाप्पा |
6 |
आई-बापच लेकरु पंख फुट्ल पाखरु |
पुष्कराज |
21 |
मन! |
प्रेरणा |
4 |
<तुझ्या नशेविना> |
मराठमोळा |
3 |
घड्याळ |
जागु |
2 |
माझे घर |
जागु |
13 |
ग्लोबल वॉर्मिंग (देवद्वार छंद) |
संदीप चित्रे |
25 |
तुझ्या दु:खाविना |
शिवापा |
4 |
मैफल |
क्रान्ति |
8 |
तू |
जयवी |
9 |
(शीघ्र कवीच्या तीन वेता!) |
चतुरंग |
7 |
शीघ्र कविच्या तीन कविता |
प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे |
26 |
उदास मन |
जागु |
1 |
<<गाळलेली हात भट्टीची>> |
कुंदन |
25 |
ईंटर नेट्या |
अविनाशकुलकर्णी |
4 |