नवे लेखन
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मिसळपाव.कॉमवर प्रकाशित झालेले सर्व प्रकारचे नवीन साहित्य येथे बघता येईल.
प्रकार | लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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जनातलं, मनातलं | कालाय तस्मै नम:? | चौफेर | 16 |
जनातलं, मनातलं | मर्मबंधातली ठेव ही... | अन्वय | 7 |
काथ्याकूट | महाराष्ट्राच्या शेतीमंत्र्याचा मूर्खपणा! | बहुगुणी | 35 |
जे न देखे रवी... | गणेशवंदना | क्रान्ति | 7 |
कलादालन | अफगाणिस्तानातल्या निवडणुकीवरील एक बोलके व्यंगचित्र | सुधीर काळे | 2 |
जे न देखे रवी... | (ऐन दुपारी!) | चतुरंग | 19 |
जनातलं, मनातलं | सप्लिमेन्ट | दवबिन्दु | 8 |
जनातलं, मनातलं | अतुलचा भयगंड | श्रीकृष्ण सामंत | 5 |
जनातलं, मनातलं | आमच्या गावचा पोळा | अनामिक | 28 |
जे न देखे रवी... | सहज चाळले.. | प्राजु | 31 |
काथ्याकूट | भाजप नक्की कोणता ? | हरकाम्या | 6 |
कलादालन | ... आणि फुले होण्यासाठी कळ्या जागताना? | सुनील | 12 |
कलादालन | रणथंभोर राष्ट्रिय व्याघ्र प्रकल्प सहल | श्रीराम पेंडसे | 40 |
जनातलं, मनातलं | शुक्रवारची कहाणी ..... | प्रभो | 8 |
पाककृती | तिखट साबुदाणा खिचडी | मितालि | 11 |
काथ्याकूट | सूर्याजवळ जाण्याची हिम्मत ! | कळस | 19 |
जनातलं, मनातलं | मी व १५० लेख ! | दशानन | 42 |
काथ्याकूट | खरड वही | गोगट्यांचा समीर | 3 |
जे न देखे रवी... | कलमी झाड | फ्रॅक्चर बंड्या | 1 |
कलादालन | नभ निळाई ....! | विशाल कुलकर्णी | 6 |
जनातलं, मनातलं | सस्नेह निमंत्रण. | धमाल मुलगा | 96 |
जनातलं, मनातलं | जीवधन आणि नाणेघाट... | विमुक्त | 41 |
काथ्याकूट | दुनियादारी | प्रभो | 12 |
काथ्याकूट | कॉकटेल - सोमरस संबधी... ! | दशानन | 66 |
जे न देखे रवी... | माझी गाथा .....! | विशाल कुलकर्णी | 7 |
काथ्याकूट | नेति नेति | अविनाशकुलकर्णी | 9 |
कलादालन | मिसळपावला सप्रेम भेट | अजय भागवत | 4 |
जनातलं, मनातलं | वारी, गिरगावातील समर्थ भोजनालयाची! | संताजी धनाजी | 34 |
जनातलं, मनातलं | आम्ही क्युबिकल डेकोरेशन करतो .... | छोटा डॉन | 48 |
जे न देखे रवी... | माझी पण एक (पाडीव) कविता (काव्यरस - टिंगल) | युयुत्सु | 5 |
जे न देखे रवी... | मनातली शाळा | हृषीकेश पतकी | 15 |
जनातलं, मनातलं | बैलपोळ्याच्या शुभेच्छा !! | लिखाळ | 27 |
काथ्याकूट | Social Cohesion and Human Nature या बर्ट्राण्ड रसेलच्या निबंधाचा स्वैर अनुवाद | युयुत्सु | 12 |
जनातलं, मनातलं | बर्ट्रांड रसल, माझा सर्वात आवडता लेखक | ३_१४ विक्षिप्त अदिती | 30 |
काथ्याकूट | सनातन प्रभात | कशिद | 33 |
जनातलं, मनातलं | सही रे सही -भाग १ | राजा रानडे | 19 |
जे न देखे रवी... | आठवते का सारे सारे? | पाषाणभेद | 4 |
जे न देखे रवी... | (सहज चोळले..) | ज्ञानेश... | 7 |
कलादालन | लडाखचे स्रुष्टीसौ॑दर्य | अबोल | 4 |
काथ्याकूट | बर्ट्रांड रसेलच्या In Praise of Idleness (१९३२) या निबंधाचे स्वैररुपांतर | युयुत्सु | 23 |
जनातलं, मनातलं | आई, तुला काही कळत नाही | स्वाती२ | 32 |
जनातलं, मनातलं | एका कॉम्पूटरची ईमेज दुसर्या कॉम्पूटरवर कशी घ्यावी | पाषाणभेद | 15 |
जनातलं, मनातलं | रफ"/ "टरफ" ची भाषा | फ्रॅक्चर बंड्या | 27 |
जे न देखे रवी... | (नाठाळ मुलांसाठी) बालकविता | धनंजय | 6 |
जनातलं, मनातलं | या सुखानो या! | श्रीकृष्ण सामंत | 9 |
जनातलं, मनातलं | झुठ का सामना | विकि | 11 |
काथ्याकूट | शताब्दी हौतात्म्याची | विकास | 12 |
जनातलं, मनातलं | स्वातंत्र्यदिन(एक लघुकथा) | मन | 8 |
जे न देखे रवी... | (तरीबी तिच्यायला आमी येक इडंबन करनार !!) | चतुरंग | 26 |
जनातलं, मनातलं | ध्यास... एक वेड | विमुक्त | 28 |
जे न देखे रवी... | लहान मुलांना पोटशूळ झाल्यास म्हणायचा मंत्र | धनंजय | 14 |
जे न देखे रवी... | स्वातंत्र्यदिन (?) चिरायु होवो ......! | विशाल कुलकर्णी | 9 |
जे न देखे रवी... | गिफ्ट | हृषीकेश पतकी | 16 |
जे न देखे रवी... | कृष्णार्पण | अरुण मनोहर | 9 |
जे न देखे रवी... | मी एक सिग्नल पिवळा | फ्रॅक्चर बंड्या | 7 |
काथ्याकूट | अल्-जझीराने केलेल्या "पाकिस्तानला सर्वात जास्त धोका कुणाकडून" या पाकिस्तानी जनमतकौलावर टिप्पणी | सुधीर काळे | 20 |
जनातलं, मनातलं | क क क क कमीने | अनामिक | 20 |
जे न देखे रवी... | दिवाळीची पहाट | फ्रॅक्चर बंड्या | 8 |
काथ्याकूट | इषय नाजूक हाय | अन्वय | 7 |
जनातलं, मनातलं | ती व तो - लफडा अनलिमिटेड -भाग -२ | दशानन | 11 |
काथ्याकूट | नवअस्पृश्य! | ऋषिकेश | 7 |
जनातलं, मनातलं | चला कथा लिहू या | आजानुकर्ण | 20 |
जनातलं, मनातलं | यज्ञकर्म उपहारगृह | प्रभाकर पेठकर | 12 |
जनातलं, मनातलं | मनकर्णिका - ३: 'स्मृतीगंध' मुंबईत | बहुगुणी | 0 |
जनातलं, मनातलं | स्वातंत्र्यदिनानिमित्त वंदे मातरम्! आणखी दोन बाल कलाकार | बहुगुणी | 9 |
जे न देखे रवी... | अर्थ | अ-मोल | 2 |
जनातलं, मनातलं | मण्याच्या खिषातले - शेंगदाणे | टारझन | 53 |
जनातलं, मनातलं | परिक्षण-गंध (छोटा डॉन स्टाईल) | विनायक पाचलग | 14 |
जनातलं, मनातलं | पारतंत्र्यदिन! | आपला अभिजित | 2 |
जनातलं, मनातलं | उड जायेगा हंस अकेला | ॐकार | 22 |