नवे लेखन
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मिसळपाव.कॉमवर प्रकाशित झालेले सर्व प्रकारचे नवीन साहित्य येथे बघता येईल.
प्रकार | लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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जे न देखे रवी... | अस्तित्व | स्वप्नयोगी | 4 |
काथ्याकूट | उदासबोध | प्रकाश घाटपांडे | 15 |
जे न देखे रवी... | मी...... | उमेश__ | 1 |
काथ्याकूट | जागतिकीकरणाची कहाणी भाग ३: डेव्हिड रिकार्डोचे तत्व | क्लिंटन | 11 |
जे न देखे रवी... | दैनंदीनी | जागु | 44 |
जे न देखे रवी... | पण तु मात्र.... | प्रेरणा | 3 |
जे न देखे रवी... | एका वृद्धाचे मनोगत | जागु | 11 |
काथ्याकूट | मनातंल -आतलं.. एक विचार प्रवर्तक लेख. | प्राजु | 8 |
जे न देखे रवी... | (एका वृद्धाचे मनोगत) | चतुरंग | 8 |
काथ्याकूट | स्तोत्र-मंत्रपठण | नितिन थत्ते | 15 |
जनातलं, मनातलं | मुरूड-जंजिरा वॉलपेपर्स | विकि | 16 |
जनातलं, मनातलं | ऐतीहासीक अजरामर वाक्ये... | अडाणि | 59 |
काथ्याकूट | युएफओ पाहीली आहे का कुणी, युएफओ? | त्रास | 44 |
जे न देखे रवी... | गाठोडं | जागु | 9 |
काथ्याकूट | आईन्स्टाईनचा विशेष सापेक्षतावाद आणि व्यापक सापेक्षतावाद - २ - थोर परंपरा - शल्वसूत्रे ते टॉलेमी! | टायबेरीअस | 34 |
जे न देखे रवी... | श्री गजानन महाराज ! भक्तिरचना... | चंद्रशेखर महामुनी | 35 |
जे न देखे रवी... | (एकदा plane मधे एक अप्सरा आणि तिची आई जवळ येऊन बसली) | संदीप चित्रे | 15 |
काथ्याकूट | आईन्स्टाईनचा विशेष सापेक्षतावाद आणि व्यापक सापेक्षतावाद - ३ - कोपर्निकस ते न्यूटन | टायबेरीअस | 22 |
जनातलं, मनातलं | आय लव चप्पाती :) | मूखदूर्बळ | 2 |
जे न देखे रवी... | माझ्या जमीनीच गाणं | पाषाणभेद | 7 |
जनातलं, मनातलं | अंकिता नव्हे प्रश्नांकिता. | श्रीकृष्ण सामंत | 0 |
काथ्याकूट | माझी मराठी फिल्लम -बाजी | मूखदूर्बळ | 5 |
जनातलं, मनातलं | रसग्रहण : सुन्या सुन्या मैफलीत माझ्या. | अनंता | 47 |
जनातलं, मनातलं | तीच खरी श्रध्दांजली....! | विनायक पाचलग | 8 |
जे न देखे रवी... | ...तोच आहे. | अंकुश चव्हाण | 1 |
काथ्याकूट | काळा मसाला / गोडा मसाला | पाषाणभेद | 10 |
काथ्याकूट | मन तृप्त झालं आहे पण उत्साह स्वस्थ बसूं देत नाही. | श्रीकृष्ण सामंत | 18 |
जे न देखे रवी... | ती माझी कविता | गोगट्यांचा समीर | 0 |
काथ्याकूट | प्रकाशचित्र संपादन प्रणाली | गणा मास्तर | 8 |
जे न देखे रवी... | प्रश्न | ठकू | 4 |
जे न देखे रवी... | एकदा train मधे एक अप्सरा जवळ येऊन बसली | स्वप्निल मन | 7 |
काथ्याकूट | ताड गोळा / ताड फळ / ताडा गेदली | पाषाणभेद | 35 |
जनातलं, मनातलं | कर्नाळा - इतिहास | सुमीत | 7 |
जे न देखे रवी... | दुर का रे असतो | पाषाणभेद | 9 |
काथ्याकूट | त की थ ? | नेटकिडा | 33 |
जनातलं, मनातलं | मुखवटा | परिकथेतील राजकुमार | 9 |
जे न देखे रवी... | आयुष्य | क्रान्ति | 17 |
जे न देखे रवी... | काठावरचे प्रेम..... | उदय सप्रे | 8 |
काथ्याकूट | स्वाईन फ्लू. | नेटकिडा | 13 |
जनातलं, मनातलं | तर्कशास्त्र | अजय भागवत | 18 |
जनातलं, मनातलं | 'वसंत' असाही.. | स्वाती दिनेश | 23 |
जे न देखे रवी... | क्षुल्लक | जागु | 1 |
जनातलं, मनातलं | एक रुका हुवा फैसला १९८५ (परिक्षण) | आंबोळी | 19 |
जे न देखे रवी... | देणं-घेणं | जागु | 9 |
काथ्याकूट | रिक्षा चालकांचे अभिनंदन | हरकाम्या | 6 |
पाककृती | चटणी | स्वाती दिनेश | 47 |
जनातलं, मनातलं | आपला तो संस्कार, त्यांचा तो उर्मटपणा! | आपला अभिजित | 9 |
जनातलं, मनातलं | ट्यूलिप्सच्या गावा... | स्वाती दिनेश | 29 |
जनातलं, मनातलं | माझी गादी | निखिल देशपांडे | 21 |
पाककृती | ओल्या जवळ्याची चटणी कशी करायची ? | मि.इंडिया | 29 |
जे न देखे रवी... | अष्टौप्रहर..... | उदय सप्रे | 0 |
जनातलं, मनातलं | कोयना अभयारण्य | प्रकाश घाटपांडे | 31 |
जे न देखे रवी... | (रेडा...) | केशवसुमार | 4 |
जनातलं, मनातलं | संवादाचा सुवावो | भोचक | 15 |
जे न देखे रवी... | विचार चालु आहे | गोगट्यांचा समीर | 9 |
जे न देखे रवी... | (पाऊस .....कळलांय का?) | मराठमोळा | 7 |
जे न देखे रवी... | एक होता परा | टारझन | 26 |
जनातलं, मनातलं | फिक्शन - मी त्याला चावलं | टारझन | 21 |
जे न देखे रवी... | बेवफा... एक वेगळी मिश्र गझल ( हिंदी - मराठी ) | उमेश__ | 7 |
पाककृती | ताबडतोब रस मलाई.. :) | प्राजु | 34 |
जनातलं, मनातलं | वक्ता दशसहस्त्रेषु हरपला! | क्रान्ति | 14 |
जे न देखे रवी... | वेगळा होता..... | उदय सप्रे | 7 |
जे न देखे रवी... | श्रेयस | दशानन | 12 |
जनातलं, मनातलं | सर्व मिपाकरांना आग्रहाचे निमंत्रण !!! | घाशीराम कोतवाल १.२ | 77 |
पाककृती | अजून एक ब्रेड पुडिंग | शोनू | 5 |
जनातलं, मनातलं | मौन २ | अरुण वडुलेकर | 17 |
काथ्याकूट | गर्जा महाराष्ट्र माझा!!! | उमेश__ | 15 |
जनातलं, मनातलं | गल्लीत नुसता गोंधळ.. दिल्लीत मुजरा नाहीच. | देवदत्त | 6 |
जनातलं, मनातलं | एक व्य नि..! | विसोबा खेचर | 43 |
जे न देखे रवी... | एक होतं ढोर | चन्द्रशेखर गोखले | 1 |