बळी राजाच देण ह्याजन्मि तरी फीटणार नाही. |
निश |
2 |
शूरवीर |
निश |
7 |
निसर्गकविता ३: कोसळल्या सरी.. दूर डोंगरमाथी... |
गणेशा |
9 |
उबेची पाखर... |
वेणू |
8 |
मॅसोचिस्ट कि मॅसोकिस्ट सौंदर्य : एक गूढ |
यकु |
17 |
पाटाला भसा भसा पानी |
अत्रुप्त आत्मा |
26 |
स्वप्नचित्र... |
सांजसंध्या |
18 |
जगणे असेच का असते? |
निश |
11 |
ते एक घर... |
निश |
25 |
नभांगण...!! |
वेणू |
15 |
म्याबी कवि होनार |
दादा कोंडके |
13 |
काशीबाई काशीबाई |
पाषाणभेद |
4 |
मी पप्पा |
पाषाणभेद |
1 |
अजि ये प्रोभाते - आज पहाटे रविकर आला |
यकु |
21 |
ती वेळ निराळी होती . . . .. |
अरूण म्हात्रे |
55 |
रक्तगंध |
प्रचेतस |
41 |
तेव्हा येईल अर्थ खरा जगण्याला |
गोंधळी |
4 |
खेळ नियतींचा |
अविनाशकुलकर्णी |
13 |
प्रेमात ''हे'' -असच असतं ;-) |
अत्रुप्त आत्मा |
9 |
जोवरी |
अज्ञातकुल |
10 |
आज कुणी का राम व्हावे |
सांजसंध्या |
24 |
<गोवरी> |
यकु |
3 |
बालपण...? |
पक पक पक |
14 |
प्रेमात हे असेच असते |
गोंधळी |
15 |
रेशमी सलवार कुडता जाळीचा |
नरेंद्र गोळे |
8 |
"रागावली ती !" |
निमिष सोनार |
3 |
भिववया येते मज |
सांजसंध्या |
30 |
मजल |
यकु |
19 |
" चार चारोळ्या - " |
विदेश |
4 |
कोण येथे गुरुवर्य ? |
गणेशा |
7 |
बालपण |
संदीप२७ |
3 |
.....सखे....... |
कानडाऊ योगेशु |
9 |
टुकारघोडे! (हझल) |
गंगाधर मुटे |
14 |
मिठी... |
हर्षद आनंदी |
5 |
बाटली |
हर्षद आनंदी |
27 |
रस्ता |
सांजसंध्या |
20 |
एक कविता |
राजो |
5 |
स्वप्नांस बाप आहे .! |
५० फक्त |
30 |
लावणी: शिटी मारून |
पाषाणभेद |
11 |
स्वप्नांस शाप आहे............! |
सांजसंध्या |
70 |
मन-झोपाळा |
अज्ञातकुल |
4 |
संवाद करते मी विश्वेश्वराशी ..! |
सांजसंध्या |
12 |
का? का? का? |
पाषाणभेद |
4 |
आकाश उजळले होते,,, |
अन्नू |
3 |
(का? का? का?) |
पाषाणभेद |
8 |
आजची रात्र... |
चाणक्य |
8 |
अंबरात फिरुनिया उगवतो.... |
सांजसंध्या |
15 |
देखणी |
अज्ञातकुल |
5 |
माझा देश |
ajay wankhede |
5 |
निःशब्द |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
6 |
मुक्तिबंध |
रेशा |
8 |
(तू तेव्हा तशी) |
अरुण मनोहर |
3 |
राजकारणी अन आपण.......... बरोबर ना ?? |
अमितसांगली |
53 |
ऐल-पैल |
क्रान्ति |
24 |
सह्याद्रीच्या रांगामधूनी सूर्य उगवतो मराठीचा |
गणेशा |
11 |
आठवड्यातून भरनारया बाजारासारखे ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
वाघ्या मी मुरळी देवाची ग तू |
पाषाणभेद |
6 |
(हातसफाई - एक समृद्ध प्रयत्न) |
पाषाणभेद |
3 |
निर्णय |
सोनल कर्णिक वायकुळ |
12 |
निवडणुक... |
अत्रुप्त आत्मा |
7 |
" आज मराठी भाषा- दीन ! " |
विदेश |
8 |
साफसफाई एक समृद्ध प्रयत्न |
लिखाळ |
16 |
रात्ररात्रभराची ही जागरणं |
Gajanan Mule |
4 |
निराश तरुणाईचे मनोगत...... |
अमितसांगली |
0 |
मूळ |
अज्ञातकुल |
0 |
व्हाय धिस भानामती भानामती भानामती दी |
राजघराणं |
10 |
घायाळ चिमणी |
मनमोकळि |
15 |
दुरवरल्या गावाकडची आठवण |
पाषाणभेद |
13 |
वेलेंटाईन डे ( लग्नानंतर चा) |
ajay wankhede |
12 |
दमलेल्या ( पृथ्वी ) बाबाची कहाणी |
अमोल केळकर |
15 |