शब्दांची कर्णफुले |
पाषाणभेद |
7 |
आठवते का ... |
प्रज्ञादीप |
3 |
धत् तेरे की... |
प्राची अश्विनी |
33 |
आरोग्य पाठ भाग दोन |
कर्नलतपस्वी |
0 |
पंचतत्व |
पाषाणभेद |
2 |
मर्कट वंश |
मका म्हणे |
5 |
शून्याशी गाठ |
Bhakti |
15 |
मुखवटे |
पाषाणभेद |
2 |
वाधल्या दाढी-मिश्या |
खान |
45 |
माझे अन इतरांचे |
पाषाणभेद |
1 |
विपरीत |
मी-दिपाली |
19 |
प्रवास कसला? फरफट अवघी! |
चौकस२१२ |
4 |
संस्कार |
बाजीगर |
0 |
मंदिराचा मालक देव, पुजारी केवळ नोकर (मध्यप्रदेश कोर्टाचा निर्णय) |
बाजीगर |
5 |
विस्कळखाईत कोसळताना |
अनन्त्_यात्री |
7 |
इम्पिरिकल डेटा |
बाजीगर |
4 |
कानाखाली जाळ |
बाजीगर |
12 |
जगण्याचे कित्येक मजला अर्थही कळाले |
विजुभाऊ |
3 |
शाळा आणि "ती" |
चक्कर_बंडा |
7 |
आहुती ???????? |
खिलजि |
3 |
(कळेना मला) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
16 |
कळेना मला |
चांदणे संदीप |
8 |
#तू म्हणालास... |
प्राची अश्विनी |
17 |
||चाफा..|| |
प्राची अश्विनी |
7 |
विचार ( हायकू) |
रानरेडा |
0 |
गावाचा पिंपळ आणि इतर क्षणिका |
विवेकपटाईत |
3 |
प्यायला पाहिजे! |
अजिंक्यराव पाटील |
2 |
निसर्गाचा न्याय |
VRINDA MOGHE |
8 |
विठुराया..... |
Jayagandha Bhat... |
11 |
विठ्ठल नाम |
Bhakti |
12 |
कविता |
VRINDA MOGHE |
7 |
सहजच... |
भटक्य आणि उनाड |
10 |
प्राक्तनाचे संदर्भ |
चंद्रकांत |
2 |
मी लसं घेतली... मी लसं घेतली... |
अभिषेक९ |
6 |
शिल्पकार ! |
राघव |
6 |
टिपूर चांदणे |
अनन्त्_यात्री |
6 |
कावळा आणि लॉक डाऊन |
अनिकेत कवठेकर |
3 |
१. माझी मुलगी .. |
गणेशा |
17 |
(मल-आशय !) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
22 |
सुखाचे हे सुख, श्रीहरी मुख - काव्यानुभव |
arunjoshi123 |
47 |
वेड लागले |
विजुभाऊ |
1 |
सुटका नाही |
अनन्त्_यात्री |
6 |
राघू |
खिलजि |
7 |
माज |
खिलजि |
2 |
बाल वयातील प्रेम |
Shubham vanve |
5 |
वडीलांना काव्यसुमनांजली |
पाषाणभेद |
8 |
जल-आशय! |
अत्रुप्त आत्मा |
22 |
आधार घेते |
सरीवर सरी |
2 |
जुन्या चहाची नवीन उकळी |
मनमेघ |
3 |
इंद्रधनू.... |
Jayagandha Bhat... |
3 |
प्रेम म्हणजे जणू क्रिकेटचा खेळ |
खिलजि |
3 |
कसाही बरसला, तरी मजा ती संपली. |
Sanjay Uwach |
0 |
|चाफा| |
सरीवर सरी |
1 |
कसं पटवावं पोरीला ? |
खिलजि |
8 |
भ्रम |
सरीवर सरी |
3 |
मी बिचारा एक म्हातारा |
खिलजि |
0 |
शिकून काय झाले |
खिलजि |
0 |
गेल्या सहस्त्रावधी वर्षांत हिंदुस्थानमध्ये लागलेल्या होळ्या!! |
Sumant Juvekar |
0 |
चहा घेणार? |
आगाऊ म्हादया...... |
17 |
काही बोलायचे आहे ( विरसग्रहण) |
प्रकाश घाटपांडे |
11 |
# तुम्ही(च) म्हणालात |
सुरिया |
8 |
कन्यादान एक शब्द चित्र |
कर्नलतपस्वी |
4 |
महिलादिन |
कर्नलतपस्वी |
3 |
पाचा ऊत्तराची कहाणी |
कर्नलतपस्वी |
3 |
मधाळलेल्या कुण्या मिठीची... |
प्राची अश्विनी |
14 |
माय मराठी |
bhagwatblog |
3 |
पॉझिटिव्ह - निगेटिव्ह |
Jayagandha Bhat... |
0 |
देव |
अनुस्वार |
6 |
सांग कधी कळणार तुला (विडंबन) |
OBAMA80 |
0 |
आज जरी |
अनन्त्_यात्री |
6 |