वेदनाच मला मिळू दे |
पाषाणभेद |
6 |
मी पुन्हा येईन |
पाषाणभेद |
10 |
दु:ख |
पद्मश्री चित्रे |
12 |
जुनसर |
मायमराठी |
5 |
तोल |
अन्या बुद्धे |
2 |
ओठात दाटलेले... |
निलेश दे |
2 |
मौनाइतके कुणीच नाही |
प्राची अश्विनी |
11 |
तर्काच्या सीमेवर तेव्हा |
अनन्त्_यात्री |
4 |
सिक्रेट धंद्याचे |
पाषाणभेद |
0 |
अज्ञाताचा गड चढताना |
अनन्त्_यात्री |
4 |
जनुक जिन्याची सर्पिल वळणे |
अनन्त्_यात्री |
14 |
मी पुन्हा येईल |
शुभांगी दिक्षीत |
0 |
' भाज्यांचं संमेलन ' |
mukund sarnaik |
1 |
कविता : भेट मित्रांची… |
bhagwatblog |
2 |
हस्तर कविता :- महायुती |
हस्तर |
0 |
आमचं ठरलयं, संयुक्त महाराष्ट्रात बेळगाव उरलंय |
पाषाणभेद |
1 |
गंमत घ्यावी.. |
प्राची अश्विनी |
17 |
गुन्हेगार! |
फिझा |
4 |
सैराट |
एपी |
1 |
सैराट |
एपी |
0 |
४. बोल ना रे बाबा काही...( समाप्त ) |
गणेशा |
14 |
कोजागिरी |
मायमराठी |
3 |
दृष्टी |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
13 |
भक्ति गीत: सप्तशॄंग गडावर जायचं |
पाषाणभेद |
2 |
जुळे नवरे, जुळ्या नवर्या |
पाषाणभेद |
6 |
सरकारचे डोकं नक्की ठिकाणावर आहे काय ? |
खिलजि |
17 |
दसरा |
शिव कन्या |
2 |
दो डोळ्यांचे.... |
शिव कन्या |
3 |
ओले केस |
पाषाणभेद |
11 |
एक सुंदर अरबी गाणे : यावर मराठी काव्य रचा... |
चित्रगुप्त |
27 |
...आणि या मार्गानेही खरंच जग जवळ आले |
सचिन |
0 |
वयास माझ्या पैंजण घालित.... |
शिव कन्या |
11 |
तुझ्या भेटीला आलो दत्ता |
पाषाणभेद |
0 |
पाहूणा पाऊस |
पाषाणभेद |
1 |
चिदंबरमच्या भेटी मनमोहन आला |
महासंग्राम |
10 |
(दुपारी) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
16 |
दुपार |
शैलेन्द्र |
23 |
विडंबन : सफरचंद |
मी असाकसा वेगळा... |
7 |
क्लायमेट चेंज रियल आहे |
पुणेरी कार्ट |
3 |
गंध अद्वैताचे |
मायमराठी |
4 |
(तुडुंब) |
चतुरंग |
16 |
दोरीवरचे कपडे |
पाषाणभेद |
12 |
स्वरराधा |
प्राची अश्विनी |
9 |
पाय सरावले रस्त्याला |
पाषाणभेद |
4 |
पाणी-च-पाणी |
बी.डी.वायळ |
1 |
शब्द |
अनन्त्_यात्री |
8 |
बिज्जी लेखिकेची आळवणी |
चलत मुसाफिर |
8 |
संध्याकाळी तू गंगेतीरी |
शिव कन्या |
4 |
पहाट |
दिनेश५७ |
0 |
महापूर |
बी.डी.वायळ |
5 |
प्रिये मी मोर झालो तुझ्यासाठी |
खिलजि |
3 |
शोक कुणाला? खंत कुणाला? |
शिव कन्या |
2 |
काण्याला सुंदरी मिळाली देवाघरी |
खिलजि |
2 |
जन्माष्टमी२.* |
शेखरमोघे |
0 |
देवघर |
शिव कन्या |
19 |
कृष्णजन्म |
मायमराठी |
4 |
कावळा.. |
प्राची अश्विनी |
8 |
(रगेल पावट्याचे मनोगत) |
नाखु |
7 |
अश्वत्थामा |
मायमराठी |
1 |
राखी. |
प्राची अश्विनी |
6 |
आसिंधू |
मृणालिनी |
5 |
कविता: बिबट्याचे मनोगत |
bhagwatblog |
6 |
३३ कोटींची मुक्ती |
मायमराठी |
3 |
वाळूचे विरहगीत |
मायमराठी |
10 |
धुरंधर |
खिलजि |
7 |
श्रावण आला गं सखे |
बिपीन सुरेश सांगळे |
8 |
चार थेंब |
मायमराठी |
6 |
मर्लिन मन्रो.... |
जयंत कुलकर्णी |
6 |
सुंदरसा तो पाऊस यावा |
बिपीन सुरेश सांगळे |
0 |
मिळता नजरेस नजर |
अविनाशकुलकर्णी |
5 |