नवे लेखन
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मिसळपाव.कॉमवर प्रकाशित झालेले सर्व प्रकारचे नवीन साहित्य येथे बघता येईल.
प्रकार | लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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जनातलं, मनातलं | कोकणवाटांचा पाऊस-थरार | अरुंधती | 19 |
जनातलं, मनातलं | असा कसा रे तू मर्द गडी.. | भारतीय | 21 |
पाककृती | पालेभाजी - अंबाडी | जागु | 13 |
पाककृती | पाकृ हवी आहे... आंब्याची डाळ | दिपाली पाटिल | 13 |
जनातलं, मनातलं | आईचा मुलगा हरवला.. (लोकल गोष्टी-५ ) | स्वाती फडणीस | 8 |
काथ्याकूट | भारतात न्याय्य न्याय मागणे (लोकसत्ताच्या भाषेत "भांडणे") पाप आहे काय? | पाषाणभेद | 20 |
जनातलं, मनातलं | या सुन्दर जगात | विवेक विद्वास | 5 |
पाककृती | मासे १०) खरबी ,कोलंबी | जागु | 5 |
जे न देखे रवी... | पाध्यांचे मनोगत | नितिन थत्ते | 24 |
कलादालन | टाईम पास | सुनील | 11 |
जे न देखे रवी... | आठवण आणि …… | निरन्जन वहालेकर | 3 |
जे न देखे रवी... | जुनी | अरुण मनोहर | 5 |
जनातलं, मनातलं | हातातला खजिना (लोकल गोष्टी-३) | स्वाती फडणीस | 22 |
जनातलं, मनातलं | आफ्रीकन अमेरीकन बडबडगीत - कुम्बायाह | शुचि | 17 |
कलादालन | आषाढी एकादशी काही कथा | बज्जु | 40 |
जनातलं, मनातलं | १२ राशींमधला प्रवास | शुचि | 84 |
जे न देखे रवी... | नका जावू अशा पावसात | पाषाणभेद | 4 |
जे न देखे रवी... | <शीघ्र कवीची एक कविता> | विजुभाऊ | 4 |
जनातलं, मनातलं | प्रतिबिंब | अमोल केळकर | 7 |
जे न देखे रवी... | हा तोच किनारा फिरतो मी | राजेश घासकडवी | 7 |
जनातलं, मनातलं | उत्तरे | बेसनलाडू | 11 |
कलादालन | (हे कधी माडावर पाहीलेय का?? ) | सुनील | 4 |
जनातलं, मनातलं | सोमप्रदोष | धोंडोपंत | 11 |
काथ्याकूट | जेम्स लेनच्या निमित्ताने उघडी पडणारी मराठी वैचारिक दिवाळखोरी | चिंतातुर जंतू | 83 |
जनातलं, मनातलं | सुंदर चित्रं पहायला मला बरं वाटतं. | श्रीकृष्ण सामंत | 3 |
जनातलं, मनातलं | संकल्प : नव्या वर्षाचा ! | सुनील | 2 |
जनातलं, मनातलं | धमु चे लग्न ( उत्तरार्ध) | विजुभाऊ | 34 |
जे न देखे रवी... | विहंगगीत. | अशोक गोडबोले | 13 |
काथ्याकूट | मिसळपावाची घटना : लोकशाही संस्था : "लोक" म्हणजे कोण? | धनंजय | 21 |
जे न देखे रवी... | 'केशवा' अजब तुझे अवतार! | चतुरंग | 11 |
जनातलं, मनातलं | २१ मार्च - जागतिक कवी दिनानिमित्त - महाराष्ट्र टाईम्सच्या "शब्दांचीच रत्ने" या अग्रलेखामधून संपादित. | Manish Mohile | 1 |
जनातलं, मनातलं | मला आवडणारे आंतरजालावरील असामान्य प्रबोधनात्मक असे काहीसे करणारे अस्सल लेखक | सहज | 20 |
पाककृती | मसाला आम्लेट-पोळी रोल | पांथस्थ | 19 |
कलादालन | ट्युलिप कलेक्शन (निसर्गाचा वसंतोत्सव) | शारंगरव | 28 |
पाककृती | कतला फ्राय | पांथस्थ | 9 |
काथ्याकूट | मला आवडणारे आंतरजालावरील काही लेखक - प्रबोधनात्मक | ॐकार | 22 |
काथ्याकूट | उद्याच्या बाजाराबाबत | धोंडोपंत | 2 |
जे न देखे रवी... | (केव्हा तरी पहाटे) | llपुण्याचे पेशवेll | 22 |
जनातलं, मनातलं | उपास | अवलिया | 66 |
जे न देखे रवी... | नव्या वर्षाची गुढी उभारू चला | पाषाणभेद | 2 |
जनातलं, मनातलं | मला आवडणारे आंतरजालावरील काही लेखक - एक सामान्य प्रकटन | कोलबेर | 7 |
जनातलं, मनातलं | आजचा सुधारक | प्रकाश घाटपांडे | 10 |
जनातलं, मनातलं | म्हातारा बाप | शानबा५१२ | 14 |
जनातलं, मनातलं | मी आणी माझा आयडी | मराठमोळा | 20 |
जे न देखे रवी... | अरूपाचे रूप | क्रान्ति | 14 |
जे न देखे रवी... | (अवलिया रुप) | केसुरंगा | 16 |
जनातलं, मनातलं | सच्चा माणूस! | श्रावण मोडक | 73 |
जे न देखे रवी... | <अवलियाचे रूप> | परिकथेतील राजकुमार | 28 |
काथ्याकूट | आंतरजाल आणि राजकीयदृष्ट्या संवेदनशील विषय | मुक्तसुनीत | 20 |
काथ्याकूट | निषेध निषेध तीव्र निषेध... | प्रशु | 119 |
पाककृती | रानभाजी १४) दिंडा | जागु | 5 |
पाककृती | मासे ९) मोदकं (भिळजे) | जागु | 5 |
जे न देखे रवी... | पाऊस आला | पाषाणभेद | 0 |
जे न देखे रवी... | पाऊस गाणी | स्वाती फडणीस | 3 |
काथ्याकूट | करा कविता : स्पर्धा | विजुभाऊ | 14 |
जे न देखे रवी... | ..पाउस | जाई अस्सल कोल्हापुरी | 12 |
काथ्याकूट | हिंदू धर्म, वर्णव्यवस्था वगैरे वगैरे | अप्पा जोगळेकर | 17 |
जनातलं, मनातलं | नविन कथासंग्रह | स्पंदना | 28 |
काथ्याकूट | गुरूवरचा पट्टा गायब | ३_१४ विक्षिप्त अदिती | 63 |
जनातलं, मनातलं | टणत्कार (खुलाशासह ) | अवलिया | 30 |
पाककृती | पेप्पर चिकन | गणपा | 19 |
कलादालन | अर्कचित्र : चंद्राबाबू नायडू | jagdish bhawsar | 21 |
जे न देखे रवी... | यशदा | स्वाती फडणीस | 8 |
कलादालन | कोरीगड | येडाखुळा | 18 |
जनातलं, मनातलं | प्रकटन | श्रावण मोडक | 69 |
काथ्याकूट | नातीगोती व वंशावळी जपण्याचा नवा ई-मार्ग.... | स्वछंदी-पाखरु | 10 |
काथ्याकूट | सेझ : कंपनी सरकार की नवे वतनदार ??? | भाऊ पाटील | 6 |
जनातलं, मनातलं | तर्क जाणत्यांचा | सन्जोप राव | 35 |
जनातलं, मनातलं | मराठी, पुणेरी, पुस्तकवाला: एक डेडली काँबिनेशन! | राजेश घासकडवी | 138 |
जनातलं, मनातलं | आम्ही : एका स्वप्नपूर्तीचे साक्षीदार | बिपिन कार्यकर्ते | 70 |