साक्षी |
अनन्त्_यात्री |
7 |
एकादशीची पहाट |
बाजीगर |
1 |
वासंतिक |
मी-दिपाली |
3 |
(गोट्या) |
राजेंद्र मेहेंदळे |
14 |
कर जरा कंट्रोल...! :-) |
चलत मुसाफिर |
6 |
स्वप्नजा! |
राघव |
9 |
'मलईदार खाते (!?)' वाटप |
बाजीगर |
2 |
मेरा कुछ सामान... भावानुवाद. |
प्राची अश्विनी |
34 |
रॅप साँग....,बडबडगीत |
बाजीगर |
7 |
.....राजधानी Express..... |
कानडाऊ योगेशु |
7 |
प्रेमाचा कोव्हीड!! |
चलत मुसाफिर |
15 |
मोकळ्या करा पखाली |
चांदणे संदीप |
14 |
आग |
अवतार |
8 |
मांद्यपर्वातील भैरवी |
अवतार |
43 |
मातीचे पाय |
चांदणे संदीप |
11 |
सत्तेसाठी ता ता थय्या |
बाजीगर |
10 |
(मातीचे पाय - मोकलाया वर्जन) |
गड्डा झब्बू |
4 |
प्रोफाइलवरती बाई..!! |
चलत मुसाफिर |
23 |
(न्हाऊन ये त्वरेने) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
15 |
विनवणी |
चलत मुसाफिर |
2 |
(कपाळ)मोक्ष!! :-) |
चलत मुसाफिर |
19 |
पाऊस |
बिपीन सुरेश सांगळे |
2 |
माया |
अवतार |
15 |
सखये,बाई ग..... |
कर्नलतपस्वी |
5 |
हे टाॅपर, स्काॅलर,दर्शना गं.... |
बाजीगर |
19 |
आठ्या |
अहिरावण |
3 |
बरणी.. |
Bhakti |
3 |
छाट्या |
अहिरावण |
6 |
चालचलाऊ गीता -अध्याय २ (विडंबन) |
दमामि |
13 |
आजोळ |
अनन्त्_यात्री |
10 |
बस्स! फक्त एवढंच कर... |
चक्कर_बंडा |
2 |
मोठेपणा..... |
कर्नलतपस्वी |
7 |
चक्रीवादळ |
बाजीगर |
1 |
जिल्हे-ईलाही |
बाजीगर |
1 |
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते |
चाणक्य |
9 |
कोलाहल ! |
फिझा |
4 |
काचेच्या अलिकडून |
चाणक्य |
11 |
चाललोय.... |
चक्कर_बंडा |
11 |
मैत्री |
कर्नलतपस्वी |
5 |
आसवांचे थेंब येता तुझ्या गालावरी |
Deepak Pawar |
11 |
||इदं न मम|| |
प्राची अश्विनी |
5 |
ना कर नाटक ! |
बाजीगर |
1 |
कोर्टाचे नरो वा कुंजरोवा (अर्थात डबल ढोलकी) |
बाजीगर |
4 |
जेल भरती |
बाजीगर |
2 |
चांदणचुरा ! |
फिझा |
12 |
एकदाच काय ते बोलून टाकू |
मित्रहो |
5 |
जोकशाही |
बाजीगर |
2 |
जोकशाही |
बाजीगर |
0 |
ध्वनिचित्र |
अनन्त्_यात्री |
5 |
आयुष्याचा डीएने:मॉलिक्य़ूलर बॉयोलॉजीच्या भाषेत: |
Bhakti |
5 |
रापण..... |
कर्नलतपस्वी |
7 |
अशीच एक धुंद, सोनेरी सायंकाळ - (आणि अंतिम वगैरे सत्य) |
चित्रगुप्त |
8 |
(अगं, जे घडिलेचि नाही) |
प्रसाद गोडबोले |
1 |
अगा जे घडिलेचि नाही |
अनन्त्_यात्री |
4 |
'काव्यप्रेमी' कायप्पा घोळका विडंबन. |
निओ |
6 |
तू जाताना... |
Deepak Pawar |
6 |
धूप के लिए शुक्रिया का गीत (मराठी रूपांतर) |
आलो आलो |
20 |
काळजाच्या या तळाशी राहशी तू. |
Deepak Pawar |
7 |
कुणासारखी तू, कुणासारखी... |
Deepak Pawar |
3 |
लिही रे कधीतरी... |
प्राची अश्विनी |
27 |
Whatsapp Romantic Shayari |
तृप्ति २३ |
115 |
शहरी माणूस. |
Deepak Pawar |
3 |
पत्र |
अनन्त्_यात्री |
1 |
(का या गळ्याच्या तळाशी...) |
कर्नलतपस्वी |
3 |
दुःखाच्या वाटेवर गाव तुझे लागले....सुरेश भट |
चौकस२१२ |
4 |
बोले चिडीया (मिडीया ?) बोले कंगना..... |
कर्नलतपस्वी |
7 |
साद |
अनन्त्_यात्री |
5 |
कळतं रे पण.. |
प्राची अश्विनी |
14 |
काहीतरी सलत असतं... |
Deepak Pawar |
7 |
अव्यक्त |
कर्नलतपस्वी |
9 |