कसं जमतं तुला (डुआयडी काढणं) |
टवाळ कार्टा |
39 |
अक्षय्य तृतीया |
बाजीगर |
10 |
'उरा'तली सर! |
मेघवेडा |
38 |
रोबोटमय जगाने लावला माणसाचा पुर्नशोध |
माहितगार |
5 |
एआय रोबोट प्रोफेसर |
माहितगार |
4 |
आता फक्त काढ दिवस |
श्रीकृष्ण सामंत |
2 |
तरी हरकत नाही |
श्रीकृष्ण सामंत |
9 |
लिव अंधभक्ता लिव |
अमरेंद्र बाहुबली |
2 |
लिव बामणां लिव |
श्रीकृष्ण सामंत |
20 |
अरे संस्कार संस्कार |
श्रीकृष्ण सामंत |
1 |
लाख म्हणू देत जगाला, ही संगत अटळ आहे |
श्रीकृष्ण सामंत |
7 |
पेय निघून गेले (विडंबन) |
कांदा लिंबू |
2 |
मानवंदना, अनामिक कच्च्यापक्क्या भारतीय गुप्तच'वी'रास |
माहितगार |
1 |
आई घरात असतां घर,घरासम भासले |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
प्रीतीची परंपरा आचरणात आणू कशी |
श्रीकृष्ण सामंत |
0 |
कोण दळण दळतयं आणी कोण पिठ खातयं... |
कर्नलतपस्वी |
2 |
मिराशी |
कर्नलतपस्वी |
5 |
कॉफी __२ |
प्राची अश्विनी |
11 |
आता काही लिहीन म्हणतो. |
उग्रसेन |
7 |
वाटले नव्हते कधी |
नाहिद नालबंद |
12 |
अदृष्ट |
अनन्त्_यात्री |
1 |
चला . . कविता लिहू |
अत्रुप्त आत्मा |
20 |
बाँड आणि बांध |
कुमार जावडेकर |
5 |
गुढी पाडवा |
बाजीगर |
0 |
असणे आणि दिसणे... |
बाजीगर |
5 |
डीलर झाले लिडर.. |
बाजीगर |
1 |
ED, ED, आमची ED, |
अहिरावण |
6 |
बग आली माझ्या कोडा |
पाषाणभेद |
14 |
हसरतें..! |
राघव |
3 |
बेतुक्याचे चर्हाट..... |
कर्नलतपस्वी |
5 |
प्रश्नाच्या उत्तरातल्या प्रश्नाचं उत्तर.. |
प्राची अश्विनी |
3 |
जुनेरलं नातं... |
प्राची अश्विनी |
14 |
कॉफी... |
प्राची अश्विनी |
12 |
जुनेरलं नातं...निरोपाची वेळं-दुसरी बाजू |
कर्नलतपस्वी |
3 |
नवी ईमारतीतील अडगळ निवारण |
माहितगार |
20 |
जुनेरलं नातं...निरोपाची वेळं |
कर्नलतपस्वी |
8 |
डासबोध |
रम्या |
24 |
सांज |
कुमार जावडेकर |
2 |
जरांगे निघाले.,,,, |
बाजीगर |
29 |
टुकार कविता: मामीचे गाणे |
विवेकपटाईत |
3 |
(अ)निती-श चे अभंग |
बाजीगर |
3 |
ज्योत |
अनन्त्_यात्री |
4 |
देव |
सागरसाथी |
3 |
फरार... |
बाजीगर |
1 |
भरजरी |
अनन्त्_यात्री |
0 |
पीळ |
अनन्त्_यात्री |
4 |
'माल' वून टाक 'दीवज' (विडंबन) |
बाजीगर |
3 |
सुटलेला डाव ! |
अत्रुप्त आत्मा |
6 |
योद्धा |
कर्नलतपस्वी |
6 |
तो मुशाफर |
अनन्त्_यात्री |
3 |
काॅफी पिऊन आले... |
प्राची अश्विनी |
40 |
पावसाचं वय.... |
कर्नलतपस्वी |
21 |
क्षितिजाचे कुंपण |
कर्नलतपस्वी |
5 |
सख्या रे.. |
प्राची अश्विनी |
31 |
पाहू |
नाहिद नालबंद |
4 |
शुभ दिपावली |
सागरसाथी |
4 |
(पाट्या) :/ |
प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे |
13 |
इलाज नाही |
सागरसाथी |
2 |
सृष्टी माया |
Bhakti |
5 |
दसरा की शिमगा |
बाजीगर |
0 |
अस्तित्व... |
अंकुश चव्हाण |
20 |
प्रयोजनाविण दिवा एकटा . .......... मरण न येण्याची स्थिती |
सागरलहरी |
12 |
शाळा |
अमोल केळकर |
7 |
भोग |
अवतार |
5 |
प्रीतमाळ |
चांदणशेला |
5 |
(कावळ्यांची फिर्याद-३) |
कर्नलतपस्वी |
12 |
(श्रीगणेश लेखमाला २०२३ - आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता) |
कर्नलतपस्वी |
5 |
....किचनमधुनि मला उचलुनि आत धन्याने नेले....(प्रौढांसाठी :) ) |
कानडाऊ योगेशु |
31 |
दोन ओळींची कविता,...... |
कर्नलतपस्वी |
6 |
हुकलेली संधी |
धोंडोपंत |
44 |