(म्हातारचळ म्हातारचळ) चतुरंग in जे न देखे रवी... 8 Sep 2008 - 3:10 am 3 कवितामुक्तकविडंबनप्रतिभाविरंगुळा
(...बोकडाचे खूर काही!) चतुरंग in जे न देखे रवी... 6 Sep 2008 - 1:28 am 3 कवितागझलविडंबनप्रतिभाविरंगुळा
एक छोटी कविता (तक्रारवजा) पांथस्थ in जे न देखे रवी... 5 Sep 2008 - 3:03 pm 3 कविताबालगीतमुक्तकमौजमजाविरंगुळा