हर दिन नया था हर
हर दिन नया था हर साल चुनौती।
कभी जशन मनाया कभी लगी पनौती।
बाऱीश देखी सुखा देखा खुब लगी धूप।
जीदंगी के झमेले मे पापड भी बेले खुब।
किसी ने दिया साथ तो किसी ने बढने से रोका।
मीला किसीका आशिश तो किसीसे मीला। धोका।
खुब कमाया खुब लुटाया खाया मिल बाँट के ।
कभी किसीका रंज न किया जिंदगी गुजारी ठाठसे।
कभी किये फाँखे कभी खायी रस मलाई।
सारी माया प्रभूकी जीसने ऐश करायी।
पैसंठ गुजरे अब छासठ का युवा हूँ।
आप सबको धन्यवाद और
प्रभूसे स्वास्थ की दुआ करता हूँ।