मिपाकरलक्षणे समास द्वितीय
मिपाकरलक्षणे समास प्रथम
| | श्री मिसळ पाव ||
| डूआयडीलक्षणनाम समास द्वितीय |
मागा सांगितली लक्ष णे | मिपाकरांअंगी बाणे |
आता ऐका सोंग घेणे | असोनी येक आयडी |१ |
तयां नाव डुआयडी |नामे असती बहु फाकडी |
खवतुनी लाडीगोडी | करिती सदा |२|
घेई सोंगे कलह लावण्या | जुने स्कोर सेटल करण्या |
अथवा उगा मजा बघण्या | आयड्यांची |३|
बोली स्त्रीआयडींशी मधुर | मयतरी करण्या अति आतुर |
प्रतिसादी जो बहु चतुर | तो येक डुआयडी |४|
वाचाळ चोंबडा चौकस |कुटीळ अंतस्थ मानस |