नवे लेखन
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मिसळपाव.कॉमवर प्रकाशित झालेले सर्व प्रकारचे नवीन साहित्य येथे बघता येईल.
प्रकार | लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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काथ्याकूट | कार्स आणि बाईक्स | गवि | 44 |
जे न देखे रवी... | शहाणी मुलगी.... | प्राची अश्विनी | 14 |
जे न देखे रवी... | शब्द आणि सूर | श्रिया सामंत | 1 |
दिवाळी अंक | सूर्यस्वप्न... | Amita joshi | 13 |
दिवाळी अंक | सुहृद | रवीन्द्र नारायण... | 5 |
दिवाळी अंक | घर श्रीमंताचं... | deepa09s | 5 |
जनातलं, मनातलं | पत्रकारितेतला दिप्स्तंभ | शूकरोपम | 22 |
दिवाळी अंक | उजेड | स-ई | 14 |
जे न देखे रवी... | नको सत्ता | केदार पाटणकर | 3 |
काथ्याकूट | उपक्रम/चांगल्या सवयी दीर्घकाळ चालवणे | उपयोजक | 112 |
जनातलं, मनातलं | शंका | विजुभाऊ | 59 |
जे न देखे रवी... | शुभेच्छा देतो की मस्करी करतो? : नागपुरी तडका | गंगाधर मुटे | 18 |
दिवाळी अंक | विडंबन - गोष्टी कॉलेजकडील मी वदता | aschinch | 5 |
जे न देखे रवी... | मिसळ पाव मिसळ पाव | पाषाणभेद | 16 |
दिवाळी अंक | राजसा | पुर्णिमा देसाई | 5 |
दिवाळी अंक | मिपा दिवाळी अंक २०२० मुखपृष्ठ | वागबोंद्रे | 11 |
दिवाळी अंक | बुंधा | केदार पाटणकर | 5 |
जनातलं, मनातलं | सकाळचा "च्या" ( वपु/शंकर पाटील .... स्टाईल ) | विजुभाऊ | 35 |
जनातलं, मनातलं | स्मृतींची चाळता पाने --अनगाव-२ | राजेंद्र मेहेंदळे | 1 |
दिवाळी अंक | मोह मोह के ' धागे..' (संपादकीय) | गवि | 21 |
काथ्याकूट | सिनेमाचा विभाग हवा | रोहित रामचंद्रय्या | 28 |
जनातलं, मनातलं | अनटायटल टेल्स २ | मकरंद घोडके | 1 |
काथ्याकूट | मंत्रसामर्थ्य | यनावाला | 233 |
जनातलं, मनातलं | शिक्षणाचे मानसशास्त्र - प्रश्नोपचाराचा उपद्व्याप = प्रश्नोपद्व्याप | राजा वळसंगकर | 9 |
जे न देखे रवी... | चारोळ्या | राजा सोवनि | 3 |
काथ्याकूट | आज बेत काय करावा? | निनाद | 56 |
जनातलं, मनातलं | अनटायटल टेल्स १ | मकरंद घोडके | 1 |
काथ्याकूट | आंतरधर्मीय विवाह करताना : स्त्री दृष्टिकोन | साहना | 97 |
जनातलं, मनातलं | अनटायटल टेल्स ५ | मकरंद घोडके | 1 |
जनातलं, मनातलं | दंतकथा | नीलकंठ देशमुख | 6 |
काथ्याकूट | शिवस्मारक – मुंबई | सुहास झेले | 20 |
जनातलं, मनातलं | दिवाळी पाडवा ! पती-पत्नीच्या नात्याचा गौरव !! | Jayagandha Bhat... | 2 |
जे न देखे रवी... | एकतारी | मायमराठी | 4 |
दिवाळी अंक | 'नव्हाळीतले ना उमाळे उसासे' अर्थात 'जनूची प्रेमकथा' | बबन ताम्बे | 25 |
जनातलं, मनातलं | अनटायटल टेल्स ६ | मकरंद घोडके | 0 |
जनातलं, मनातलं | स्मृतींची चाळता पाने --अनगाव | राजेंद्र मेहेंदळे | 7 |
जनातलं, मनातलं | व्यक्ताव्यक्त | Shrinidhi | 1 |
जनातलं, मनातलं | चहाच्या पलीकडे | मायमराठी | 8 |
जनातलं, मनातलं | (मराठी) चलतचित्रांची चलती!!? | मधुका | 12 |
जे न देखे रवी... | एका सैनिकाची परीक्षा.. मातृभूमीच्या प्रेमासाठी... | भटक्य आणि उनाड | 1 |
दिवाळी अंक | प्रेमाला सीमा नाही | भाग्यश्री तेंडोलकर | 12 |
जनातलं, मनातलं | आठवणी दाटतात. गावाकडची दिवाळी | नीलकंठ देशमुख | 7 |
जे न देखे रवी... | कोणत्याच नळ्यात | डॉ. सुधीर राजार... | 1 |
काथ्याकूट | निरो दादा फिड्ल बजाव | वडगावकर | 15 |
पाककृती | हिरव्या टमाटरची चटणी | Bhakti | 13 |
पाककृती | बेसन लाडू (व्हिडिओ सोबत) | मी_देव | 5 |
जे न देखे रवी... | कुणीतरी, केव्हातरी, कधीतरी, कुठंतरी ... | प्राची अश्विनी | 15 |
जनातलं, मनातलं | एक प्रवास -असाही | VRINDA MOGHE | 7 |
जनातलं, मनातलं | शिकण्याचे मानसशास्त्र — वर्ड प्रॉब्लेमस् | राजा वळसंगकर | 7 |
जनातलं, मनातलं | उगवता "तेजस्वी" तारा | बाप्पू | 23 |
जे न देखे रवी... | दोघे आपण...!! | Jayagandha Bhat... | 6 |
जनातलं, मनातलं | रॉकस्टार | महासंग्राम | 8 |
काथ्याकूट | मेणबत्तीला करा 'राम' 'राम' ! | ताजे प्रेत | 33 |
जे न देखे रवी... | अनुवादित - अनिकेतन | रोहित रामचंद्रय्या | 6 |
काथ्याकूट | मिर्झापूर २ : नो स्पॉईलर रिव्यू. | साहना | 16 |
काथ्याकूट | ट्रंम्फतात्या , तू तो गयो | वडगावकर | 22 |
जनातलं, मनातलं | खडकवासल्याच्या खडकवाडी खुर्द खेड्यातील खडकेवाड्यातील खासदार खासेराव खडके खासेपाटलांनी खडकसींगची खोड मोडली | पाषाणभेद | 12 |
जनातलं, मनातलं | मनाचिये गुंती | नीलकंठ देशमुख | 21 |
जनातलं, मनातलं | एक प्रसंग, दोन कवी आणि दोन कलाकृती | सुनील | 80 |
जनातलं, मनातलं | स्मृतींची चाळता पाने --मुक्काम पोस्ट लालबाग | राजेंद्र मेहेंदळे | 4 |
भटकंती | भाजे लेणी | गोरगावलेकर | 22 |
जे न देखे रवी... | हसरतों का ज़नाज़ा..! | Jayagandha Bhat... | 15 |
जनातलं, मनातलं | प्रार्थनास्थळे बंद असण्याबाबत साहित्यीकांची अन मान्यवरांची दुटप्पी भुमिका | पाषाणभेद | 41 |
जनातलं, मनातलं | माझा अनुभव | सुमेरिअन | 24 |
जनातलं, मनातलं | जिंदगी ख्वाब है. | नीलकंठ देशमुख | 2 |
जनातलं, मनातलं | क्रायसिस? | विनायक प्रभू | 4 |
जनातलं, मनातलं | देवाचिये द्वारी | नीलकंठ देशमुख | 7 |
जनातलं, मनातलं | आपुले मरण पाहिले म्या.. | नीलकंठ देशमुख | 24 |
जनातलं, मनातलं | आठवणींचं पिपंळपान- पु.ल. आणि सुनीताबाई | दिपक | 47 |
राजकारण | India Deserves Better - ४. शेती , राजकारण आणि त्यातील विसंगती आणि समस्या | गणेशा | 92 |