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तुझी जीन्स पॅन्ट |
पाषाणभेद |
3 |
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बजरंगाचा भक्त पैलवान |
पाषाणभेद |
3 |
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ऐक माझ्या फुला.. |
प्राजु |
14 |
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बरे नाही |
अरुण मनोहर |
5 |
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चार ओळी मनापासुन... |
हर्षद आनंदी |
1 |
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आंधळ्याच नशीब |
शानबा५१२ |
0 |
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तुझ्या रूपातले राग |
शैलेन्द्र |
1 |
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मॅकमामा मॅकमामा गेलास का ? |
अडगळ |
8 |
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नदीकाठी सासूरवाशीण |
पाषाणभेद |
6 |
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त्याचे तिचे प्रश्नोत्तरे |
पाषाणभेद |
2 |
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चंपी |
शरदिनी |
32 |
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मुंबईचा पावणा |
शरदिनी |
40 |
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कळालं तेव्हा... |
मराठमोळा |
4 |
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पोवाडा मर्द मावळ्याचा |
पाषाणभेद |
9 |
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प्रार्थना |
स्पंदना |
3 |
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रातराणी ? ? ? अरे बाप रे ! ! ! |
निरन्जन वहालेकर |
4 |
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किनारा |
आनंदयात्री |
25 |
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कटोरी |
केशवसुमार |
20 |
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तुझ्या रूपातले राग |
क्रान्ति |
4 |
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(किनारा ) |
चेतन |
0 |
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आपलं कसं जमणार? |
विशाल कुलकर्णी |
13 |
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कलावंताच्या कौतुकाच्या तर्कशास्त्राचे त्रैराशिक |
शरदिनी |
57 |
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काय अपशकून घडला |
पाषाणभेद |
2 |
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सुखी माणसाचा सदरा….! |
विशाल कुलकर्णी |
0 |
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विचारू नका..! (नवीन) |
निरन्जन वहालेकर |
2 |
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केव्हा तरी ... |
मनीषा |
12 |
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न्हाउन ओले केस घेवून |
पाषाणभेद |
7 |
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युगलगीत: चल दुर दुर दुर दुर जावू (दोन आवृत्या) |
पाषाणभेद |
0 |
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शरदिनी |
दशानन |
2 |
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(जखमी वाचकांची रिपु) |
मराठमोळा |
6 |
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(न्हाउन ओले केस घेवून) |
मनिष |
3 |
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नकोस माझी आठवण काढू |
पाषाणभेद |
0 |
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जखमी चित्रबलाकाचा अलारिपु |
शरदिनी |
54 |
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विश्वास |
बाबुराव |
3 |
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(चित्र) |
केशवसुमार |
8 |
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वाढदिवस |
sur_nair |
17 |
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(कदाचित) |
कानडाऊ योगेशु |
6 |
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चिंचवडगावचा गोलंदाज |
केशवसुमार |
26 |
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विचारु नका ..! |
विशाल कुलकर्णी |
7 |
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यादों की बारात ! |
संदीप चित्रे |
7 |
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प्रतिक्षा ? ? ? |
निरन्जन वहालेकर |
9 |
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बालपण सदैव नटवायचं असतं |
बेसनलाडू |
10 |
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शब्दखेळ |
स्पंदना |
11 |
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मृगजळ |
शैलेन्द्र |
16 |
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गणपती बाप्पा मोरया |
पाषाणभेद |
4 |
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(मृगजळ) रेव पार्टीचे गाणे |
अडगळ |
7 |
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परसगावचा हा अंदाज |
केशवसुमार |
12 |
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अंगाई |
क्रान्ति |
3 |
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(खांदे दुखले!!!!) |
मस्त कलंदर |
14 |
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पोरी पदर घे उन लागलं |
पाषाणभेद |
4 |
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अशी लाजू नको |
पाषाणभेद |
2 |
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(गढूळगावचा तिरंदाज) |
अरुण मनोहर |
6 |
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बाभूळगावचा फलंदाज |
अडगळ |
10 |
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जावा तिकडे |
पाषाणभेद |
7 |
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फांदी-२ |
केशवसुमार |
16 |
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मिळेल का? |
स्पंदना |
2 |
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सजा |
क्रान्ति |
14 |
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मोहविते मज तव गंधीत कांती |
पाषाणभेद |
4 |
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अबोल प्रीत |
क्रान्ति |
8 |
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नांदी |
सन्जोप राव |
8 |
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ती चिडली तेव्हा भीषण |
अरुण मनोहर |
11 |
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“बुडीत खाते“ माझेहि ! ! |
निरन्जन वहालेकर |
7 |
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चंपूची जिंदगी |
फटू |
9 |
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वर्तूळ |
पाषाणभेद |
2 |
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(हावरे) |
कानडाऊ योगेशु |
5 |
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ज्वालामुखीचे कवन |
पाषाणभेद |
2 |
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भोवरे... |
विशाल कुलकर्णी |
8 |
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गादीखाली ढेकुणान्ची |
अडगळ |
14 |
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लादेन म्हणतो चेपेन चेपेन.. |
उपटसुंभ |
19 |
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दू s s s s र किनारा ! |
निरन्जन वहालेकर |
1 |