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आई |
पंचम |
6 |
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जटील जटील जटील किती |
अरुण मनोहर |
2 |
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..मैफिल.. |
कानडाऊ योगेशु |
4 |
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हळू हळू...चालव तुझी फटफटी |
पाषाणभेद |
2 |
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४ चारोळ्या |
sur_nair |
10 |
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वार्यावरती भुरभुरती केस |
पाषाणभेद |
7 |
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आज अचानक उदास का वाटे |
पाषाणभेद |
10 |
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हे मराठी ? ? ? ? |
निरन्जन वहालेकर |
5 |
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नको मारू खडा रे सख्या |
फटू |
1 |
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प्रेम |
विवेकवि |
1 |
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ओढ |
विशाल कुलकर्णी |
10 |
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आभास |
वर्षा म्हसकर-नायर |
6 |
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कामगार आम्ही कामगार असतो |
पाषाणभेद |
3 |
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(ऐक माझ्या मुला) |
राजेश घासकडवी |
26 |
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धनी माझं कसं येईना अजून |
पाषाणभेद |
6 |
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माझा चारोळी संग्रह (२२ चारोळ्या) |
निमिष सोनार |
3 |
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जखम! |
स्पंदना |
2 |
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तू असं यावस...... |
स्पंदना |
5 |
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पहिला पाऊस |
बरखा |
2 |
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गंध ओला.. |
प्राजु |
29 |
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मी मराठी बोलतेय... |
निमिष सोनार |
4 |
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वेडेपणा.... |
स्पंदन |
5 |
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ऐक माझ्या मुला |
सन्जोप राव |
22 |
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मन..... |
स्पंदन |
0 |
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आरसा तिच्या शयन गृहाचा ! |
निरन्जन वहालेकर |
5 |
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प्रिया माझी "शहाजहान" ! ! ! |
निरन्जन वहालेकर |
2 |
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(निजवून बारक्यांना..) |
चतुरंग |
20 |
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स्पर्शून तारकांना.. |
प्राजु |
24 |
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यादवी किंवा (ती झाली तेव्हा...) |
राजेश घासकडवी |
15 |
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आरसा अथ ते इथी |
झुम्बर |
4 |
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(फसलेला लेख) |
चेतन |
12 |
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सवय झाली आहे |
पाषाणभेद |
4 |
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असाच व्हावा शेवट माझा...... |
झुम्बर |
15 |
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दमलेले ढग |
फ्रॅक्चर बंड्या |
10 |
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जाऊन जराशी येते |
sur_nair |
6 |
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!! चारोळ्या !! |
मराठमोळा |
4 |
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थंडीतली सकाळ |
सहज |
48 |
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!! चोराळ्या!! |
आंबोळी |
6 |
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“ चंद्र हवा मज “ ! ! ! |
निरन्जन वहालेकर |
0 |
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समोर आता येते कशाला |
पाषाणभेद |
0 |
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शुद्ध दाद दे !! |
बाळअमोघ |
5 |
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भांडवलशाही |
इनोबा म्हणे |
17 |
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(भक्ता! तू सुद्धा ???) |
राजेश घासकडवी |
3 |
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आठवण |
स्वप्निल मन |
1 |
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स्वामीं ! तुम्ही सुद्धा ? ? ? |
निरन्जन वहालेकर |
1 |
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तिरडी बांध |
आंबोळी |
11 |
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कारणे....! |
विशाल कुलकर्णी |
7 |
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राम... |
विशाल कुलकर्णी |
4 |
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युगलगित: रानातले खेळ जरा खेळू |
पाषाणभेद |
0 |
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(भांडणशब्द २) |
राजेश घासकडवी |
13 |
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मागणं |
चिर्कुट |
7 |
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(भांडणशब्द) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
4 |
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वैकुंठ |
बाबुराव |
19 |
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मस्तानी भाग २ |
झुम्बर |
1 |
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मस्तानी |
झुम्बर |
9 |
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अरे ! अरे s s s रे ! ! ! |
निरन्जन वहालेकर |
1 |
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.....घडावे असे काही..... |
कानडाऊ योगेशु |
5 |
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मित्रा ... |
स्वप्निल मन |
5 |
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एक गिअर मेला |
पाषाणभेद |
4 |
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..विश्वामित्र.. |
कानडाऊ योगेशु |
17 |
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मरे एक त्याचा दुजा शोक वाहे ....... |
झुम्बर |
8 |
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चांदण्याचे ओठ तुझे |
अरुंधती |
10 |
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कान्हा रे कान्हा असे काय करी |
पाषाणभेद |
1 |
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लावणी: आणा मला येवला पैठणी |
पाषाणभेद |
8 |
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वेड |
स्पंदना |
8 |
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(या कंपूची दोन माणसे फिरतिल तुमच्या भवती) |
राजेश घासकडवी |
26 |
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विसंगती.. |
राघव |
2 |
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सावल्या |
विशाल कुलकर्णी |
3 |
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प्रवास (न) अन्ताचा ! ! ! |
निरन्जन वहालेकर |
0 |
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एकही अक्षर... |
पुष्कर |
7 |