आमंत्रण .... |
विशाल कुलकर्णी |
2 |
गीत: कधी कधी खोटं बोलाया लागते |
पाषाणभेद |
0 |
(किमया) |
केशवसुमार |
3 |
आपली व्यक्तिपूजा |
अभिरत भिरभि-या |
6 |
पुन्हा एकदा खाउच! |
शानबा५१२ |
1 |
“ रात्र यौवनांत ” |
निरन्जन वहालेकर |
4 |
< पहीलं अॅडव्हेन्चर , पहीलं चुंबन> |
शुचि |
47 |
हे वारिस शाह! - अमृता प्रीतमच्या काव्याचा अनुवाद |
अरुंधती |
13 |
रस्ता ओलांडता - २ |
sur_nair |
3 |
मिपामिपा खेळणार |
सहज |
49 |
गीत: भंगार डबा बाटली आसंल तर देवून टाका |
पाषाणभेद |
5 |
लावणी: सोन्याची अंगठी मजला आणुन द्या |
पाषाणभेद |
11 |
पुन्हा एकदा पाऊस |
स्वप्निल मन |
1 |
पहिला पाऊस पहिली भेट |
स्वप्निल मन |
4 |
(पहिला पाऊस पहिली भेट) |
अडगळ |
0 |
अताशा असे हे मला काय होते |
उपटसुंभ |
7 |
गाणे |
अविनाशकुलकर्णी |
4 |
"दिलाचा दिलवर भेटला..." |
शरदिनी |
31 |
गीत: गरमी चा आलाय उन्हाळा |
पाषाणभेद |
0 |
मुसळ धार पाऊस |
अविनाशकुलकर्णी |
5 |
..बावळट ध्यान.. |
कानडाऊ योगेशु |
9 |
गीत: डायवर दादा |
पाषाणभेद |
7 |
संजीवनी |
मृत्युन्जय |
3 |
(नको तेच झाले) |
चेतन |
6 |
ड्रायव्हर |
हेरंब |
2 |
असल्या प्राण्याला |
केसुरंगा |
34 |
को़ळी |
सुवर्णमयी |
4 |
नको तेच झाले |
क्रान्ति |
38 |
गीत: पहाटे पहाटे जवळ तू ये ना |
पाषाणभेद |
4 |
पिकल्या आंब्याला |
पाषाणभेद |
3 |
पाऊस |
अनिरुध्द |
2 |
..पाऊस मोठा अस्सा यावा.. |
कानडाऊ योगेशु |
18 |
(नको तेच झाले) |
राजेश घासकडवी |
12 |
दिसू लागले स्पष्ट जसे हे |
केशवसुमार |
39 |
<नंदनला पत्रे> |
पिवळा डांबिस |
33 |
पावसाची कविता |
दत्ता काळे |
1 |
कातरवेळ |
दत्ता काळे |
7 |
युगलगीत: ही धुंद पावसाळी हवा |
पाषाणभेद |
9 |
भस्म्या !! |
स्पंदना |
36 |
आणि अचानक..... |
हर्षद आनंदी |
3 |
गीत: कसं जगावं या असल्या दिवसात |
पाषाणभेद |
2 |
तुझी जीन्स पॅन्ट |
पाषाणभेद |
3 |
बजरंगाचा भक्त पैलवान |
पाषाणभेद |
3 |
ऐक माझ्या फुला.. |
प्राजु |
14 |
बरे नाही |
अरुण मनोहर |
5 |
चार ओळी मनापासुन... |
हर्षद आनंदी |
1 |
आंधळ्याच नशीब |
शानबा५१२ |
0 |
तुझ्या रूपातले राग |
शैलेन्द्र |
1 |
मॅकमामा मॅकमामा गेलास का ? |
अडगळ |
8 |
नदीकाठी सासूरवाशीण |
पाषाणभेद |
6 |
त्याचे तिचे प्रश्नोत्तरे |
पाषाणभेद |
2 |
चंपी |
शरदिनी |
32 |
मुंबईचा पावणा |
शरदिनी |
40 |
कळालं तेव्हा... |
मराठमोळा |
4 |
पोवाडा मर्द मावळ्याचा |
पाषाणभेद |
9 |
प्रार्थना |
स्पंदना |
3 |
रातराणी ? ? ? अरे बाप रे ! ! ! |
निरन्जन वहालेकर |
4 |
किनारा |
आनंदयात्री |
25 |
कटोरी |
केशवसुमार |
20 |
तुझ्या रूपातले राग |
क्रान्ति |
4 |
(किनारा ) |
चेतन |
0 |
आपलं कसं जमणार? |
विशाल कुलकर्णी |
13 |
कलावंताच्या कौतुकाच्या तर्कशास्त्राचे त्रैराशिक |
शरदिनी |
57 |
काय अपशकून घडला |
पाषाणभेद |
2 |
सुखी माणसाचा सदरा….! |
विशाल कुलकर्णी |
0 |
विचारू नका..! (नवीन) |
निरन्जन वहालेकर |
2 |
केव्हा तरी ... |
मनीषा |
12 |
न्हाउन ओले केस घेवून |
पाषाणभेद |
7 |
युगलगीत: चल दुर दुर दुर दुर जावू (दोन आवृत्या) |
पाषाणभेद |
0 |
शरदिनी |
दशानन |
2 |