रंग |
सार्थबोध |
2 |
आज आसु मझ्या..... |
पंडित मयुरेश ना... |
5 |
'अद्वैत' |
drsunilahirrao |
2 |
बरंच बरंच काही... |
जुईचे फूल |
2 |
चांदणचकवा |
पद्मश्री चित्रे |
20 |
अमेठीची शेती |
गंगाधर मुटे |
19 |
उल्का |
पाषाणभेद |
12 |
ओढ |
psajid |
4 |
चिमुटभर |
अज्ञातकुल |
1 |
काही व्हेलेंटाईनी चारोळ्या |
विवेकपटाईत |
2 |
पांडुरंग |
आतिवास |
28 |
पायघड्या पुन्हा पडल्या त्याच नेत्याला - झुलवी जन स्मृतींना वतनी मनातल्या |
माहितगार |
0 |
एक गीत |
उदय सप्रे |
5 |
मिपाचे नविन सदस्य |
बरखा |
15 |
संत मीराबाईची विराणी |
आयुर्हित |
7 |
आपल्याला सगळं कसं,साधं सोपं पाहिजे … |
घन निल |
2 |
द्विभाषिक क्षणिका/ चश्मा /उम्मीद |
विवेकपटाईत |
9 |
पारा |
drsunilahirrao |
7 |
नाटक... |
psajid |
5 |
मदगन्ध |
अज्ञातकुल |
1 |
रसिका |
अज्ञातकुल |
4 |
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सुहास.. |
15 |
रानपाखरं.......! |
psajid |
7 |
पाऊले चालती ठाकुर्लीची वाट |
धन्या |
31 |
"परिस्थिती" |
अमेय६३७७ |
13 |
बंधने |
अज्ञातकुल |
2 |
एक कप चहा...! |
jaypal |
10 |
कॉफीचं कॅथार्सिस अर्थात चिडचिड-ए-सोमवार |
आदूबाळ |
29 |
तुझी 'माया'च बाकी ....... |
psajid |
3 |
समुद्र......!! |
फिझा |
7 |
कस्टर्ड ड्रॅगन (Translated Poem) |
शुचि |
9 |
सैनिक |
अमेय६३७७ |
4 |
निरलस |
अज्ञातकुल |
4 |
मन अंतर्मन |
अज्ञातकुल |
1 |
नविनच |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
19 |
मनास गंध स्पर्शता... |
आनंदमयी |
11 |
संक्रांति ऋतू परिवर्तन |
विवेकपटाईत |
2 |
चारोळी: तीळ अन् गुळाची नाती !! |
निमिष सोनार |
1 |
घन टमी.. |
तिमा |
28 |
नाचरी गाय - २ (आधारित) |
चित्रा |
8 |
प्रीत खुळी |
अज्ञातकुल |
4 |
माझी मिठि अद्याप खुली आहे.......... |
पंडित मयुरेश ना... |
41 |
पंजा माझा |
मंदार दिलीप जोशी |
20 |
अपेक्षा |
मि मिपाचा मित्रच |
1 |
विडंबनाची भेळपुरी |
घाटावरचे भट |
62 |
क्षण |
चाणक्य |
9 |
काळजातली धग विझु देउ नकोस....... |
पंडित मयुरेश ना... |
7 |
जपू एकट्याने घडी जीवनाची... |
आनंदमयी |
28 |
लेले.. |
गवि |
18 |
युगलगीतः नको नको नको नको नको |
पाषाणभेद |
7 |
सावळ्या तुझ्याविना... |
आनंदमयी |
31 |
सामान्य |
डॉ सुहास म्हात्रे |
19 |
अजून आहे मी वनवासी |
आनंदमयी |
9 |
इतकेच मला जाताना... |
चिन्मय खंडागळे |
4 |
नवे देव आणि त्यान्चे नवे भाव |
शेखरमोघे |
1 |
भरारी |
अज्ञातकुल |
5 |
मिपाकरलक्षणे समास द्वितीय |
सस्नेह |
50 |
कारण जीवन हे लोणचं आहे... |
भिकापाटील |
13 |
अंथर |
अज्ञातकुल |
1 |
हॅपी न्यू यर रे बाबांनो... |
वेल्लाभट |
1 |
झिंगूनी गुत्त्यात सार्या... |
धन्या |
27 |
२०१४ चा आशावादी आढावा !! |
निमिष सोनार |
8 |
एक चारोळी ... ! |
psajid |
0 |
बाप माणुस |
jaypal |
7 |
बिंब आणि प्रतिबिंब |
शेखरमोघे |
0 |
तेंव्हा |
psajid |
4 |
अनुप्रीती |
अज्ञातकुल |
4 |
तू रे पल्याड गोविंदा! |
आतिवास |
23 |
का रे बा विठ्ठ्ला का न भेटी मला? |
पाषाणभेद |
8 |
अशाच एका सांज वेळी |
पंडित मयुरेश ना... |
3 |