<उगा मारखा> रमताराम in जे न देखे रवी... 29 Mar 2012 - 12:55 pm 3 शृंगारभयानकबिभत्सधोरणसंस्कृतीविडंबनजीवनमानक्रीडा
बंद बनियन बरं-का...! अत्रुप्त आत्मा in जे न देखे रवी... 28 Mar 2012 - 11:15 am 3 हास्यकविताविनोदविडंबन
एक हिंस्र कविता (?)... (१८+ only) अस्वस्थामा in जे न देखे रवी... 16 Mar 2012 - 5:59 pm 3 भयानकहास्यबिभत्सकविताविनोदविडंबन