मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा?

पाषाणभेद's picture
पाषाणभेद in जे न देखे रवी...
23 May 2011 - 5:52 am

मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा?

मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा?
खाता नही पिता नही
बंद पडलीय त्याची वाचा ||धृ||

अब मै क्या करू उसको?
नही डाक्टर दिखानेको
तेरे आंगनमे वो जाताय
कुकुचकु कुकुचकु वो वरडताय
मेरा दानापानी नही उसको भाता
अरे मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा? ||१||

देख हळुहळु तो कसा भागताय
लई उदास उदास दिखताय
चोच उघडी रखके तो बसतोय
नही फडफड फडफड करताय
अब्बी तुच हैरे बाबा उसका दाता
मेरे मुर्गे को क्या हुवा चाचा? ||२||

मै क्या बोलतोय अब तू ध्यानसे सुन चाचा
ये मुर्गा और तेरी मुर्गीपे प्रसंग आयेलाय बाका
अरे दोनो का भिड गया आपसमें टाका
अंधेरेमे जाके घेती एकमेकका मुका
ये प्रेमीयोंके बीचमे आता कोनी येवू नका
अबी दोनोके शादीका टैम आयेला है बरका
मेरे मुर्गे को प्यार हुवा है रे चाचा ||३||

- पाषाणभेद (दगडफोड्या)
२३/०५/२०११

हास्यप्रेमकाव्यकविताविनोदमौजमजा

प्रतिक्रिया

निनाद's picture

23 May 2011 - 6:00 am | निनाद

काव्य खतरनाक आहे.
अगदी मालेगावला गेल्यासारखे वाटले. :)
तुमच्या लोकगीतांचा अल्बम काढला तर तो तुफान लोकप्रिय होईल या शंका वाटत नाही.

अरुण मनोहर's picture

23 May 2011 - 6:24 pm | अरुण मनोहर

हां, यही प्यार है!

पडोसन अपनी मुर्गीको रखना संभाल,
मेरा मुर्गा हुवां है दिवाना!

चिगो's picture

23 May 2011 - 4:33 pm | चिगो

येकदम बोली मराठी-हिंदीची मिसळ..

यु शुड नो अबाउट युवर कॉक पाभे . हाऊ कॅन चाचा नो व्हाट हॅज हॅपन्ड टू युवर कॉक ? डिड यु गिव्ह युवर कॉक टु चाचा ?

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आनंदयात्री's picture

25 May 2011 - 12:07 am | आनंदयात्री

आजकाल चाचा वर्ड लैच फेमस झालाय.

मस्त .. विनोदाची झालर पण मस्त आवडली कविता

आत्मशून्य's picture

23 May 2011 - 11:37 pm | आत्मशून्य

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