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त्या आतल्या द्युतीला |
अनन्त्_यात्री |
5 |
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बोल नुपूरांचे |
चांदणशेला |
2 |
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शब्दच केवळ |
अनन्त्_यात्री |
2 |
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म्हणून हा पाऊस मला आवडत नाही..... |
पराग देशमुख |
10 |
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कधीतरी..... |
पराग देशमुख |
1 |
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पाचोळा |
फिझा |
2 |
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रंगपंचमी |
पराग देशमुख |
3 |
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तुझ्या अंतरीची (चारोळी) |
पराग देशमुख |
3 |
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नव गृहाचे कर्जही, फेडणे आता उभ्याने ! |
संजय क्षीरसागर |
13 |
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माणूस |
विशाल कुलकर्णी |
5 |
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वंचनांचे खर्चही पडताळणे आता नव्याने |
विशाल कुलकर्णी |
22 |
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(वंचनांचे खर्चही पडताळणे आता नव्याने) |
चतुरंग |
12 |
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!!...'मानवी भूकंप'...!! |
बटाटा चिवडा |
2 |
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ती सध्या काय करते.... |
एक एकटा एकटाच |
10 |
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मी काय करू??.......... |
बटाटा चिवडा |
25 |
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देवा तुला नक्की काय करायचं होतं ? |
अभिषेक पांचाळ |
0 |
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अश्वत्थामा |
अनन्त्_यात्री |
11 |
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देवाचे स्थान कुठे ।। |
माहीराज |
12 |
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निळावन्ती |
अनन्त्_यात्री |
12 |
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शतजन्म शोधिताना..... |
पराग देशमुख |
12 |
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"पॅलेस ऑन व्हील्स " |
पदकि |
0 |
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एक हिंस्र कविता (?)... (१८+ only) |
अस्वस्थामा |
30 |
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दुस्तर हा घाट |
अनन्त्_यात्री |
5 |
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भेट |
चांदणशेला |
0 |
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जखमात यौवनाच्या |
शार्दुल_हातोळकर |
19 |
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स्पर्श वेडे |
चांदणशेला |
0 |
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भिजू दे निशा |
अनिल इन्गले |
0 |
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भिजू दे निशा |
अनिल इन्गले |
0 |
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आई |
ज्योति अळवणी |
1 |
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दूर पर्यंत जाईल तो विषय निघाला तर |
श्रीकृष्ण सामंत |
2 |
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ती एक वेडी |
निओ |
1 |
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खंत वेड्या मनाची (गझल) |
शार्दुल_हातोळकर |
14 |
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स्वतःला ओळखायचं असत! |
ज्योति अळवणी |
1 |
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बाप फितूर झाला......... |
किरण कुमार |
12 |
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अव्यक्त भावना ही, शब्दांविनाच बोले |
खग्या |
7 |
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चिमणी |
तिरकीट |
6 |
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बोलू नकोस काही |
किरण कुमार |
10 |
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वडील |
वृंदा१ |
1 |
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वडील |
वृंदा१ |
11 |
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वडील |
वृंदा१ |
3 |
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शिव शिव |
कर्रोफर नमुरा |
1 |
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(कुणाच्या फांदीवर कुणाची आर्ची) |
स्वामी संकेतानंद |
11 |
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(डोलकरांचे मनोगत) |
ज्ञानोबाचे पैजार |
21 |
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घरट्याची ओढ |
चांदणे संदीप |
21 |
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कसा फुलताना दिसू? |
चांदणे संदीप |
15 |
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सावरकरांचे मनोगत |
कवि मानव |
10 |
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पहाट धुके २ |
Pradip kale |
0 |
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राग (अर्थातच सान्गितिक) |
खग्या |
10 |
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भक्ष (भयकविता) |
अॅस्ट्रोनाट विनय |
10 |
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एका लग्नाची ऐकीव गोष्ट. |
श्रीकृष्ण सामंत |
1 |
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प्रीत भेटेल का गं... |
सुर्यान्श |
0 |
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घर |
चाणक्य |
3 |
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ती माझी होती |
दिनु गवळी |
15 |
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भिकारी |
शार्दुल_हातोळकर |
24 |
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Naate (इडंबन) |
दमामि |
3 |
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नोटबंदीचे अभंग |
भारी समर्थ |
11 |
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Naate |
Savnil |
1 |
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शोर |
अबोली२१५ |
2 |
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तुम्ही |
वृंदा१ |
0 |
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वडील |
वृंदा१ |
0 |
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वडील |
वृंदा१ |
5 |
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(नाक गळतंय माझं..) |
खेडूत |
6 |
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स्मरणातल्या बाप्पा |
वृंदा१ |
1 |
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घर गळतंय माझं..... |
अबोली२१५ |
12 |
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अंतरंग |
अमिता राउत |
2 |
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कस्सा राव थांबू... |
अत्रुप्त आत्मा |
130 |
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(आम्हां न कळे नज़्म) |
स्वामी संकेतानंद |
6 |
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अमिट लक्ष्मणरेखा |
विवेकपटाईत |
0 |
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सय संद्याकाय |
ऊध्दव गावंडे |
11 |
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(बंदीपायी जीवा लागलीसे वाट) |
स्वामी संकेतानंद |
13 |