खरेच की ! हे कसे काय विसरलो ! रफीसाहेबांचं संगीतसृष्टीतलं योगदान सुवर्णाक्षरांनी लिहण्यासारखंच आहे. उशीरा का होइना आठवण करुन दिल्याबद्दल मनस्वी आभार आणि त्या विश्वगायकाला भावपुर्ण आदरांजली !
यात पुढील गाणे पण पहिलेच दिसेन :)
ह्या गाण्याने किशोरदांनी माझ्या हृदयांत खोल घर केलेलं आहे...
किशोरदांच्या वाढदिवसानिमित्त त्यांची आठवण म्हणून हे गाणे सगळे इथे देण्याचा मोह आवरत नाहीये....
********** ज़िंदगी के सफर में, गुज़र जाते हैं जो मुकाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते
ज़िंदगी के सफर में, गुज़र जाते हैं जो मुकाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं
फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं मगर
पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैं
वो बहारों के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग इक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं
वो हजारों के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
आप रोका है क्या भरोसा है
आप रोका है क्या भरोसा है सुनो
दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
अगर तड़पना पड़े याद में ज़िंदगी
रोक लो रूठकर उनको जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हजारों सलाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
सुबह आती है रात जाती है
सुबह आती है रात जाती है यूहीं
वक्त चलता ही रहता है रुकता नहीं
इक पल में ये आगे निकल जाता है
आदमी ठीक से देख पाता नहीं
और परदे पे मंज़र बदल जाता है
इक बार चले जाते हैं जो दिन रात सुबह शाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
ज़िंदगी के सफर में, गुज़र जाते हैं जो मुकाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
**********
प्रतिक्रिया
4 Aug 2009 - 9:13 am | विशाल कुलकर्णी
किशोरदा आज असते तर ऐंशी वर्षाचे असले असते. या महान महागायकाच्या सुमधुर आणि अमीट स्मृतींना विनम्र अभिवादन !
सस्नेह
विशाल
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मज पिसे लागलेले सुखांचे
गे हलकेच धुके ओसरते आहे...
4 Aug 2009 - 9:14 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
किशोरदा निव्वळ ग्रेट..
राजे, तुम्ही आठवण दिली आणि बॅकग्राउंडला ऐ जीवन है त रमून गेलो. अशी कितीतरी गाणे ऐकतांना माणूस देहभान हरवून बसतो नै का !
किशोरदांच्या स्मृतींना विनम्र अभिवादन !
-दिलीप बिरुटे
4 Aug 2009 - 9:39 am | आशिष सुर्वे
रिमझिम गिरे सावन.. सुलग सुलग जाये मन..
संगीताचा निखळ आनंद देणार्या ह्या सदाबहार कलाकाराला मानाचा मुजरा!
-
कोकणी फणस
''आयुष्य ही देवाच्या हातची मिसळच जणू.. सुख-दु:खाची!''
4 Aug 2009 - 9:45 am | चिरोटा
किशोरदांच्या स्मृतींना अभिवादन
नुकतीच ३१ जुलै ला गायक विश्वगायक महंमद रफी ह्यांची पुण्यतिथी होती.
भेन्डि
क्ष्^न + य्^न = झ्^न
4 Aug 2009 - 10:44 am | विशाल कुलकर्णी
खरेच की ! हे कसे काय विसरलो ! रफीसाहेबांचं संगीतसृष्टीतलं योगदान सुवर्णाक्षरांनी लिहण्यासारखंच आहे. उशीरा का होइना आठवण करुन दिल्याबद्दल मनस्वी आभार आणि त्या विश्वगायकाला भावपुर्ण आदरांजली !
4 Aug 2009 - 9:49 am | विसोबा खेचर
नतमस्तक....
तात्या.
4 Aug 2009 - 10:38 am | समंजस
किशोर कुमार यांना विनम्र अभिवादन.......
प्रशंसा करायला शब्द अपुरे पडतात...........
4 Aug 2009 - 3:50 pm | सूहास (not verified)
मेरे मेहबुब कयामत होगी....... =D>
हमे तुमसे प्यार कितना...... =D>
तुम साथ हो जब अपने....... =D>
पल पल दिल के पास......... =D>
बडी सुनी-सुनी है जिन्दगी....... =D>
गीत गाता हु मै गुनगुनाता हु मै...... =D>
कहॉ॑तक ये मन को अ॑धेरे छले॑गें....... =D>
चुडी नही ये मेरा दिल है........ =D>
दिल मै आग लगाये सावन का महिना...... =D>
मेरी भिगी-भिगी सी पलको मै रह गये =D>
आते-जाते खुबसुरत आवारा सडकों पे =D>
एक अजनबी हसीना से युं मुलाकात =D>
मेरे दिल ने तडपके जब नाम तेरा पुकारा =D>
चलते-चलते मेरे ये गीत याद रखना =D>
घु॑गरु की तरह बजता ही रहा हु मै =D>
प्यार मांगा है तुम्ही से ना ईनकार करो.. =D>
मेरे दिल मै आज क्या है ति कहे तो मै बता दु =D>
दिल हाय मेरा दिल तेरा दिल दिलसे दिल मिल गया =D>
जिन्दगी एक सफर सुहाना =D>
क्रमश :::
4 Aug 2009 - 4:05 pm | दशानन
क्या बात है !
अरे किती गाणे लिहणार... सगळीच अलटिमेट :)
+++++++++++++++++++++++++++++
4 Aug 2009 - 6:23 pm | सागर
या सम हाच... किशोरदांसारखा अद्वितिय गायक होणे अशक्यच आहे... किशोरदांच्या स्मृतींना सादर अभिवादन
किशोरदांच्या रसिकांसाठी ऑनलाईन गाणी ऐकायची असतील तर मी इथे खूप गाणी अपलोड केली आहेत http://www.esnips.com/web/Best-of-Kishor-Kumar
यात पुढील गाणे पण पहिलेच दिसेन :)
ह्या गाण्याने किशोरदांनी माझ्या हृदयांत खोल घर केलेलं आहे...
किशोरदांच्या वाढदिवसानिमित्त त्यांची आठवण म्हणून हे गाणे सगळे इथे देण्याचा मोह आवरत नाहीये....
**********
ज़िंदगी के सफर में, गुज़र जाते हैं जो मुकाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
ज़िंदगी के सफर में, गुज़र जाते हैं जो मुकाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं
फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं मगर
पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैं
वो बहारों के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग इक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं
वो हजारों के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
आप रोका है क्या भरोसा है
आप रोका है क्या भरोसा है सुनो
दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
अगर तड़पना पड़े याद में ज़िंदगी
रोक लो रूठकर उनको जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हजारों सलाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
सुबह आती है रात जाती है
सुबह आती है रात जाती है यूहीं
वक्त चलता ही रहता है रुकता नहीं
इक पल में ये आगे निकल जाता है
आदमी ठीक से देख पाता नहीं
और परदे पे मंज़र बदल जाता है
इक बार चले जाते हैं जो दिन रात सुबह शाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
ज़िंदगी के सफर में, गुज़र जाते हैं जो मुकाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
**********
(किशोरदा प्रेमी ) सागर