चित्र-काव्य स्पर्धा |
सुनील |
7 |
(बुरुंडीतला जालिंदर) - विडंबन |
पाषाणभेद |
10 |
कामवाली! |
उमेश कोठीकर |
12 |
सावळा |
विशाल कुलकर्णी |
2 |
कोणास ठाउक...! |
चन्द्रशेखर गोखले |
0 |
ति.... |
संध्यानंदन |
1 |
जालिंदर महिमा |
मराठमोळा |
5 |
(मी एकदा चहा केला) |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
51 |
माझ्या आठवणी |
संध्यानंदन |
0 |
उन्मनी |
क्रान्ति |
12 |
भाकरीतला जलालाबादी |
कवटी |
4 |
(ब्यूटी पार्लर अर्थात काव्यफुफाटा) |
चतुरंग |
23 |
<बाई मी पळाली (एक वैताग विडंबन)> |
मराठमोळा |
14 |
यल्गार |
विशाल कुलकर्णी |
3 |
मिपाच्यावरी पंगती रंगलेल्या... |
केशवसुमार |
14 |
फुलपाखराचे प्रेम |
जागु |
0 |
आणखी एक कला |
धनंजय |
16 |
फुलोरा..(माझ्या चाली सकट) |
प्राजु |
43 |
सहवास मजला हवा... |
jenie |
2 |
बाई मी पळाली (एक वैताग कविता) |
मूखदूर्बळ |
9 |
सारे काही पहिले |
जागु |
1 |
अनाथाश्रमाची भेट! |
उमेश कोठीकर |
4 |
वसंतपालवी |
जयवी |
6 |
(म्हणू नका रे....) |
केशवसुमार |
21 |
खाण्याला उपमा नाही |
मूखदूर्बळ |
8 |
कोण तूं रे कोण तूं ? |
सुभाष |
1 |
निनावी नगर |
जागु |
7 |
(पहिला नोकरी अर्ज..) |
पाषाणभेद |
2 |
लतादीदीस सप्रेम......... |
विशाल कुलकर्णी |
8 |
बालगीत |
दवबिन्दु |
5 |
तुझ्या मनात |
जागु |
6 |
रंगांची गोष्ट! |
उमेश कोठीकर |
6 |
तुझे माझे नाते |
क्रान्ति |
16 |
मम सुखाची ठेव... |
विसोबा खेचर |
27 |
पहिली भेट |
जागु |
7 |
(डास) |
बेसनलाडू |
25 |
जे तनाला पाहिजे ते... |
केशवसुमार |
7 |
आपणच........! |
उमेश__ |
5 |
चेहरा |
जागु |
14 |
शब्द |
जागु |
5 |
नाहि बरे... |
jenie |
10 |
बहुतेक हा स्वतःला गालीब समजतो पण.... |
केशवसुमार |
15 |
(चेहरा) |
दशानन |
9 |
देवानी मुलींना असं का बनवलं? |
श्रीकृष्ण सामंत |
3 |
दास |
क्रान्ति |
17 |
कविता पूर्ण करा... |
प्राजु |
36 |
(देवाने मुलींना अस का बनवलं?) |
अनामिक |
22 |
आणखी एक कविता पूर्ण करा |
अभिरत भिरभि-या |
5 |
ओसाड राजमार्ग |
जयवी |
13 |
आई! नको वध करू माझा! |
उमेश कोठीकर |
11 |
पृथ्वीची पहाट! |
उमेश कोठीकर |
2 |
गाडीच्या गाडीवाना... |
डॉ. आनंदा वारके |
4 |
गुलाम! |
उमेश कोठीकर |
13 |
आठवण.... ! |
चंद्रशेखर महामुनी |
1 |
मन |
जागु |
0 |
माझ्या <strong>डॅन्स</strong> बार चा |
sanjubaba |
4 |
दादा म्हनले ... ! |
विशाल कुलकर्णी |
14 |
पानगळीचे वैभव |
धनंजय |
22 |
निरोप |
विशाल कुलकर्णी |
8 |
प्रश्न |
शुभान्गी |
6 |
((देवानं विडंबकांना असं का बनवलं?)) |
आपला अभिजित |
5 |
<<----देवानं तोतया कवींना असं का बनवलं---->> |
मराठमोळा |
0 |
(खरच आता नको ) |
मराठमोळा |
5 |
दिवस जूने भुलायचे,काळजी वाचून जगायचे |
श्रीकृष्ण सामंत |
4 |
आता नको |
विशाल कुलकर्णी |
2 |
... कवितेचा आजार हवा |
अजय जोशी |
1 |
चारोळी |
सुशील |
11 |
देवाने माश्यांना अस का बनवल ? |
मूखदूर्बळ |
1 |
गुढी उभारावी अशी |
राजा |
5 |
पसारा |
केशवसुमार |
8 |