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नको वाटते.. |
प्राची अश्विनी |
33 |
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माझी पोर |
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0 |
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तहान |
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12 |
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अहो मानवी बाईजी, अहो मानवी रावजी |
माहितगार |
5 |
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स्त्री - काल आणि आज |
विवेकपटाईत |
13 |
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पत्रं |
मनीषा |
22 |
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चारोळी: गैरसमजांशी वैर! |
निमिष सोनार |
1 |
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विरजनातली साय |
पालीचा खंडोबा १ |
2 |
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आवाज वाढव राहुल.... |
डॉ. एस. पी. दोरुगडे |
3 |
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काम दाखव फेकू... |
तर्राट जोकर |
15 |
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फ़ॆंटसी |
एक एकटा एकटाच |
3 |
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हायकु (कायकु)-२ |
नाखु |
10 |
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इडंबन की जय हो...! |
अत्रुप्त आत्मा |
48 |
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बायको म्हणजे बायको म्हणजे बायकोचं असतें |
पगला गजोधर |
15 |
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राहील कुठे आता ही चिमणी? |
खेडूत |
12 |
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"बुवा....." |
टवाळ कार्टा |
20 |
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प्रतीक्षा |
मयुरMK |
2 |
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देवा... |
कविता१९७८ |
1 |
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काळरात्र....!!!!! |
एक एकटा एकटाच |
25 |
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हुंकार वेदनेचे |
पालीचा खंडोबा १ |
1 |
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आपण किती हसतो! |
सुमेध रानडे |
2 |
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Mobile |
अविनाश लोंढे. |
8 |
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सोने की चिड़ियां |
संदीप डांगे |
7 |
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डॉलर |
अविनाश लोंढे. |
2 |
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तेच ते |
मित्रहो |
3 |
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एकटेपणाच्या कविता |
पालीचा खंडोबा १ |
7 |
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बुधवारच्या कविता |
llपुण्याचे पेशवेll |
68 |
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ऋण |
यशोधरा |
33 |
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दुलई |
सुमेध रानडे |
11 |
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प्रपोजल् |
बेसनलाडू |
23 |
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Celebration |
पालीचा खंडोबा १ |
10 |
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तुझे मजवरी भाळणे ते अवेळी |
विशाल कुलकर्णी |
36 |
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(तुझे पाशवी बोलणे ते अवेळी) |
चतुरंग |
29 |
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'माझा' 'मी' 'मी' 'मी' चा पाढा, आजपण तू ऐकशील का..? |
मोदक |
165 |
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खिशात किती नोटा आहेत जमा ? |
मयुरMK |
10 |
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निवले तुफान आता |
गंगाधर मुटे |
18 |
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वऱ्हाडी लोकगीत -उचाट नागोबुढा |
श्रीरंग_जोशी |
12 |
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पाहीलं मी तुला |
माहीराज |
0 |
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कविता |
शैलेन्द्र |
29 |
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लकेरी |
पालीचा खंडोबा १ |
1 |
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पाऊस कालचा |
gsjendra |
0 |
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कुंपणापलीकडली हुरहूर |
पालीचा खंडोबा १ |
5 |
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.बनलेही असते राधा, मज कृष्ण भेटला नाही .. |
प्राची अश्विनी |
91 |
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अन् मलाही! |
चांदणे संदीप |
7 |
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आता घे आवरते सारे |
पालीचा खंडोबा १ |
13 |
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ती खोली |
मिसळलेला काव्यप्रेमी |
55 |
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मुहाजिर् नामा |
अश्फाक |
10 |
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संक्रांत |
सुधीर वैद्य |
0 |
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शेवटी संपन्न हा वनवास झाला.. |
drsunilahirrao |
8 |
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ज्यू असण्याचे जोखड |
पालीचा खंडोबा १ |
9 |
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जोडी |
मयुरMK |
7 |
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अंगणात बाप, दारात माय, |
ज्ञानोबाचे पैजार |
26 |
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मराठीमधील आणि मिपावरील सर्वोत्कृष्ट कविता कोणत्या |
माहितगार |
57 |
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अंतर |
अविनाश लोंढे. |
0 |
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पश्मीना |
पालीचा खंडोबा १ |
11 |
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पहिले विडंबन |
gsjendra |
6 |
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गोमांस |
पालीचा खंडोबा १ |
4 |
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concentration |
सुधीर वैद्य |
0 |
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अमृतप्याला |
वेल्लाभट |
10 |
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मैं तुझे फिर मिलूँगी- अमृता प्रीतम मुक्त अनुवाद |
महासंग्राम |
9 |
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बायको गेली माहेरी.. |
अत्रुप्त आत्मा |
41 |
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कीस बाप्या कीस, गाजर कीस |
विवेकपटाईत |
11 |
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खडक |
gsjendra |
0 |
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खडक |
gsjendra |
0 |
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खडक |
gsjendra |
0 |
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खडक |
gsjendra |
0 |
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खडक |
gsjendra |
0 |
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खडक |
gsjendra |
0 |
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खडक |
gsjendra |
0 |
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खडक |
gsjendra |
0 |