कविता

शैलेन्द्र's picture
शैलेन्द्र in जे न देखे रवी...
24 Dec 2015 - 9:55 am

तू म्हणतेस कवितेतल, तुला काही कळत नाही
पण म्हणून काही तुझ, कविता होण टळत नाही

हलकी हसतेस नजरेतून, अदा जीव घेवून जाते
मतल्यासह एक सुंदर, गझल सहज होवून जाते
ही बेहोशी सखे, कुठल्या मैफीलीत मिळत नाही,
अन म्हणून काही तुझ, कविता होण टळत नाही..

मुक्तछंदात बोलताना, गुंफून घेतेस सहज आर्या ,
तुझ्या मात्रा मोजताना, गाते अभंग माझी चर्या,
काय लघु, काय गुरु, हिशोब काही जुळत नाही,
पण म्हणून काही तुझ, कविता होण टळत नाही..

कविता म्हणजे काय ग, शहाण्यासारख वागायचं,
थोडं जगात सांगायचं , अन बराच मनात भोगायचं,
आपली कविताही कधी, आपल्यालाच कळत नाही,
पण म्हणून काही आपल, कविता होण टळत नाही..

- शैलेंद्र

भावकविताकविता

प्रतिक्रिया

प्रचेतस's picture

24 Dec 2015 - 10:04 am | प्रचेतस

सुरेख.

खूप दिवसांनी आलास रे.

शैलेन्द्र's picture

24 Dec 2015 - 10:22 am | शैलेन्द्र

धन्यवाद,
अरे mac वर टाईप नाही करता येत मराठी
(हा जाहिरातीचा प्रयत्न नव्हे ;) )

DEADPOOL's picture

24 Dec 2015 - 10:12 am | DEADPOOL

छान!

किसन शिंदे's picture

24 Dec 2015 - 11:21 am | किसन शिंदे

बर्‍याच दिवसांनी दिसलास मित्रा. कविता आवडली.

शैलेन्द्र's picture

24 Dec 2015 - 11:26 am | शैलेन्द्र

वाचनमात्र होतो, आभार

अभ्या..'s picture

24 Dec 2015 - 11:49 am | अभ्या..

अहाहा.
ह्याला म्हणायचे काव्य.
अप्रतिम शैलेन्द्रा

पद्मावति's picture

24 Dec 2015 - 7:20 pm | पद्मावति

सुरेख कविता.

क्या बात शेलेन्द्र भाई
मजा आली

एक एकटा एकटाच's picture

24 Dec 2015 - 8:12 pm | एक एकटा एकटाच

मस्त मस्त मस्त

मनीषा's picture

25 Dec 2015 - 1:29 pm | मनीषा

सुंदर कविता !

शैलेन्द्र's picture

26 Dec 2015 - 10:05 am | शैलेन्द्र

धन्यवाद, डेडपूल, एकटा, स्पा, मनीषा, पद्मावती, अभ्या

आपली कविताही कधी, आपल्यालाच कळत नाही,

सुंदर. :-)

यशोधरा's picture

1 Jan 2016 - 11:39 am | यशोधरा

सुरेख.

डॉ सुहास म्हात्रे's picture

1 Jan 2016 - 12:02 pm | डॉ सुहास म्हात्रे

सुंदर !

सस्नेह's picture

1 Jan 2016 - 12:41 pm | सस्नेह

हीच हीच कविता !

पैसा's picture

1 Jan 2016 - 1:20 pm | पैसा

खूप छान लिहिलंस!

नाखु's picture

1 Jan 2016 - 2:06 pm | नाखु

एक तो विशाल्या आणि दुसरा तू....

हाडाचे कवी ( नाहीतर आम्च्या कवीतांनाच हाड हाड म्हणतात)

प्रतिसाद मात्र नाखु

प्राची अश्विनी's picture

1 Jan 2016 - 3:47 pm | प्राची अश्विनी

अतिशय सुंदर कविता!

स्वप्नज's picture

3 Jan 2016 - 8:17 am | स्वप्नज

पण म्हणून काही तुझ, कविता होण टळत नाही...

फारच सुरेख. अप्रतिम काव्य.

सौन्दर्य's picture

3 Jan 2016 - 9:11 am | सौन्दर्य

कविता फार आवडली. मोजक्या शब्दात खूप सांगून गेली. मस्तच.

शैलेन्द्र's picture

3 Jan 2016 - 5:12 pm | शैलेन्द्र

खूप खूप धन्यवाद सगळ्यांचे

विशाल कुलकर्णी's picture

4 Jan 2016 - 3:52 pm | विशाल कुलकर्णी

सुरेख...

शैलेन्द्र's picture

11 Jan 2016 - 10:31 am | शैलेन्द्र

धन्यवाद विशाल

प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे's picture

12 Jan 2016 - 8:46 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे

आवडलीय कविता. शेवटच्या चार ओळी तर खासच.

-दिलीप बिरुटे

शैलेन्द्र's picture

16 Jan 2016 - 8:19 pm | शैलेन्द्र
शैलेन्द्र's picture

17 Jan 2016 - 10:05 pm | शैलेन्द्र

तुम्ही दाद दिलीय असं समजूनच मी प्रवास चालू ठेवतो सर :) :)

मयुरMK's picture

17 Jan 2016 - 10:34 am | मयुरMK

मयुरMK's picture

17 Jan 2016 - 10:34 am | मयुरMK

अभिजीत अवलिया's picture

17 Jan 2016 - 8:30 pm | अभिजीत अवलिया

मस्त कविता कविराज ...