अभय

सार्थबोध's picture
सार्थबोध in जे न देखे रवी...
7 Oct 2013 - 5:14 pm

या अवघ्या चराचरी
व्यापलास तू हरी
तरी आत बाहेरी
शोध फसवा असा ll १ ll

चालतसे देणी घेणी
जीवा नित्य जन्मांतरी
चिंता लागतसे मनी
होईन पार कसा ll २ ll

तूच बाप जननी
येई पहा धावुनी
या संसार काननी
बाळ हाका मारीतसा ll ३ ll

काळाचिये भक्ष आम्ही
तिथे नाही विनवणी
अभय मिळो शेवटी
पायी तुझ्या लागतसा ll ४ ll

- सार्थबोध

अभंगहे ठिकाण

प्रतिक्रिया

मिसळलेला काव्यप्रेमी's picture

7 Oct 2013 - 5:43 pm | मिसळलेला काव्यप्रेमी

अतिशय सुरेख आणि रेखिव रचना..

प्यारे१'s picture

7 Oct 2013 - 8:07 pm | प्यारे१

सुंदर रचना!

मूकवाचक's picture

8 Oct 2013 - 10:23 am | मूकवाचक

+१

यशोधरा's picture

7 Oct 2013 - 10:49 pm | यशोधरा

सुरेख.

सुधीर's picture

8 Oct 2013 - 8:57 am | सुधीर

रचना आवडली.

गुरुचरण's picture

8 Oct 2013 - 9:11 am | गुरुचरण

अतिशय सुरेख रचना

चाणक्य's picture

8 Oct 2013 - 9:52 am | चाणक्य

ओघवती आहे. खूप आवडली.

मदनबाण's picture

8 Oct 2013 - 10:31 am | मदनबाण

सुरेख !

पैसा's picture

9 Oct 2013 - 8:29 pm | पैसा

रचना आवडली!