मिसळपाव- एक कुरण.. |
प्राजु |
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काय असते कविता ? |
गणेशा |
2 |
एका डॉक्टरच्या कविता-४: व्यथा |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
5 |
मस्त थंडी घट्ट बर्फाळलेली ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
मी पण एक कविता करणार आहे ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
'पाकनिष्ठ' कांदा, लुडबूडतो कशाला? |
गंगाधर मुटे |
15 |
शब्दांचे भरघोस पिक ..!! |
प्रकाश१११ |
3 |
... |
अभिषेक९ |
6 |
चल बाळा आपण पतंग घेवू |
पाषाणभेद |
1 |
नाही ... (गझल) |
स्वानंद मारुलकर |
5 |
वाटले होते...! |
यशोधरा |
19 |
बायको : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
19 |
प्रच्छन्न प्रोमेथियसचे प्रमाथी प्राक्तन |
शरदिनी |
42 |
एकास तीन |
अवलिया |
13 |
इतिहास |
स्पंदना |
18 |
नव्या वर्षाची हीच जिंगळ..... |
विजुभाऊ |
5 |
(कांदे पोहे) ... नीगेटीव्ह शेड |
गणेशा |
3 |
निष्पर्ण वृक्षावर पक्षी घरटी नाही बांधत !! |
प्रकाश१११ |
4 |
(घट डोईवर घट कमरेवर) |
मेघवेडा |
22 |
भारी पडली जात |
गंगाधर मुटे |
5 |
एक अबोल प्रेम फुललेच नाही !! |
पावसाची परी |
13 |
किती वर्षाने असे निवांतपण ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
मी एन आर आय कसा? |
बहुगुणी |
14 |
आरती गुरूदत्ताची |
पाषाणभेद |
2 |
घट पोटावर घट कमरेवर... |
केशवसुमार |
17 |
कांदे पोहे... |
गणेशा |
7 |
कसे वर्ष गेले हरवून ...!!! |
प्रकाश१११ |
2 |
पाउलखुणा |
गणेशा |
2 |
सांजवेळी सोबतीला.. |
मयुरेश साने |
2 |
लतादेवीची आरती |
JAGOMOHANPYARE |
2 |
किती सांगू मी आनंद झाला- |
विदेश |
2 |
अर्धवट |
विश्वेश |
2 |
कधीही काहीही होऊ शकते ..!! |
प्रकाश१११ |
3 |
नूतन वर्षाच्या शुभेच्छांसाठी |
भाववेडा |
2 |
नुतनवर्षास.... |
गंगाधर मुटे |
1 |
चारोळी : नव्या वर्षाचा नवा थाट!! |
निमिष सोनार |
2 |
लाखाचा असो वा कोटीचा, तुमचे आमचे सेम असते.......... |
अमोल देशमुख |
7 |
नुसतेच ! |
विश्वेश |
3 |
कडेलोट ! |
विश्वेश |
1 |
किशन बिहारी नुर....३ ( रोमेंटीक ) |
अश्फाक |
4 |
किशन बिहारी नुर....२ |
अश्फाक |
11 |
शेतकरी गीतः आम्ही शेतात कसणारे शेतकरी |
पाषाणभेद |
2 |
मतिमंद |
तिमा |
1 |
खरे काय नी खोटे काय ? |
दत्ता काळे |
4 |
युगलगीतः आपला संसार सुखाचा करूया |
पाषाणभेद |
1 |
सगळेच अवघड होऊन बसले आहे ...!! |
प्रकाश१११ |
1 |
Now we are only two :: टू वन्स आर टू :: बे एके बे |
पाषाणभेद |
3 |
किशन बिहारी नुर...१ |
अश्फाक |
17 |
माझे खोलपण असेच उथळ उथळ |
फ्रॅक्चर बंड्या |
4 |
कंटाळून गेलेय ...!!! |
प्रकाश१११ |
4 |
प्रार्थना ...!! |
प्रकाश१११ |
3 |
जगावेगळे विश्व कवीचे - |
विदेश |
2 |
नूतन मराठीचा गौरव |
युयुत्सु |
1 |
<>आपलं कसं जमणार<> |
परिकथेतील राजकुमार |
33 |
सावध व्हावे हे जनताजन |
गंगाधर मुटे |
2 |
अंतर्धान अस्तित्व माझे ... |
गणेशा |
1 |
तुझी माझी प्रित होती |
पाषाणभेद |
4 |
अग्नि.. |
ज्ञानराम |
3 |
ती येणार आहे ...!! |
प्रकाश१११ |
8 |
एका डॉक्टरच्या कविता-३: रिटायरमेंट |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
7 |
किम्म्त .. विचारांची .. |
गणेशा |
5 |
जा जग !! .. (अध्यात्मिक कदाचीत) |
गणेशा |
1 |
घराच्या खाणाखुणा लक्षात ठेवाव्यात अशी घरे ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
व्यथा वार्धक्याची |
अनिल आपटे |
3 |
सूर तेच छेडिता |
यकु |
15 |
मध्यरात्र..!! |
प्रकाश१११ |
5 |
नमस्ते, सचिन... |
सुभाष् अक्कावार |
1 |
नवरत्नहार |
मूकवाचक |
5 |
लेवू दे निळाई.. |
स्वानंद मारुलकर |
3 |
(गाडी सुटली , रुमाल हलले) |
अडगळ |
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