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शेतकरी गीतः आम्ही शेतात कसणारे शेतकरी |
पाषाणभेद |
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मतिमंद |
तिमा |
1 |
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खरे काय नी खोटे काय ? |
दत्ता काळे |
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युगलगीतः आपला संसार सुखाचा करूया |
पाषाणभेद |
1 |
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सगळेच अवघड होऊन बसले आहे ...!! |
प्रकाश१११ |
1 |
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Now we are only two :: टू वन्स आर टू :: बे एके बे |
पाषाणभेद |
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किशन बिहारी नुर...१ |
अश्फाक |
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माझे खोलपण असेच उथळ उथळ |
फ्रॅक्चर बंड्या |
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कंटाळून गेलेय ...!!! |
प्रकाश१११ |
4 |
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प्रार्थना ...!! |
प्रकाश१११ |
3 |
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जगावेगळे विश्व कवीचे - |
विदेश |
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नूतन मराठीचा गौरव |
युयुत्सु |
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<>आपलं कसं जमणार<> |
परिकथेतील राजकुमार |
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सावध व्हावे हे जनताजन |
गंगाधर मुटे |
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अंतर्धान अस्तित्व माझे ... |
गणेशा |
1 |
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तुझी माझी प्रित होती |
पाषाणभेद |
4 |
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अग्नि.. |
ज्ञानराम |
3 |
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ती येणार आहे ...!! |
प्रकाश१११ |
8 |
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एका डॉक्टरच्या कविता-३: रिटायरमेंट |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
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किम्म्त .. विचारांची .. |
गणेशा |
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जा जग !! .. (अध्यात्मिक कदाचीत) |
गणेशा |
1 |
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घराच्या खाणाखुणा लक्षात ठेवाव्यात अशी घरे ..!! |
प्रकाश१११ |
4 |
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व्यथा वार्धक्याची |
अनिल आपटे |
3 |
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सूर तेच छेडिता |
यकु |
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मध्यरात्र..!! |
प्रकाश१११ |
5 |
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नमस्ते, सचिन... |
सुभाष् अक्कावार |
1 |
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नवरत्नहार |
मूकवाचक |
5 |
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लेवू दे निळाई.. |
स्वानंद मारुलकर |
3 |
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(गाडी सुटली , रुमाल हलले) |
अडगळ |
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एका डॉक्टरच्या कविता: दोन: एक संवाद |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
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एका डॉक्टरच्या कविता-१: ड्यूटी |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
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आक्रोष |
चन्द्रशेखर गोखले |
4 |
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(एक बाई ठेवावी म्हणतोय!) |
पिवळा डांबिस |
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जख्ख अशी म्हातारी !! |
प्रकाश१११ |
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एक बायको करावी म्हणतोय |
गणेशा |
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बंडूच्या स्वप्नातच येते - |
विदेश |
1 |
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संजयदॄष्टी |
चन्द्रशेखर गोखले |
0 |
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युगलगीतः मला वाजतीया थंडी |
पाषाणभेद |
3 |
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पुन्हा तुझीच वाट पहात आहे |
गणेशा |
1 |
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जख्ख अशी म्हातारी !! |
प्रकाश१११ |
0 |
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जे प्रेम करून लग्न करतात ...!! |
प्रकाश१११ |
6 |
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आदाब अर्ज है ! |
अश्फाक |
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प्रवास मी एकटीच करते... (गीत) |
गणेशा |
1 |
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कवितेचे झाड !! |
प्रकाश१११ |
3 |
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काय करू मी बाई सांगा तरी काही |
पाषाणभेद |
1 |
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हळूच द्या मज झोका कान्हा |
पाषाणभेद |
4 |
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एक आठवण |
संजयशिवाजीरावगडगे |
4 |
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भिजल्या डोळ्यासही ना काही वाटले |
गणेशा |
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प्रेम |
संजयशिवाजीरावगडगे |
3 |
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तार मनाचे दे झंकारून |
गंगाधर मुटे |
1 |
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आम्ही काय म्हणूं धार्मीक |
पाषाणभेद |
1 |
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पानगळ सुरु झाली आहे !! |
प्रकाश१११ |
3 |
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युगलगीत : आलीया थंडी, साधूया संधी, चल पेटवू शेकोटी |
पाषाणभेद |
5 |
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काही नाती ....... |
संजयशिवाजीरावगडगे |
1 |
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आसवे तो हुंदका टाळुन गेली.............. |
मयुरेश साने |
3 |
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अंगाई |
धनंजय |
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आंब्याची चव चाखून बघा |
पाषाणभेद |
4 |
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आई .. मिटलेला श्वास.. १२ |
गणेशा |
1 |
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माणुसकीचा झरा ..!! |
प्रकाश१११ |
0 |
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जा रे कान्हा नटखट : गौळण (नाट्यगीत) |
गंगाधर मुटे |
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गझल |
यशोधरा |
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६: पाउलखुणा |
गणेशा |
1 |
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कुणा कुणाचा आदर्श डोळ्यासमोर ठेवायचा ?? |
प्रकाश१११ |
1 |
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तो कवी..ती कवियित्री.. |
कानडाऊ योगेशु |
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चोरटा मुरारी - गौळण |
गंगाधर मुटे |
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५ : मी ..एक स्त्री |
गणेशा |
4 |
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जागरण गोंधळ : आई देवी अंबेचा जागर मी करीतो |
पाषाणभेद |
5 |
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वृद्धाश्रमातील ते खिन्न डोळे !! |
प्रकाश१११ |
10 |
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माझ्या देशात राहणाऱ्या बाबास ..!! |
प्रकाश१११ |
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चेंडू मारियेला |
गंगाधर मुटे |
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