एका डॉक्टरच्या कविता: दोन: एक संवाद |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
14 |
एका डॉक्टरच्या कविता-१: ड्यूटी |
डॉ अशोक कुलकर्णी |
10 |
आक्रोष |
चन्द्रशेखर गोखले |
4 |
(एक बाई ठेवावी म्हणतोय!) |
पिवळा डांबिस |
25 |
जख्ख अशी म्हातारी !! |
प्रकाश१११ |
6 |
एक बायको करावी म्हणतोय |
गणेशा |
16 |
बंडूच्या स्वप्नातच येते - |
विदेश |
1 |
संजयदॄष्टी |
चन्द्रशेखर गोखले |
0 |
युगलगीतः मला वाजतीया थंडी |
पाषाणभेद |
3 |
पुन्हा तुझीच वाट पहात आहे |
गणेशा |
1 |
जख्ख अशी म्हातारी !! |
प्रकाश१११ |
0 |
जे प्रेम करून लग्न करतात ...!! |
प्रकाश१११ |
6 |
आदाब अर्ज है ! |
अश्फाक |
8 |
प्रवास मी एकटीच करते... (गीत) |
गणेशा |
1 |
कवितेचे झाड !! |
प्रकाश१११ |
3 |
काय करू मी बाई सांगा तरी काही |
पाषाणभेद |
1 |
हळूच द्या मज झोका कान्हा |
पाषाणभेद |
4 |
एक आठवण |
संजयशिवाजीरावगडगे |
4 |
भिजल्या डोळ्यासही ना काही वाटले |
गणेशा |
5 |
प्रेम |
संजयशिवाजीरावगडगे |
3 |
तार मनाचे दे झंकारून |
गंगाधर मुटे |
1 |
आम्ही काय म्हणूं धार्मीक |
पाषाणभेद |
1 |
पानगळ सुरु झाली आहे !! |
प्रकाश१११ |
3 |
युगलगीत : आलीया थंडी, साधूया संधी, चल पेटवू शेकोटी |
पाषाणभेद |
5 |
काही नाती ....... |
संजयशिवाजीरावगडगे |
1 |
आसवे तो हुंदका टाळुन गेली.............. |
मयुरेश साने |
3 |
अंगाई |
धनंजय |
9 |
आंब्याची चव चाखून बघा |
पाषाणभेद |
4 |
आई .. मिटलेला श्वास.. १२ |
गणेशा |
1 |
माणुसकीचा झरा ..!! |
प्रकाश१११ |
0 |
जा रे कान्हा नटखट : गौळण (नाट्यगीत) |
गंगाधर मुटे |
3 |
गझल |
यशोधरा |
41 |
६: पाउलखुणा |
गणेशा |
1 |
कुणा कुणाचा आदर्श डोळ्यासमोर ठेवायचा ?? |
प्रकाश१११ |
1 |
तो कवी..ती कवियित्री.. |
कानडाऊ योगेशु |
8 |
चोरटा मुरारी - गौळण |
गंगाधर मुटे |
11 |
५ : मी ..एक स्त्री |
गणेशा |
4 |
जागरण गोंधळ : आई देवी अंबेचा जागर मी करीतो |
पाषाणभेद |
5 |
वृद्धाश्रमातील ते खिन्न डोळे !! |
प्रकाश१११ |
10 |
माझ्या देशात राहणाऱ्या बाबास ..!! |
प्रकाश१११ |
6 |
चेंडू मारियेला |
गंगाधर मुटे |
5 |
४ : वर्तुळ.. गती..परीघ.. |
गणेशा |
2 |
वेणी सोडुनिया : गौळण |
गंगाधर मुटे |
6 |
कत्तलखाना !! |
प्रकाश१११ |
9 |
मास्तरांच्या छडीसारखे कठोर दिवस !!... |
प्रकाश१११ |
7 |
धान्यापासून बनवा दारू ...!! |
प्रकाश१११ |
2 |
शिखर त्यांनी गाठलेले - |
विदेश |
2 |
आपण सारे शिर्डीला जावूया |
पाषाणभेद |
9 |
नदीवर धुणे धुणार्या बायका !! |
प्रकाश१११ |
11 |
किती चाटणार भारतपुत्रा? : नागपुरी तडका |
गंगाधर मुटे |
22 |
तुला आपलेसे करावे किती ?... |
मयुरेश साने |
4 |
मरण्यात अर्थ नाही |
गंगाधर मुटे |
10 |
आता काही देणे घेणे उरले नाही |
गंगाधर मुटे |
5 |
मौनाचं वादळ |
जयवी |
18 |
गंधवार्ता |
गंगाधर मुटे |
14 |
तरीही तिने मुस्कुरावे कशाला ?... |
मयुरेश साने |
11 |
शब्द मागती ते - लिहिण्या अजून शाई... |
मयुरेश साने |
15 |
अजून श्वास पाळती ! तुझ्या खुणा पुन्हा पुन्हा........ |
मयुरेश साने |
13 |
(पोट मागते ते - चरण्या अजून काही...) |
नगरीनिरंजन |
7 |
किनारा |
शैलेन्द्र |
8 |
नवा दे घाव वेदनांना........... |
मयुरेश साने |
0 |
आई...मिटलेला श्वास - ११ |
गणेशा |
1 |
बाबा !! |
प्रकाश१११ |
2 |
३. माहेर .. एक आठवण.. |
गणेशा |
2 |
२. कारण लग्न करुन तु सासरी गेली आहेस |
गणेशा |
5 |
नसतेस घरी तू तेव्हा... "फणसाची फुले" ( विडंबन ) (Nasates Ghari Tu Tevha...) |
बोलघेवडा |
10 |
कशी बदलून जाते ही सुंदर सकाळ !! |
प्रकाश१११ |
3 |
का शब्द मी निघालो खोडून वाचलेला?.... |
मयुरेश साने |
2 |
आताशा मी ग्लास रिकामे मदिरेचे करतो |
केशवसुमार |
10 |
मन पखरु |
अनिल आपटे |
2 |