जपमाळ

शैलेन्द्र's picture
शैलेन्द्र in जे न देखे रवी...
17 Nov 2017 - 8:14 pm

हेही बरेच आहे,
तेही बरेच होते,
आपापल्या परीने,
सारे खरेच होते

मोजून पाप माझे
जपमाळ ओवलेली,
मोक्षास गाठण्याला,
तितके पुरेचं होते,

आयुष्य तारकांचे
मोजीत रात्र होती
मोहक असे मनाला
भूलवीत बरेच होते

खाणीत नांदण्याचा
कोळश्यास शाप आहे
नसते ठिसूळ तुकडे
तर तेही हिरेच होते

सरणास भेटताना
गेली नजर मागे
चेहरे ओळखीचे
हसरे सारेच होते
-शैलेंद्र

gajhalकवितागझल

प्रतिक्रिया

चांदणे संदीप's picture

17 Nov 2017 - 8:59 pm | चांदणे संदीप

प्रचंड आवडली!!
वाखूसा!

Sandy

सतिश गावडे's picture

17 Nov 2017 - 9:21 pm | सतिश गावडे

कविता आवडली.

शैलेन्द्र's picture

17 Nov 2017 - 9:29 pm | शैलेन्द्र

धन्यवाद

अत्रुप्त आत्मा's picture

22 Nov 2017 - 7:22 pm | अत्रुप्त आत्मा

@प्रचंड आवडली!!
वाखूसा! >>> +++++++++++++++++++++++++++११११११११११११११११११११११११११११११११११११११११

आणी जोरदार टाळ्या!

प्रचेतस's picture

17 Nov 2017 - 9:35 pm | प्रचेतस

अप्रतिम

शैलेन्द्र's picture

17 Nov 2017 - 9:59 pm | शैलेन्द्र

धन्यवाद

पद्मावति's picture

17 Nov 2017 - 10:07 pm | पद्मावति

अतिशय सुरेख.
आणि शेवटचा परिच्छेद __/\__

शैलेन्द्र's picture

17 Nov 2017 - 10:35 pm | शैलेन्द्र

धन्यवाद पद्मावती

पुंबा's picture

17 Nov 2017 - 10:11 pm | पुंबा

खुपच सुंदर.
नितळ, भावविभोर करणारी कविता.
साल्या असल्या कवितांसाठी काव्यविभाग रहावासा वाटतो. नाय तर रोजचा रतिब आहेच.

शैलेन्द्र's picture

17 Nov 2017 - 10:34 pm | शैलेन्द्र

मनापासून आभार

पैसा's picture

17 Nov 2017 - 10:38 pm | पैसा

सुरेख!

शैलेन्द्र's picture

17 Nov 2017 - 10:50 pm | शैलेन्द्र

_/\_ पैसाताई

नाखु's picture

17 Nov 2017 - 11:04 pm | नाखु
नाखु's picture

17 Nov 2017 - 11:04 pm | नाखु
शैलेन्द्र's picture

18 Nov 2017 - 1:32 pm | शैलेन्द्र

_/\_

शब्दबम्बाळ's picture

18 Nov 2017 - 10:28 am | शब्दबम्बाळ

हेही असेच होते, तेही तसेच होते
आपापल्या ठिकाणी सारे ससेच होते!?

पहिल्यांदा मला विडंबन आहे असे वाटले पण स्वतंत्र गझल आहे... सुरेश भटांच्या "उशीर" मधून प्रेरणा घेऊन लिहिली आहे का?

शैलेन्द्र's picture

18 Nov 2017 - 1:31 pm | शैलेन्द्र

प्रेरणा असं नाहही, कारण पूर्ण वेगळा कंटेंट आहे, पण पहिलं कडवं मनात घोळत होतं त्यावर त्याचा प्रभाव असावा

जागु's picture

18 Nov 2017 - 11:33 am | जागु

छान.

शैलेन्द्र's picture

18 Nov 2017 - 1:27 pm | शैलेन्द्र

धन्यवाद

५० फक्त's picture

18 Nov 2017 - 4:02 pm | ५० फक्त

मस्त कविता,

एक प्रयोग म्हणुन प्रत्येक कडव्याच्या शेवटच्या ओळीच्या शेवटी प्रश्नचिन्ह लावुन वाचली, वेगळाच अर्थ लागतो आहे.

शैलेन्द्र's picture

18 Nov 2017 - 7:52 pm | शैलेन्द्र

हो, मस्त आयडिया,
वेगळाच अर्थ निघतो

स्पा's picture

18 Nov 2017 - 6:33 pm | स्पा

क्या बात रे
मस्त गझल

सगळे शेर सुंदर,शेवटचा सर्वात खास

शैलेन्द्र's picture

18 Nov 2017 - 7:52 pm | शैलेन्द्र

थँक्स साहेब

पद्मश्री चित्रे's picture

18 Nov 2017 - 8:57 pm | पद्मश्री चित्रे

छान, आवडली कविता

शैलेन्द्र's picture

23 Nov 2017 - 7:36 am | शैलेन्द्र

धन्यवाद

प्राची अश्विनी's picture

19 Nov 2017 - 11:04 am | प्राची अश्विनी

सुरेख!

शैलेन्द्र's picture

23 Nov 2017 - 7:37 am | शैलेन्द्र

धन्यवाद

प्रमोद देर्देकर's picture

19 Nov 2017 - 9:36 pm | प्रमोद देर्देकर

जबरदस्त आवडली
आणि

खाणीत नांदण्याचा
कोळश्या

आणि

सरणास भेटताना
गेली नजर मागे
चेहरे ओळखी

हे शेर तर लाजवाब.
येवूदे अजुन.

मोदक's picture

20 Nov 2017 - 4:52 pm | मोदक

भारी ओ... अजून लिहा..!!

शैलेन्द्र's picture

21 Nov 2017 - 10:03 pm | शैलेन्द्र

सगळ्यांचे आभार

मित्रहो's picture

22 Nov 2017 - 12:05 pm | मित्रहो

मस्त कविता

विशुमित's picture

22 Nov 2017 - 12:42 pm | विशुमित

छान ..!!
खूप आवडली ..