मिपाकरलक्षणे समास प्रथम
| | श्री मिसळ पाव ||
| डूआयडीलक्षणनाम समास द्वितीय |
मागा सांगितली लक्ष णे | मिपाकरांअंगी बाणे |
आता ऐका सोंग घेणे | असोनी येक आयडी |१ |
तयां नाव डुआयडी |नामे असती बहु फाकडी |
खवतुनी लाडीगोडी | करिती सदा |२|
घेई सोंगे कलह लावण्या | जुने स्कोर सेटल करण्या |
अथवा उगा मजा बघण्या | आयड्यांची |३|
बोली स्त्रीआयडींशी मधुर | मयतरी करण्या अति आतुर |
प्रतिसादी जो बहु चतुर | तो येक डुआयडी |४|
वाचाळ चोंबडा चौकस |कुटीळ अंतस्थ मानस |
कुवत नसता भंकस | करी तो येक डुआयडी |५|
शत्रुआयडीवरी खाय दाढा |संपादकांशी दीन बापुडा |
निर्लज्ज ढोंगी पाषाण कोरडा | तो येक डुआयडी |६|
काव्य साहित्य ना लेख |काथ्या कुटुनी करी राख |
पाकृ चोरी काही येक | दुज्या संस्थळीची |७|
संपादक-शत्रू लेखक-शत्रू | कवी-शत्रू कलाकार-शत्रू |
बल्लव-शत्रू सुगरण-शत्रू | तो येक डुआयडी |८|
आयडीचेनी अष्टगुणे | जया अंगी खोड्या बाणे |
सकळांचे काढी उणे | तो येक डुआयडी |९|
संयम राखो नेणे कदा | चेष्टा करू पाहे सर्वदा |
हसून खिजवी आयडींस सदा | तो येक डुआयडी |१०|
बहुतांचे मनींचे तुटे | उगा करी व्यनी खोटे |
क्षण बरा क्षणां पालटे | तो येक डुआयडी |११|
समस्तांशी मत्सर धरी | बहुतांचे पडीक धागे उकरी |
छद्मनामे स्कोर सेटल करी | तो येक डुआयडी |१२|
आनंदें आयडी बोलत जेथे | करी वटवट जाऊनी तेथे |
खफ आणि खव बळेच मंथे | तो येक डुआयडी |१३|
स्त्री आयडींशी सलगी देणे | कंपुंच्या संनिद्ध बैसणे |
नव आयडींस उगा खिजवणे | तो येक डुआयडी |१४|
काड्या सारुनी कौतुक पाहे | स्मायल्या सोडूनी निवांत राहे |
बाजार उठवूनी आपण नोहे |तया गावीचा |१५|
ऐसी लक्षणे डूआयडींची असती | बोलिली काही येक यथामती |
सावधान असावे श्रोतीं | डूआयडींपासुनी |१६|
पारखावी लक्षणे मनीं | आयडी -डूआयडींची दोनी |
वावरावे संस्थळी धरुनी | खूण गाठ |१७|
ज्ञानार्थ बोलिले लक्षण | असता मिपाकर विचक्षण |
पामरें केले परिक्षण | क्षमा केली पाहिजे |१८|
इति श्री मिपाबोधे लक्षण परिक्षण संवादे
शब्द मेळ साधे समास समाप्त.
प्रतिक्रिया
1 Jan 2014 - 4:35 pm | चाणक्य
जोरदार चालू आहे ....येउद्या अजून
1 Jan 2014 - 7:13 pm | मूकवाचक
+१
2 Jan 2014 - 8:31 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
और भी आने दो :)
दिलीप बिरूटे
2 Jan 2014 - 12:14 pm | दिपक.कुवेत
सॉल्लीड....अजुन येउ द्या
(ओरीजनल आयडिचा) दिपक
1 Jan 2014 - 4:54 pm | पिंगू
हाहाहा...
1 Jan 2014 - 5:02 pm | ज्ञानोबाचे पैजार
जोरदार बॅटींग
येउ दे अजुन.
1 Jan 2014 - 5:30 pm | मुक्त विहारि
झक्कास.
हहपुवा.
1 Jan 2014 - 5:38 pm | सुहास..
भारी
1 Jan 2014 - 5:50 pm | आदूबाळ
भारीच!
तृतीय समास मिपावर रुसला कोपर्यात बसला अशा आयडींवर पाहिजे.
1 Jan 2014 - 5:54 pm | सूड
वाह वाह !! ;)
2 Jan 2014 - 2:53 pm | सूड
>>शत्रुआयडीवरी खाय दाढा |संपादकांशी दीन बापुडा |
निर्लज्ज डोंगी पाषाण कोरडा | तो येक डुआयडी |६|
हे वाचून मीनाक्षीची आठवण आली. कुठे असेल बिचारी देव जाणे!! *cray2*
1 Jan 2014 - 5:59 pm | जेपी
आंदो
1 Jan 2014 - 6:02 pm | यशोधरा
स्नेहा, सॉलिड अभ्यास दिसतो आहे! :)
1 Jan 2014 - 6:03 pm | तिमा
डु आयडीची लक्षणे आवडली. आता ज्येष्ठ सभासदांवर येऊ द्या.
1 Jan 2014 - 6:45 pm | डॉ सुहास म्हात्रे
मस्त ! और आंदो जल्दी जल्दी !!
1 Jan 2014 - 6:59 pm | आतिवास
ही लक्षणं वाचून आता 'डू आयडी' ओळखता येतोय का ते पाहते :-)
1 Jan 2014 - 7:03 pm | अनन्न्या
दंडवत!
1 Jan 2014 - 7:12 pm | arunjoshi123
आपल्याकडून मूळ दासबोध ऐकणे किती सुखद असावे!
1 Jan 2014 - 7:31 pm | राही
डुआय्डीलक्षणनाम द्वितीय समास खूपच आवडला.
1 Jan 2014 - 7:53 pm | चित्रगुप्त
ऐकता ड्वायडीची लक्षणे
कुश्चिळ आणि विलक्षणे
मारोन फाट्यावर विचक्षणे
निद्रेसि भजावे /१/
अथवा घ्यावा तोचि छंद
स्वताशी हासोन मंद मंद
डुआयडी घेओन स्वच्छंद
मिपावरी धुडगुसावे /२/
ऐसा निश्चयो जाहला
डुआयडी पाहिजे घेतला
तरी योजावे कोणत्या नामाला
कळेना जाले /३/
श्रोते पुसती कोण नाम
घेता साधेल अवघे काम
वाचकासि फुटेल घाम
कोण्या नामे /४/
आता असो हे बोलणे
सत्वर दुआयडीस घेणे
क्रियेवीण काही बोलणे
वाचाळता /५/
स्त्रिआयडींची त्सुनामी
वर्णिली चित्रगुप्ते नामी
दुवा दिला येईल कामी
'इथे' पहावा /६/
http://www.misalpav.com/node/24707
1 Jan 2014 - 10:13 pm | सस्नेह
लगे रहो चित्रगुप्तभौ !
1 Jan 2014 - 8:07 pm | पैसा
लै भारी! थांबू नको. लिहीत रहा!!
1 Jan 2014 - 9:17 pm | इन्दुसुता
फर्स्ट क्लास!!!!
1 Jan 2014 - 9:20 pm | arunjoshi123
अगाईगं. च्यायला त्या अमेरिकेचा जीडीपी कितीही होवो, जोपर्यंत चित्रगुप्त साहेबांसारखे लोक आमच्या देशात आउटपुट देताहेत तोपर्यंत आमचेच जीवनमान उच्च.
1 Jan 2014 - 9:21 pm | अत्रुप्त आत्मा
__/|\__ आफाट मारलय धरून!
पहिले सहा बाण तर इतके बेकार खोल मारलेत की क्या केहेने? रक्तबंबाळ..रक्तबंबाळ केलय अगदी!
1 Jan 2014 - 9:43 pm | कवितानागेश
मस्त. मजा येतेय वाचायला.
1 Jan 2014 - 10:10 pm | मितान
ए अजून अजून.... =))
1 Jan 2014 - 11:34 pm | हतोळकरांचा प्रसाद
:D :))
2 Jan 2014 - 10:03 am | पाषाणभेद
खतरनाक. आता दृष्ट्रांत येवूद्यात.
2 Jan 2014 - 10:25 am | नाखु
वाचाळ चोंबडा चौकस |कुटीळ अंतस्थ मानस |
कुवत नसता भंकस | करी तो येक डुआयडी |५|
या आणि ईतर रचना म्हणजे:
वेचूनी शब्द किमान| आशय फेडे तुमान|
टवाळ घुसखोरांचा पर्दाफाश |डु-आयडींचा परामर्श ठायी ठायी |
2 Jan 2014 - 10:27 am | जेपी
लगे रहो चित्रगुप्तभौ !
+१2 Jan 2014 - 10:27 am | मदनबाण
झकास्स्स !
2 Jan 2014 - 11:25 am | गवि
सर्व प्रतिसादकांना धन्यवाद..!!
( हॅ हॅ हॅ )
2 Jan 2014 - 3:15 pm | सस्नेह
धन्यवादासाठी मा. संपादकांचे धन्यवाद !
2 Jan 2014 - 11:27 am | नित्य नुतन
दंडवत ___/\___
*clapping*
2 Jan 2014 - 11:40 am | स्पा
झकासच
2 Jan 2014 - 11:46 am | मारकुटे
मस्त !
2 Jan 2014 - 11:55 am | वासु
वा वा... वा वा
2 Jan 2014 - 12:15 pm | प्यारे१
अगो.... सांभाळून हो!
(परिक्षण अम्मळ गंडलंय. खर्या आयडींची लक्षणं देऊन डुआयडी म्हणताय काय? ;) )
2 Jan 2014 - 2:40 pm | सस्नेह
नै रे प्यारेभौ, ते डुआयडी मेले अगदी बेमालूम आहेत बघ !
2 Jan 2014 - 1:07 pm | बॅटमॅन
हाही भाग जबरीच!!!
पण काही थोडं रिपिटिशन दिसतंय, हा डुआयडीचा परिणाम तर न्हवे ;)
2 Jan 2014 - 1:39 pm | यसवायजी
डुआय्ड्या लै वेंजॉय करत्यात काय?? म्या बी एक ऐडी घेतुच आता... ;)
2 Jan 2014 - 2:02 pm | मारकुटे
जरा एकदा दत्तोबांवर पण लिहा
2 Jan 2014 - 2:44 pm | सस्नेह
तो अधिकार हभप प्यारेमहाराजांचा !
(ते एकटेच हात धुवून मागे लागलेत तर दत्तगुरु परेशान झालेत. आम्ही लागलो तर गुप्तच व्हायचे...)
2 Jan 2014 - 2:46 pm | मारकुटे
दत्त दत्त
2 Jan 2014 - 3:49 pm | प्यारे१
१४ नुकतंच उजाडलंय. का त्रास देताय गरीबाला? ३६३ दिवस जायचेत अजून.
2 Jan 2014 - 4:29 pm | मारकुटे
जातील जातील दिवसच ते जातील
2 Jan 2014 - 3:55 pm | सुहास..
मुळात प्यारे१ हा हभप बाबा सातारकर महाराजांचा ड्यु आयडी आहे ;)
2 Jan 2014 - 5:44 pm | प्यारे१
नामा, नामा... असं कसं बोलतोस रे????
हम्म्म! कळ्ळं का काय सांगितलं त्ये?
बाबामहाराजांची काय ती रसाळ वाणी महाराजा. एकदा ऐकावं नि ऐकतच रहावं.
राम क्रिष्ण हरि|
3 Jan 2014 - 9:36 am | प्रीत-मोहर
मस्स्स्स्स्त!!!!